चार श्रम संहिताएँ: लाभ, आलोचनाएँ और प्रगति
2019 और 2020 के बीच, भारत ने 29 केंद्रीय श्रम कानूनों को चार एकीकृत संहिताओं में समेकित कर दिया—वेतन, औद्योगिक संबंध, सामाजिक सुरक्षा, और व्यावसायिक सुरक्षा, स्वास्थ्य एवं कार्यदशाएँ—जिसका उद्देश्य अनुपालन को सरल बनाना, श्रमिकों की सुरक्षा बढ़ाना और औपचारिक रोजगार सृजन को बढ़ावा देना था। हालाँकि, जुलाई 2025 तक इनका कार्यान्वयन अभी भी लंबित है।
श्रम संहिताएँ
श्रम संहिता |
उद्देश्य |
वेतन संहिता, 2019 |
चार मौजूदा कानूनों को समाहित कर वेतन और बोनस भुगतान को विनियमित करना। इसका उद्देश्य न्यूनतम वेतन को सार्वभौमिक बनाना, समय पर भुगतान सुनिश्चित करना, समान वेतन को बढ़ावा देना और पारदर्शिता बढ़ाना है। |
औद्योगिक संबंध .... |
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