भारत की 15वीं राष्ट्रपतिः श्रीमती द्रौपदी मुर्मू

21 जुलाई, 2022 को घोषित राष्ट्रपति चुनाव परिणाम में श्रीमती द्रौपदी मुर्मू को भारत का नया राष्ट्रपति चुन लिया गया। श्रीमती मुर्मू ने 64% मत हासिल किये, जबकि विपक्ष के उम्मीदवार यशवंत सिन्हा को 36% वोट प्राप्त हुए।

महत्वपूर्ण तथ्यः भारत के प्रधान न्यायाधीश न्यायमूर्ति एन-वी- रमना ने 25 जुलाई 2022 को संसद के केन्द्रीय कक्ष में उन्हें राष्ट्रपति पद की शपथ दिलाई।

  • इस प्रकार श्रीमती द्रौपदी मुर्मू भारत की 15वीं राष्ट्रपति बन गईं।
  • द्रौपदी मुर्मू राष्ट्रपति पद पर आसीन होने वाली भारत की पहली जनजातीय व्यक्ति हैं।
  • श्रीमती मुर्मू का जन्म 20 जून, 1958 को ओडिशा के मयूरभंज जिले में हुआ था। द्रौपदी मुर्मू (64 वर्षीय) देश की सबसे कम उम्र की राष्ट्रपति होने के साथ-साथ भारत की पहली राष्ट्रपति हैं, जिनका जन्म स्वतंत्रता के बाद हुआ है।
  • 1997 में श्रीमती मूर्मु पहली बार राजनीति में शामिल हुईं और ओडिशा के मयूरभंज जिले के रायरंगपुर अधिसूचित क्षेत्र परिषद में पार्षद चुनी गईं थी।
  • उन्होंने 2002 से 2009 तक रायरंगपुर विधासभा क्षेत्र से 2 बार विधायक और 1 बार ओडिशा सरकार में वाणिज्य, परिवहन, मत्स्य पालन और पशु संसाधन विकास मंत्री के रूप में कार्य किया।
  • 18 मई, 2015 से 12 जुलाई, 2021 तक श्रीमती मुर्मू ने झारखंड के राज्यपाल के रूप में अपनी सेवाएं दी।
  • वे झारखंड की पहली महिला राज्यपाल भी थीं और किसी भी भारतीय राज्य में राज्यपाल के रूप में सेवा करने वाली पहली महिला आदिवासी नेता थीं।
  • राष्ट्रपति मुर्मू ‘संथाल जनजाति’ समूह से संबंधित है।

राष्ट्रपति का पद

  • भारतीय संविधान में राष्ट्रपति के नाममात्र प्रमुख होने की अवधारणा ब्रिटेन के संविधान से ली गई है। इन दोनों देशों के प्रमुखों में मूलभूत अन्तर यह है कि ब्रिटेन के प्रमुख का पद वंशानुगत होता है, जबकि भारत का राष्ट्रपति एक निर्वाचित मण्डल द्वारा निर्वाचित किया जाता है। इसी अन्तर के कारण भारत को प्रजातांत्रिक गणतन्त्र कहा जाता है।
  • अनुच्छेद 53 के अनुसार संघ की कार्यपालिका शक्ति राष्ट्रपति में निहित है। वे भारतीय सशस्त्र सेनाओं को सर्वोच्च सेनानायक भी होते है। राष्ट्रपति का कार्यकाल 5 वर्ष का होता है।
  • संविधान के अनुच्छेद 60 में राष्ट्रपति द्वारा लिए जाने वाले शपथ या प्रतिज्ञान का उल्लेख किया गया है। अनुच्छेद 60 में कहा गया है कि राष्ट्रपति को पद की शपथ भारत के मुख्य न्यायाधीश या उनकी अनुपस्थिति में उपलब्ध सर्वोच्च न्यायालय के वरिष्ठतम न्यायाधीश द्वारा दिलाई जाती है।
  • राष्ट्रपति के रूप में कार्य करने वाला या राष्ट्रपति के कार्यों का निर्वहन करने वाला कोई अन्य व्यक्ति भी इसी तरह की शपथ या प्रतिज्ञान करता है। राष्ट्रपति का निर्वाचन इलेक्टोरल कॉलेज (Electoral College) के द्वारा एकल संक्रमणीय मत प्रणाली (Single Transferable Vote System) के माध्यम से किया जाता है।
  • इस इलेक्टोरल कॉलेज (निर्वाचक मंडल) में लोकसभा और राज्यसभा के निर्वाचित सदस्य और इसके अलावा सभी विधानसभाओं के निर्वाचित सदस्य होते हैं।
  • विधान परिषद् के सदस्य, लोकसभा और राज्यसभा के नामांकित सदस्य राष्ट्रपति के निर्वाचक मंडल में शामिल नहीं होते हैं।
  • लोकसभा और राज्यसभा के मत का मूल्य एक होता है जबकि विधानसभा के सदस्यों का अलग होता है। यह राज्य की जनसंख्या के आधार पर तय किया जाता है।

राष्ट्रीय परिदृश्य