मेदारम जात्रा

जनजातीय मामलों के मंत्रालय ने मेदारम जात्रा (Medaram Jathara) 2022 से संबंधित विभिन्न गतिविधियों के लिए 2.26 करोड़ मंजूर किए। इस वर्ष यह उत्सव 16-19 फरवरी, 2022 तक मनाया जा रहा है।

महत्वपूर्ण तथ्य: यह तेलंगाना के दूसरे सबसे बड़े जनजातीय समुदाय- कोया जनजाति द्वारा चार दिनों तक मनाए जाने वाला बहुप्रतीक्षित द्विवार्षिक उत्सव है।

  • कुम्भ मेले के बाद मेदारम जात्रा को देश का दूसरा सबसे बड़ा उत्सव माना जाता है।
  • मेदारम जात्रा देवी ‘सम्माक्का’ और ‘सरलम्मा’ के सम्मान में आयोजित किया जाता है। यह उत्सव ‘माघ’ महीने (फरवरी) में पूर्णमासी को दो वर्षों में एक बार मनाया जाता है। सम्माक्का की पुत्री का नाम सरलम्मा था।
  • करोड़ों तीर्थयात्री मुलुगू जिले में आते हैं और पूरे हर्षोल्लास के साथ उत्सव मनाते हैं। विभिन्न गांवों के श्रद्धालु और विभिन्न अनुसूचित जनजातियां यहां इक्ट्ठा होती हैं।
  • 'मेदारम' एतुर्नगरम वन्यजीव अभयारण्य में एक दूरस्थ स्थान है, जो मुलुगु में सबसे बड़े जीवित वन क्षेत्र ‘दंडकारण्य’ का एक हिस्सा है।

जीके फ़ैक्ट

  • त्योहार के आगमन और इसके शुभ महत्व को ध्यान में रखते हुए, मेदारम जात्रा को 1996 में तेलंगाना में एक राज्य महोत्सव घोषित किया गया था।

इस माह के चर्चित संस्थान एवं संगठन

केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड

विनीत जोशी को 14 फरवरी, 2022 को केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड (Central Board of Secondary Education: CBSE) का अध्यक्ष नियुक्त किया गया है। जोशी ने मनोज आहूजा का स्थान लिया है।

  • यह भारत में सार्वजनिक और निजी स्कूलों के लिए राष्ट्रीय स्तर का शिक्षा बोर्ड है। यह शिक्षा मंत्रालय के तहत काम करता है। इसका गठन 1929 में भारत सरकार के एक संकल्प द्वारा किया गया था। बोर्ड के संविधान में 1952 में संशोधन किया गया और इसका वर्तमान नाम केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड रखा गया। 1962 में बोर्ड का पुनर्गठन किया गया ताकि पूरे देश में छात्रों और विभिन्न शैक्षणिक संस्थानों को अपनी सेवाएं उपलब्ध कराई जा सकें। इसका मुख्यालय नई दिल्ली में है।

राष्ट्रीय परिदृश्य