लोकपाल और लोकायुक्तः शक्तियां, कार्य और सीमाएं
भारत में केंद्र सरकार तथा राज्य स्तर पर क्रमशः लोकपाल और लोकायुक्त का प्रावधान लोकपाल तथा लोकायुक्त अधिनियम, 2013 (Lokpal and Lokayukta Act, 2013) के तहत की गई हैं।
- लोकपाल और लोकायुक्त अपने-अपने क्षेत्रधिकार में ‘ओमबुडसमैन’ (Ombudsman) की भूमिका निभाते हैं। वे कुछ निश्चित सार्वजनिक निकायों/संगठनों के खिलाफ भ्रष्टाचार के आरोपों और अन्य संबंधित मामलों की जांच करते हैं। 
- इनके द्वारा मंत्रियों और शीर्ष सरकारी अधिकारियों के खिलाफ शिकायतों को देखा जाता है।
 
 - 1960 के दशक में, भारत के प्रशासनिक सुधार आयोग (Administrative Reforms Commission) ने भ्रष्टाचार से संबंधित नागरिकों की शिकायतों को दूर करने के लिए दो विशेष ....
 
  क्या आप और अधिक पढ़ना चाहते हैं?
                            				तो सदस्यता ग्रहण करें 
                                      इस अंक की सभी सामग्रियों को विस्तार से पढ़ने के लिए खरीदें |
पूर्व सदस्य? लॉग इन करें
वार्षिक सदस्यता लें
सिविल सर्विसेज़ क्रॉनिकल के वार्षिक सदस्य पत्रिका की मासिक सामग्री के साथ-साथ क्रॉनिकल पत्रिका आर्काइव्स पढ़ सकते हैं |
पाठक क्रॉनिकल पत्रिका आर्काइव्स के रूप में सिविल सर्विसेज़ क्रॉनिकल मासिक अंक के विगत 6 माह से पूर्व की सभी सामग्रियों का विषयवार अध्ययन कर सकते हैं |
संबंधित सामग्री
- 1 ब्रिटिश न्यायिक सुधार और उच्च न्यायालयों की स्थापना
 - 2 सल्तनत एवं मुगल कालीन न्यायिक संरचना
 - 3 ब्रिटिश कालीन पुलिस प्रणाली
 - 4 मुगलकालीन पुलिस व्यवस्था एवं गुप्तचर प्रणालियाँ
 - 5 सल्तनत काल में फ़ौजदारी व्यवस्था
 - 6 मौर्य और गुप्त काल में कानून व्यवस्था
 - 7 पंचायती राज व्यवस्था का संवैधानिकीकरण (73वां और 74वां संशोधन)
 - 8 ब्रिटिश शासन के दौरान स्थानीय शासन व्यवस्था (पंचायती राज प्रणाली का उद्भव)
 - 9 मुगल साम्राज्य के अधीन स्थानीय प्रशासन
 - 10 प्राचीन भारत में स्थानीय सभाओं (सभाओं, समितियों) की भूमिका
 
						  - 1 उत्तर वैदिक काल के दौरान धर्म और धार्मिक परंपराएं
 - 2 महाजनपद: महत्वपूर्ण साम्राज्य, अर्थव्यवस्था एवं प्रशासन
 - 3 प्राचीन भारत में गणराज्य
 - 4 गुप्त साम्राज्य: अर्थव्यवस्था, समाज एवं धर्म
 - 5 संगम युगः समाज, प्रशासन और साहित्य
 - 6 प्राचीन काल के प्रमुख विद्वान एवं साहित्यिक कृतियां
 - 7 प्राचीन भारत में वैज्ञानिक एवं तकनीकी विकास
 - 8 भारतीय दर्शन: महत्वपूर्ण विचार एवं संप्रदाय
 - 9 मधयकालीन भारत में धार्मिक संप्रदाय/आंदोलन
 - 10 मुगल काल में दृश्य कला का विकास
 - 11 विजयनगर साम्राज्य: प्रशासन, सामाजिक-आर्थिक स्थितियां एवं सांस्कृतिक योगदान
 - 12 मराठा साम्राज्य: आर्थिक व प्रशासनिक व्यवस्था
 - 13 द्रविड़ मंदिर वास्तुकला
 - 14 भारत की लोक चित्रकला
 - 15 भारत की प्रमुख युद्ध कलाएं
 - 16 भारत में महत्वपूर्ण सांस्कृतिक विश्व धारोहर स्थल: मुख्य विशेषताएं
 - 17 भारत में आधुनिक राष्ट"वाद का उदय
 - 18 किसान एवं जनजातीय आंदोलन
 - 19 ब्रिटिश भारत के गवर्नर जनरल और वायसराय: प्रमुख घटनाएं
 - 20 भारत में महिला आंदोलन
 - 21 ब्रिटिश भू-राजस्व प्रणाली
 - 22 ब्रिटिश काल में सामाजिक सुधार के लिए उठाए गए कदम
 - 23 ब्रिटिश शासन के दौरान भारत में प्रेस का विकास
 - 24 भारतीय राष्ट्रीय आंदोलन में महिलाओं की भागीदारी
 - 25 भारतीय राष्ट्रीय आंदोलन: संगठन और उनके नेता
 - 26 प्राकृतिक न्याय का सिद्धांत
 - 27 न्यायाधीशों की नियुक्ति एवं स्थानांतरण
 - 28 एमिनेंट डोमेन का सिद्धांत
 - 29 विधायी शक्ति का वितरण
 - 30 न्यायाधीशों का सुनवाई से खुद को अलग करना
 - 31 व्यक्तिगत मानवाधिकार
 - 32 ई-गवर्नेंस: अनुप्रयोग एवं पहल
 - 33 गोपनीयता एवं डेटा सुरक्षा का अधिकार
 - 34 भारत में एसडीजी का स्थानीयकरण
 - 35 भारत में डिजिटल मीडिया का विनियमन
 - 36 संसदीय लोकतंत्रः भारतीय और ब्रिटिश मॉडल के बीच तुलना
 - 37 वैकल्पिक विवाद निवारण तंत्र
 - 38 निवारक हिरासत व संवैधानिक सुरक्षा उपाय
 - 39 भारत में निःशुल्क विधिक सहायता
 - 40 संसदीय एवं विधानसभा निर्वाचन क्षेत्रों का परिसीमन
 - 41 लोक सभा की विशिष्ट शक्तियां
 - 42 संसद के प्रति कार्यपालिका का सामूहिक उत्तरदायित्व
 - 43 भारत में प्रमुख वित्तीय नियामक निकाय
 - 44 भारत में किशोर न्याय प्रणाली
 - 45 उपभोक्ता विवाद निवारण तंत्र
 - 46 केंद्रीय जांच एजेंसियां एवं इनके कार्य
 - 47 निर्वाचन आयोगः शक्तियां और सीमाएं
 - 48 स्पीकर बनाम राज्यपालः शक्तियों से संबंधित संवैधानिक प्रावधान
 - 49 भारत में नये राज्यों का गठन
 

