हरित आर्थिक योजना

हरित आर्थिक नियोजन में पर्यावरणीय स्थिरता और जलवायु कार्रवाई को मुख्य आर्थिक नीतियों और विकास रणनीतियों में एकीकृत करना शामिल है। इसका उद्देश्य आर्थिक विकास को बढ़ावा देते हुए कार्बन उत्सर्जन को कम करना, प्राकृतिक संसाधनों का संरक्षण करना, जैव विविधता को बढ़ावा देना और जलवायु परिवर्तन के प्रति लचीलापन विकसित करना है।

हालिया प्रगति

  • केंद्रीय बजट 2024-25 और आर्थिक सर्वेक्षण 2024-25 ने "हरित विकास" को प्राथमिकता दी, जिसमें नवीन और नवीकरणीय ऊर्जा मंत्रालय को ₹191 बिलियन आवंटित किए गए (2023-24 में ₹102.22 बिलियन से ऊपर)।
  • भारत की स्थापित नवीकरणीय ऊर्जा क्षमता 31 मार्च, 2025 तक 220.10 गीगावाट तक पहुंच गई ....
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