अपशिष्ट-वार शहरः नगरपालिका में ठोस अपशिष्‍ट प्रबंधन में श्रेष्‍ठ प्रक्रियाएं

6 दिसंबर, 2021 को नीति आयोग और विज्ञान एवं पर्यावरण केन्द्र (सीएसई) ने ‘अपशिष्ट-वार शहरः नगरपालिका में ठोस अपशिष्ट प्रबंधन में श्रेष्ठ प्रक्रियाओं’ (Wsate-wise Cities: Best practices in municipal solid wsate management) के सार-संग्रह का विमोचन किया।

महत्वपूर्ण तथ्यः ‘अपशिष्ट-वार शहरः नगरपालिका में ठोस अपशिष्ट प्रबंधन में श्रेष्ठ प्रक्रियाओं’ (Wsate-wise Cities: Best practices in municipal solid wsate management) शीर्षक वाली इस रिपोर्ट में, भारत के 15 राज्यों के 28 शहरों से श्रेष्ठ प्रक्रियाओं का दस्तावेजीकरण किया गया है।

  • नई रिपोर्ट नीति आयोग और सीएसई द्वारा संयुक्त रूप से किए गए एक देशव्यापी अध्ययन और सर्वेक्षण का परिणाम है।
  • यह संग्रह विकासशील शहरों के लिए नए विचार प्राप्त करने, रणनीतियों के बारे में सीखने, संस्थागत प्रबंधन करने, प्रौद्योगिकियों और तौर-तरीकों के बारे में जानने का एक संसाधन है।
  • नीति आयोग और सीएसई संयुत्तफ़ रूप से देश भर के शहरों में अपशिष्ट प्रबंधन से संबंधित शिक्षा का प्रसार करने के लिए कार्यशालाओं की मेजबानी करेंगे।

जीके फ़ैक्ट

  • 1 अक्टूबर, 2021 को लॉन्च किया गया ‘स्वच्छ भारत मिशन - शहरी 2-0’ शहरों में ठोस अपशिष्ट प्रबंधन के लिए एक स्पष्ट रणनीति पर आधारित है। यह रणनीति स्रोत पृथक्कीरण, सामग्री की दोबारा प्रोसेसिंग और शून्य-लैंडफिल (zero-landfills) पर केद्रित है।

इन्हें भी जानें

कोन्याक जनजाति

  • नागालैंड में मोन जिले के ओटिंग गांव में नागरिकों की हत्या के बाद राज्य की सबसे बड़ी जनजातियों में से एक ‘कोन्याक’ (Konyaks) चर्चा में हैं।
  • मोन जिले में कोन्याक जनजाति की अधिक आबादी है और इस घटना में मारे गए ग्रामीण इसी समुदाय के थे। कोन्याक जनजाति की आबादी 3 लाख से अधिक है और ये अरुणाचल प्रदेश, असम और म्यांमार में भी निवास करते हैं। इसे नागालैंड में सबसे उग्र योद्धा जनजातियों में से एक के रूप में जाना जाता है। प्रतिद्वंद्वी जनजातियों पर हमला करने के बाद दुश्मनों के सिर को अलग करने की प्रथा यानी ‘हेड हंटिंग’ (head-hunting) को 1980 के दशक के अंत में छोड़ने वाली यह अंतिम जनजाति थी। नागालैंड में मोन एकमात्र जिला है, जहां अलगाववादी समूह NSCN (IM) मुख्य रूप से कोन्याक के प्रतिरोध के कारण आधार शिविर स्थापित करने में सक्षम नहीं हो पाया। कोन्याक की शांति वार्ता के सुचारू समाधान के साथ-साथ राज्य में वार्ता के बाद शांति प्रक्रिया के लिए प्रमुख भूमिका रहती है।

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