एमिनेंट डोमेन का सिद्धांत
एमिनेंट डोमेन सिद्धांत या ‘निजी संपत्ति के सार्वजनिक उपयोग हेतु रूपांतरण के सिद्धांत’ की उत्पत्ति लैटिन शब्द ‘एमिनेंशिया’ से हुई है, यह शब्द ‘श्रेष्ठ आधिपत्य’ को संदर्भित करता है, जिसे सरकार अपने अधिकार क्षेत्र के भीतर सभी संपत्तियों पर प्रयोग करती है।
- ‘निजी संपत्ति के सार्वजनिक उपयोग हेतु रूपांतरण का सिद्धांत’ (Doctrine of Eminent Domain), प्रशासनिक विधि का एक अभिन्न अंग है। यह सिद्धांत सरकार को निजी संपत्ति को सार्वजनिक उपयोग हेतु उपयुक्त बनाने का अधिकार देता है।
- यह जटिल कानूनी प्रावधान लोक कल्याण, शहरी नियोजन तथा सरकारी प्राधिकरण को बनाए रखने में एक आवश्यक भूमिका निभाता है।
एमिनेंट डोमेन (Eminent ....
क्या आप और अधिक पढ़ना चाहते हैं?
तो सदस्यता ग्रहण करें
इस अंक की सभी सामग्रियों को विस्तार से पढ़ने के लिए खरीदें |
पूर्व सदस्य? लॉग इन करें
वार्षिक सदस्यता लें
सिविल सर्विसेज़ क्रॉनिकल के वार्षिक सदस्य पत्रिका की मासिक सामग्री के साथ-साथ क्रॉनिकल पत्रिका आर्काइव्स पढ़ सकते हैं |
पाठक क्रॉनिकल पत्रिका आर्काइव्स के रूप में सिविल सर्विसेज़ क्रॉनिकल मासिक अंक के विगत 6 माह से पूर्व की सभी सामग्रियों का विषयवार अध्ययन कर सकते हैं |
संबंधित सामग्री
- 1 राज्य विशेष: 100 अति संभावित प्रश्न
- 2 मॉक टेस्ट पेपर : सामान्य अध्ययन
- 3 राजस्थान के प्रमुख व्यक्तित्व
- 4 राजस्थान के प्रमुख जनजातीय आंन्दोलन
- 5 राजस्थान के प्रमुख समाचार पत्र
- 6 राजस्थान के विभिन्न किसान आंदोलन
- 7 राजस्थान में 1857 क्रांति का घटनाक्रम
- 8 प्राक् हड़प्पा, विकसित व उत्तर हड़प्पा संस्कृति
- 9 राजस्थान में पाषाण युग
- 10 प्रमुख संवैधानिक संशोधन
- 1 उत्तर वैदिक काल के दौरान धर्म और धार्मिक परंपराएं
- 2 महाजनपद: महत्वपूर्ण साम्राज्य, अर्थव्यवस्था एवं प्रशासन
- 3 प्राचीन भारत में गणराज्य
- 4 गुप्त साम्राज्य: अर्थव्यवस्था, समाज एवं धर्म
- 5 संगम युगः समाज, प्रशासन और साहित्य
- 6 प्राचीन काल के प्रमुख विद्वान एवं साहित्यिक कृतियां
- 7 प्राचीन भारत में वैज्ञानिक एवं तकनीकी विकास
- 8 भारतीय दर्शन: महत्वपूर्ण विचार एवं संप्रदाय
- 9 मधयकालीन भारत में धार्मिक संप्रदाय/आंदोलन
- 10 मुगल काल में दृश्य कला का विकास
- 11 विजयनगर साम्राज्य: प्रशासन, सामाजिक-आर्थिक स्थितियां एवं सांस्कृतिक योगदान
- 12 मराठा साम्राज्य: आर्थिक व प्रशासनिक व्यवस्था
- 13 द्रविड़ मंदिर वास्तुकला
- 14 भारत की लोक चित्रकला
- 15 भारत की प्रमुख युद्ध कलाएं
- 16 भारत में महत्वपूर्ण सांस्कृतिक विश्व धारोहर स्थल: मुख्य विशेषताएं
- 17 भारत में आधुनिक राष्ट"वाद का उदय
- 18 किसान एवं जनजातीय आंदोलन
- 19 ब्रिटिश भारत के गवर्नर जनरल और वायसराय: प्रमुख घटनाएं
- 20 भारत में महिला आंदोलन
- 21 ब्रिटिश भू-राजस्व प्रणाली
- 22 ब्रिटिश काल में सामाजिक सुधार के लिए उठाए गए कदम
- 23 ब्रिटिश शासन के दौरान भारत में प्रेस का विकास
- 24 भारतीय राष्ट्रीय आंदोलन में महिलाओं की भागीदारी
- 25 भारतीय राष्ट्रीय आंदोलन: संगठन और उनके नेता
- 26 प्राकृतिक न्याय का सिद्धांत
- 27 न्यायाधीशों की नियुक्ति एवं स्थानांतरण
- 28 विधायी शक्ति का वितरण
- 29 न्यायाधीशों का सुनवाई से खुद को अलग करना
- 30 व्यक्तिगत मानवाधिकार
- 31 ई-गवर्नेंस: अनुप्रयोग एवं पहल
- 32 गोपनीयता एवं डेटा सुरक्षा का अधिकार
- 33 भारत में एसडीजी का स्थानीयकरण
- 34 भारत में डिजिटल मीडिया का विनियमन
- 35 संसदीय लोकतंत्रः भारतीय और ब्रिटिश मॉडल के बीच तुलना
- 36 वैकल्पिक विवाद निवारण तंत्र
- 37 निवारक हिरासत व संवैधानिक सुरक्षा उपाय
- 38 भारत में निःशुल्क विधिक सहायता
- 39 संसदीय एवं विधानसभा निर्वाचन क्षेत्रों का परिसीमन
- 40 लोक सभा की विशिष्ट शक्तियां
- 41 संसद के प्रति कार्यपालिका का सामूहिक उत्तरदायित्व
- 42 भारत में प्रमुख वित्तीय नियामक निकाय
- 43 भारत में किशोर न्याय प्रणाली
- 44 उपभोक्ता विवाद निवारण तंत्र
- 45 केंद्रीय जांच एजेंसियां एवं इनके कार्य
- 46 निर्वाचन आयोगः शक्तियां और सीमाएं
- 47 स्पीकर बनाम राज्यपालः शक्तियों से संबंधित संवैधानिक प्रावधान
- 48 लोकपाल और लोकायुक्तः शक्तियां, कार्य और सीमाएं
- 49 भारत में नये राज्यों का गठन