‘पंचायती राज संस्थाओं के माध्यम से सतत विकास लक्ष्यों का स्थानीयकरण’ रिपोर्ट

केंद्रीय ग्रामीण विकास और पंचायती राज मंत्री गिरिराज सिंह ने 7 दिसंबर, 2021 को ‘पंचायती राज संस्थानों के माध्यम से सतत विकास लक्ष्यों (एसडीजी) का स्थानीयकरण’ पर रिपोर्ट जारी की।

महत्वपूर्ण तथ्यः रिपोर्ट एसडीजी को हासिल करने की दिशा में कार्य योजना के रूप में काम करेगी, जो 2030 तक एसडीजी हासिल करने की भारत की प्रतिबद्धता को रेखांकित करती है।

  • रिपोर्ट समाज के अंतिम व्यक्ति तक विकास का लाभ पहुंचाने के लिए एक रोडमैप के रूप में काम करेगी।
  • इस अवसर पर केंद्रीय ग्रामीण विकास एवं पंचायती राज मंत्री द्वारा दो समर्पित डैशबोर्ड का लोकार्पण किया गया।
  • (i) ‘ग्राम पंचायत विकास योजना’ की प्रगति की निगरानी पर ‘ग्राम पंचायत विकास योजना मॉनिटरिंग डैशबोर्ड’ और (ii) ‘प्रशिक्षण प्रबंधन पोर्टल’, जिसका उद्देश्य पंचायती राज संस्थानों के निर्वाचित प्रतिनिधियों और पदाधिकारियों का क्षमता निर्माण और प्रशिक्षण प्रदान करना है।

पृष्ठभूमिः भारत सतत विकास लक्ष्यों (एसडीजी) 2030 का एक हस्ताक्षरकर्ता है। पंचायती राज मंत्रलय ‘राष्ट्रीय ग्राम स्वराज अभियान योजना’ के माध्यम से एसडीजी को हासिल करने के लिए प्रतिबद्ध है।

  • मई 2021 में, पंचायत स्तर पर एसडीजी के स्थानीयकरण पर मंत्रलय को नीतिगत मार्गदर्शन प्रदान करने के लिए तमिलनाडु सरकार में अतिरित्तफ़ मुख्य सचिव, जयश्री रघुनंदन की अध्यक्षता में एक विशेषज्ञ समूह का गठन किया गया था।

प्रश्नोत्तर-सार

गंतव्य आधारित कौशल विकास प्रशिक्षण कार्यक्रम

  • पर्यटन मंत्रलय ने प्रतिष्ठित पर्यटन स्थलों के पास रहने वाले स्थानीय लोगों को प्रशिक्षित करने और संवेदनशील बनाने के लिए वित्त वर्ष 2019-20 में 7 प्रतिष्ठित स्थलों पर गंतव्य आधारित कौशल विकास प्रशिक्षण कार्यक्रम शुरू किया।
  • ये 7 प्रतिष्ठित स्थल आगरा में ताजमहल_ दिल्ली में हुमायूं का मकबरा, लाल किला,कुतुबमीनार_ बिहार में महाबोधि मंदिर_ गोवा में कोलवा बीच_ और असम में काजीरंगा हैं। यह कार्यक्रम वित्तीय वर्ष 2020-21 में जारी रहा और 150 से अधिक नए गंतव्यों तक विस्तारित किया गया। हालांकि, कोविड-19 महामारी के कारण यह कार्यक्रम 44 गंतव्यों पर संपन्न हुआ। यह कार्यक्रम चालू वित्त वर्ष 2021-22 के दौरान जारी है। अब तक यह कार्यक्रम 24 गंतव्यों पर संपन्न हो चुका है।

‘कावेरी’ इंजन परियोजना

  • सुरक्षा पर कैबिनेट समिति ने 1989 में एयरक्राफ्रट से संबंधित स्वदेशी ‘कावेरी इंजन परियोजना’ को मंजूरी दी थी। 2035-56 करोड़ रुपये के खर्च के साथ 30 साल तक चली इस परियोजना में नौ पूर्ण प्रोटोटाइप इंजन और चार कोर इंजन का विकास किया गया। कुल 3217 घंटे का इंजन परीक्षण किया गया और इंजन ने ऊंचाई परीक्षण और फ्रलाइंग टेस्ट बेड (एफटीबी) परीक्षण भी पूरा किया है। पहली बार स्वदेश में विकसित सैन्य गैस टरबाइन इंजन का उड़ान परीक्षण किया गया। कावेरी इंजन परियोजना ने कई महत्वपूर्ण प्रौद्योगिकी डोमेन में उच्च प्रौद्योगिकी तत्परता स्तर (higher Technology Readiness Level) हासिल किया है और उन प्रौद्योगिकियों का उपयोग देश के विभिन्न इंजन विकास कार्यक्रमों में किया जा रहा है।

राष्ट्रीय परिदृश्य