राष्ट्रीय प्रतीक का अनावरण

11 जुलाई, 2022 को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने एक विशेष समारोह में नए संसद भवन के ऊपर स्थापित राष्ट्रीय प्रतीक का अनावरण किया।

महत्वपूर्ण तथ्यः इस धातु की मूर्ति का निर्माण औरंगाबाद, जयपुर और दिल्ली में कलाकारों सुनील देवरे तथा लक्ष्मण व्यास द्वारा किया गया है।

  • पहले के डिजाइन में इमारत के ऊपर एक शिखर शामिल था और वर्ष 2020 में इसे अशोक प्रतीक के साथ बदल दिया गया था।
  • वर्तमान का यह राष्ट्रीय प्रतीक कांस्य (Bronze) धातु से बना है और इसका कुल वजन 9500 किलोग्राम है तथा इसकी ऊंचाई 6.5 मीटर है।
  • इसे नए संसद भवन के केन्द्रीय कक्ष के शीर्ष पर बनाया गया है। प्रतीक के समर्थन के लिए लगभग 6500 किलोग्राम वजन वाले स्टील की एक सहायक संरचना का भी निर्माण किया गया है।
  • नए संसद भवन की छत पर राष्ट्रीय प्रतीक की ढलाई की प्रक्रिया क्ले मॉडलिंग (clay modeling) व कंप्यूटर ग्राफिक से कांस्य कास्टिंग (bronze casting) और पॉलिशिंग तक तैयारी के 8 अलग-अलग चरणों से गुजरी है।

राष्ट्रीय प्रतीक

  • भारत के राष्ट्रीय प्रतीक को उत्तर प्रदेश के वाराणसी शहर के सारनाथ स्थान में विद्यमान सम्राट अशोक द्वारा निर्मित अशोक स्तंभ से लिया गया है।
  • इसमें मूल रूप में 4 शेर हैं। जो एक दूसरे की ओर पीठ किए हुए हैं। इसके नीचे घंटे के आकार के पद्म के ऊपर एक चित्र वल्लरी में एक हाथी चौकड़ी भरता हुआ एक घोड़ा, एक सांड तथा एक सिंह की उभरी हुई मूर्तियां हैं जिनके बीच-बीच में चक्र बने हुए हैं। 26 जनवरी 1950 को भारत सरकार द्वारा अपनाए गए राज्य चिन्ह में केवल तीन शेर दिखाई देते हैं, चौथा दृश्य से छिपा हुआ है।
  • राष्ट्रीय प्रतीक सरकार के सभी आधिकारिक संचार में प्रयुक्त किया जाता है।

राष्ट्रीय परिदृश्य