तारापुर नरसंहार
बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने कहा कि 90 साल पहले बिहार के मुंगेर जिले के तारापुर शहर (अब उपखंड) में पुलिस द्वारा मारे गए 34 स्वतंत्रता सेनानियों की याद में 15 फरवरी को 'शहीद दिवस' के रूप में मनाया जाएगा।
महत्वपूर्ण तथ्य: 15 फरवरी, 1932 को, युवा स्वतंत्रता सेनानियों के एक समूह ने तारापुर के थाना भवन में एक भारतीय राष्ट्रीय ध्वज फहराने की योजना बनाई।
- पुलिस को इस योजना की जानकारी थी और मौके पर कई अधिकारी मौजूद थे। दोपहर 2 बजे के करीब, जब पुलिस ने क्रूर लाठीचार्ज किया, तो उनमें से एक गोपाल सिंह थाना भवन में झंडा फहराने में सफल रहा।
- 4,000 लोगों की भीड़ ने पुलिस पर पथराव किया, जिसमें नागरिक प्रशासन का एक अधिकारी घायल हो गया था।
- पुलिस ने भीड़ पर अंधाधुंध फायरिंग कर जवाबी कार्रवाई की। लगभग 75 राउंड फायरिंग के बाद, 34 शव मौके पर मिले, हालांकि इससे भी बड़ी संख्या में मौतों का दावा किया गया था।
राष्ट्रीय परिदृश्य
- 1 संक्षिप्त सामयिकी
- 2 जमीन पर हमला करने में सक्षम ब्रह्मोस मिसाइल
- 3 बेरोजगारी के कारण आत्महत्या
- 4 स्वच्छता सारथी फेलोशिप 2022
- 5 संशोधित प्रधानमंत्री मातृ वंदना योजना
- 6 मेदारम जात्रा
- 7 भारत की जी-20 अध्यक्षता
- 8 समृद्ध पहल
- 9 केंद्रीय मीडिया प्रत्यायन दिशानिर्देश-2022
- 10 सीमा अवसंरचना और प्रबंधन योजना
- 11 स्ट्रीट चिल्ड्रन की सुरक्षा
- 12 'प्रवासियों और स्वदेश वापस लौटने वाले लोगों के लिए राहत और पुनर्वास' की समग्र योजना
- 13 भाखड़ा ब्यास प्रबंधन बोर्ड
- 14 आधुनिक तकनीकों पर आधारित रक्षा भूमि सर्वेक्षण
- 15 पुलिस बलों के आधुनिकीकरण की योजना
- 16 स्टैच्यू ऑफ इक्वैलिटी
- 17 अंतर-संचालन योग्य आपराधिक न्याय प्रणाली परियोजना
- 18 राष्ट्रीय उच्चतर शिक्षा अभियान
- 19 ईट राइट कैंपस
- 20 इंडियन होम रूल सोसाइटी
- 21 12वां राष्ट्रपति फ्लीट रिव्यू 2022
- 22 सस्टेनेबल सिटीज इंडिया प्रोग्राम
- 23 आयुष्मान भारत डिजिटल मिशन
- 24 ऑपरेशन आहट
- 25 गहन मिशन इंद्रधनुष 4.0
- 26 स्माइल योजना
- 27 डार्कथॉन-2022
- 28 ऑपरेशन गंगा
- 29 नव भारत साक्षरता कार्यक्रम