स्वच्छ प्रमाणन प्रोटोकॉल

26 जून 2022 को आवास और शहरी मामलों के मंत्रालय (MoHUA) के द्वारा स्वच्छ भारत मिशन-शहरी 2-0 के तहत पूरे शहरी भारत में खुले में शौच मुक्त स्थिति को बनाए रखने हेतु संशोधित स्वच्छ प्रमाणन प्रोटोकॉल लांच किया है।

महत्वपूर्ण तथ्यः संशोधित स्वच्छ प्रमाणन प्रोटोकॉल का उद्देश्य शहरों की रैंकिंग में सुधार करना तथा सभी शहरों के लिए कचरा मुक्त स्थिति को प्राप्त करना एवं स्वच्छ भारत मिशन शहरी के लक्ष्य को प्राप्त करने के लिए शहरों को प्रेरित करना है।

संशोधित स्वच्छ प्रमाणन प्रोटोकॉल के बारे में: इस प्रोटोकॉल में स्वच्छ शहरी भारत के लक्ष्य को प्राप्त करने के लिए विश्वसनीय संचालन और रखरखाव तंत्र के साथ शहरों को एक मजबूत बुनियादी ढांचे हेतु प्रोत्साहित करने के प्रावधान सम्मिलित किये गए हैं। प्रत्येक प्रमाणीकरण के लिए मुख्य हस्तक्षेप निम्नलिखित हैं:

  • ओडीएफः इसमें सर्वेक्षण नमूना आकार और स्थान प्रकारों की संख्या में वृद्धि करके मजबूत निगरानी तंत्र सुनिश्चित किया गया।
  • ओडीएफ+: लंबे समय में उनकी स्थिरता के लिए कम्युनिटी टॉयलेट और पब्लिक टॉयलेट के संचालन और रखरखाव बिजनेस मॉडल की कार्यक्षमता पर ध्यान दिया गया।
  • ओडीएफ++: सेप्टिक टैंक और सीवर की मशीनीकृत सफाई पर जोर दिया गया है।
  • जल+: पर्यावरण प्रदूषण को रोकने के लिए उपयोग किए गए पानी और मल कीचड़ दोनों के संग्रह, परिवहन, उपचार और पुनः उपयोग पर ध्यान केंद्रित किया गया है।

स्वच्छ भारत मिशन

  • स्वच्छ भारत मिशन (Swachh Bharat Mission) भारत सरकार द्वारा 2 अक्टूबर, 2014 में खुले में शौच को समाप्त करने और ठोस अपशिष्ट प्रबंधन में सुधार के लिए शुरू किया गया एक देशव्यापी अभियान है।
  • इस मिशन का उद्देश्य शौचालयों के निर्माण के माध्यम से महात्मा गांधी के जन्म की 150वीं वर्षगांठ 2 अक्टूबर 2019 तक ‘खुले में शौच मुत्तफ़’ भारत प्राप्त करना था।

राष्ट्रीय परिदृश्य