Question : पूर्व-आधुनिक समाजों में धार्मिक विश्वासों एवं रीतियों के उद्गम
(2005)
Answer : अनेक मानवशास्त्रियों ने पूर्व आधुनिक समाजों में धार्मिक विश्वासों एवं रीतियों के उद्गम को ज्ञात करने के लिए आदिम समाजों का अध्ययन किया। आदिम समाज छोटे एवं सरल प्रकृति के होते हैं। अतः वे संस्कृति के प्रारम्भिक रूप एवं उद्गम को समझने की दृष्टि से महत्वपूर्ण हैं। अनेक मानवशास्त्रियों ने सोचा कि आदिम समाजों से ही आधुनिक जटिल समाजों की उत्पत्ति हुई है। अतः आदिम समाजों में ही धर्म की उत्पत्ति का पता लगाने का ....
Question : सामाजिक संचलनों की विचारधारा और रणनीति
(2004)
Answer : किसी भी सामाजिक आंदोलन की प्रकृति को निर्धारित करने में नेतृत्व एवं विचारधारा की भूमिका अत्यधिक महत्वपूर्ण है। विचारधारा लोगों के समूहों द्वारा माने जाने वाली विश्वासों की एक व्यवस्था है। यह स्थिति को समझने में मदद करती है। इसके अतिरिक्त यह लोगों द्वारा अपनाई गयी क्रियाओं को वैधता प्रदान करती है। इस प्रकार जैसे किसी आंदोलन के मार्गदर्शन हेतु नेतृत्व के साथ रणनीति एक आवश्यक तत्व होता है उसी प्रकार विचारधारा भी आवश्यक होती ....
Question : भारत और संयुक्त राज्य अमेरिका को दृष्टांतिक मॉडलों के तौर पर लेते हुए बहुलवादी समाज में धर्म के प्रकार्यात्मक और साथ ही साथ अप्रकार्यात्मक पक्षों का परीक्षण कीजिए।
(2004)
Answer : निश्चित रूप से भारत और संयुक्त राज्य अमेरिका दोनों ही बहुलवादी समाज हैं जिसमें विभिन्न धर्मों के मानने वाले लोग निवास करते हैं। धर्म संस्कृति का एक अंग है। यह मानव जीवन से संबंधित विभिन्न कार्यों की पूर्ति करता है। यही कारण है कि हमें आदिकाल से लेकर आधुनिक समाज तक सभी समाजों में धर्म देखने को मिलता है। वास्तव में धर्म का वैयक्तिक और सामाजिक दोनों प्रकार का महत्व होता है। परंतु प्रायोगिक तौर ....
Question : मानव समाज में संस्कृति के अर्थ एवं सार्थकता पर चर्चा कीजिए व्यक्तित्व के विकास में संस्कृति की भूमिका का समालोचनात्मक रूप से उजागर कीजिए।
(2003)
Answer : संस्कृति शब्द का प्रयोग अनेक अर्थों में किया गया है। संस्कृति शब्द संस्कृत भाषा से लिया गया है। संस्कृति का अर्थ होता है विभिन्न संस्कारों के द्वारा सामूहिक जीवन के उद्देश्योंकी प्राप्ति। यह परिमार्जन की एक प्रक्रिया है। संस्कारों को सम्पन्न करके ही एक मानव सामाजिक प्राणी बनता है। समाजशास्त्रीय अर्थ में संस्कृति को समाज की धरोहर या विरासत के रूप में परिभाषित किया गया है। समाज द्वारा निर्मित भौतिक एवं अभौतिक दोनो पक्षों की ....
Question : धर्म और विज्ञान।
(2001)
Answer : धर्म एक सामाजिक संस्था है जिसका समस्त तानाबाना अधिदैविक या उत्प्राकृतिक शक्ति अथवा शक्तियों तथा उनका मानव प्राणी के साथ संबंध के विचार के आधार पर बुना हुआ है। उन्नीसवीं सदी के मानवशास्त्रियों विशेषतः टायलर द्वारा दी गई धर्म की व्याख्या तात्विक दृष्टिकोण को प्रस्तुत करती है। टायलर के अनुसार, धर्म देवी-देवताओं तथा अन्य अधि मानवीय प्राणियों जैसे पूर्वज अथवा आत्माओं के प्रति विश्वास तथा इनसे संबंधित कर्मकाण्ड है। धर्म की इस व्याख्या में अवैयक्तिक ....
Question : धर्म के प्रकार्यात्मक और अप्रकार्यात्मक पक्षों की आलोचनात्मक समीक्षा कीजिए।
(2000)
Answer : धर्म संस्कृति का एक अंग है। यह मानव जीवन से संबंधित विभिन्न कार्यों की पूर्ति करता है। यही कारण है कि हमें आदिकाल से लेकर आधुनिक समाज तक सभी समाजों में धर्म देखने को मिलते हैं। धर्म के माध्यम से ही मानव अपने जीवन के लिए कुछ संतोष बटोरने का प्रयत्न करता है। धर्महमें अपनी उन समस्याओं का भी समाधान बता देता है जिन्हें कि विज्ञान भी नहीं सुलझा पाया है। इस प्रकार वैयक्तिक और ....
Question : धर्म की सामाजिक आवश्यकता को सविस्तार प्रतिपादित कीजिए। धर्म और विज्ञान के बीच संबंध पर चर्चा कीजिए।
(1999)
Answer : धर्म की सामाजिक आवश्यकता के इस तथ्य से पता चलता है कि धर्म स्वयं धार्मिक समूह के लिए तथा समाज के लिए, प्रतिमान अनुरक्षण, तनाव-तिरोहन तथा एकीकरण में योगदान करता है।
समाज का एकीकरण कई तथ्यों पर निर्भर करता है- समान या समान से मूल्य आदेशात्मक और निषेधात्मक सामान्यकों का व्यापक स्वीकरण_ इन संस्थापितों सामान्यकों की पारस्परिक सहयोजित सरकार में बल प्रयोग के साधनों का एकछत्र अधिकार हो, अथवा यह समाज के मान्य अधिकारियों के पास ....
Question : धार्मिक बहुलवाद।
(1998)
Answer : धार्मिक बहुलवाद एक विचारधारा है, जिसमें अनेक धर्मों के लोग साथ-साथ सहिष्णुता के साथ रहते हैं एवं सहयोग की भावना होती है। इसमें हर एक व्यक्ति को अपनी इच्छा के मुताबिम धर्म को मानने की स्वतंत्रता होती है। अतः धर्म निरपेक्षता की अवधारणा से काफी मिलता-जुलता प्रतीत होता है। भारतीय समाज इसका एक अच्छा उदाहरण हो सकता है। भारत में हमेशा ही विविध प्रकार के धार्मिक विश्वासों को माना जाता रहा है। वास्तव में भारतीय ....