श्रम बाज़ार की गतिशीलता

भारत की 575 मिलियन से अधिक की कार्यशील जनसंख्या तीव्र संरचनात्मक परिवर्तन से गुजर रही है। जहाँ अनौपचारिक रोज़गार 80% से अधिक है, वहीं स्वरोज़गार और गिग अर्थव्यवस्था में वृद्धि हो रही है। महिलाओं की भागीदारी धीरे-धीरे बेहतर हो रही है, और युवा अब काम के साथ पढ़ाई का संतुलन बना रहे हैं, जिससे पारंपरिक रोज़गार मॉडल में बदलाव हो रहा है।

हालिया प्रगति

  • वर्ष 2017-18 में 15 वर्ष और उससे अधिक आयु के व्यक्तियों के लिए भारत की बेरोज़गारी दर 6% से घटकर 2023-24 में 3.2% हो गई।
  • महिला श्रम भागीदारी दर (Female LFPR) 2017-18 में 23.3% से बढ़कर ....
क्या आप और अधिक पढ़ना चाहते हैं?
तो सदस्यता ग्रहण करें
इस अंक की सभी सामग्रियों को विस्तार से पढ़ने के लिए खरीदें |

पूर्व सदस्य? लॉग इन करें


वार्षिक सदस्यता लें
सिविल सर्विसेज़ क्रॉनिकल के वार्षिक सदस्य पत्रिका की मासिक सामग्री के साथ-साथ क्रॉनिकल पत्रिका आर्काइव्स पढ़ सकते हैं |
पाठक क्रॉनिकल पत्रिका आर्काइव्स के रूप में सिविल सर्विसेज़ क्रॉनिकल मासिक अंक के विगत 6 माह से पूर्व की सभी सामग्रियों का विषयवार अध्ययन कर सकते हैं |

संबंधित सामग्री

प्रारंभिक विशेष