Question : जिला आयोजना समिति की सांविधानिक प्रस्थिति होने के बावजूद आर्थिक आयोजना की केन्द्रीकृत प्रकृति होने के कारण, वह विकेन्द्रीकृत आयोजन को कार्यान्वित नहीं कर पाती है। टिप्पणी कीजिए।
(2007)
Answer : स्वतन्त्रता प्राप्ति के पूर्व देश का विकास नियोजित ढंग से करने का विचार किया गया था। अतः 15 मार्च 1950 को योजना आयोग का गठन किया गया। योजना आयोग पूरे देश के लिए योजना को बनाने वाला केन्द्रीय अधिकरण है। नियोजन का अर्थ है योजनाबद्ध कार्य, अतः कहा जा सकता है कि उचित रीति से सोच-विचार कर कदम उठाना ही नियोजन है। नियोजन साधनों के संगठन की एक विधि है जिसके माध्यम से साधनों का ....
Question : "जिला कलेक्टर, अतिरिक्त उप-आयुक्त और उपमंडल अधिकारी, आभासी रूप से ‘हाजरी देने वाले अधिकारी’ बन गये हैं और पहल और निर्णय की स्वतंत्रता गवां बैठे हैं।" टिप्प्णी कीजिए।
(2006)
Answer : जिला कलेक्टर के कर्तव्यों की प्राथमिकताओं में वर्तमान परिप्रेक्ष्य में काफी परिवर्तन आ गया है, पहले कानून और व्यवस्था की स्थापना करना उसका प्रमुख कार्य था, किंतु अब अन्य कार्यों में उसका उत्तरदायित्व निर्धारित हुआ है। वस्तुतः जिला प्रशासन के समस्त प्रशासनिक कार्य जिला कलेक्टर के पर्यवेक्षण तथा नियंत्रण में संपन्न होते हैं। इस प्रकार जिला कलेक्टर वह कार्यों के प्रति जिम्मेदार है जो जिला प्रशासन से अपेक्षित है। अतः वर्तमान में जिला कलेक्टर मानवीय ....
Question : भारतीय प्रशासनिक सेवा (आई. ए. एस.) का सामान्यवादी गुण ही उसका प्रमुख अभिलक्षण है और साथ ही साथ उसकी मुख्य आलोचना भी। टिप्प्णी कीजिए।
(2006)
Answer : भारतीय प्रशासनिक सेवायें राज्यों के संकीर्ण दृष्टिकोण के स्थान पर देश में एकता और अखंडता की स्थापना करती हैं। इन सेवाओं के अधिकारी प्रायः अपने राज्यों से बाहर नियुक्त किये जाते हैं तथा वे स्थानीय अधिकारियों की अपेक्षा स्थानीय और प्रादेशिक प्रभावों से कम प्रभावित होते हैं।
इन सेवाओं के अधिकारी केंद्र और राज्य सेवाओं के मध्य अदलते-बदलते रहते हैं, जिसके कारण दोनों में समन्वय स्थापित होता है। इन सेवाओं के सदस्यों की भर्ती एक विस्तृत ....