प्रस्तावना
Question : ‘प्रशासनिक प्रश्न राजनीतिक प्रश्न नहीं हुआ करते हैं’ चर्चा कीजिए।
(2005)
Question : लोक प्रशासन का विज्ञान तब तक संभव नहीं है जब तक कि तुलनात्मक अध्ययनों का एक ऐसा पुंज न हो जाए, जिसके द्वारा राष्ट्रीय सीमाओं को और विचित्र ऐतिहासिक अनुभवों को लांघने वाले सिद्धांतों और सामान्यीकरणों की खोज करना संभव हो सके। चर्चा कीजिए।
Question : लोकतंत्र और सुशासन का अपने शाब्दिक अर्थों में ही परस्पर विरोध है। उदाहरण देते हुए इस पर चर्चा कीजिए।
(2004)
Question : उन्नीस सौ अस्सी के दशक से ‘राज्य के पश्च बेल्लन’ की संकल्पना का आगमन मानव समाज में लोक प्रशासन की भूमिका में परिवर्तन लाता रहा है, लेकिन निश्चित रूप से उसके केंद्रीय स्थान में कोई कमी नहीं लाता रहा है। चर्चा कीजिए।
(2003)
Question : ‘यद्यपि लोक और निजी प्रशासन के बीच समानता के कुछ बिंदु हैं, तथापि कोई भी निजी संगठन कभी-भी लोक संगठन के नितांत समान नहीं हो सकता है।‘
(2002)
Question : ‘शासन का विज्ञान मापनीय वस्तुओं इकाइयों का तत्वों के बीच निश्चर संबंधों का वर्णन करने वाले औपचारिक कथनों का एक समूह होगा। निर्विवाद रूप से, प्रशासनिक अनुसंधान ने मूर्त स्थितियों पर लागू होने वाले निश्चित प्रत्यक्षों और परिकल्पनाओं का सृजन किया है।‘ (फ्रटस मौर्सटाइन मार्क्स)
(2000)
Question : अपने स्वयं के मूल्यों और आवश्कताओं में अन्दर झांकने के बजाय, एशियाई देशों ने बाहर को ओर देखा।
(1999)
Question : प्रशासन का विषय क्षेत्र सरकार के प्रकार्यों के विषय क्षेत्र से निर्धारित होता है, जो कि राजनीति के द्वारा निर्णीत होता है।
(1998)
Question : ‘1968 मिन्नोब्रूक सम्मेलन (पहले सम्मेलन के 20 वर्ष बाद) में विकसित विषयों के अधिकतर दृष्टि केंद्र लोक प्रशासन के क्षेत्र में वर्तमान और भावी संदृष्टियां रहे हैं।‘ समझाइये।
प्रशासनिक चिंतन
Question : हर्बर्ट ए. साइमन की ‘निर्णय-निर्धारण योजना’ तथा संतोषजनक मॉडल’ प्रशासनिक सिद्धांतों के प्रमुख घटक हैं। टिप्पणी कीजिए।
(2001)
Question : ‘किसी मामले पर कार्य किये जाने से पूर्व, उसके आवश्यक रूप से गुजरने के संगठनात्मक स्तरों की संख्या को कम से कम बनाए रखने के द्वारा ही प्रशासनिक दक्षता में वृद्धि होती है।‘
Question : मानवीय सम्बन्ध सिद्धान्त के आधारित अभ्युपगमों की परीक्षा कीजिये और बताइये कि यह किस सीमा तक संगठनों के क्लासिकी सिद्धान्त से भिन्न है।
(1997)
Question : ‘‘अर्थात् सफल प्रशासक होने के लिये व्यक्ति में उदार जिज्ञासा का होना आवश्यक है’’
प्रशासनिक व्यवहार
Question : "प्रत्यायोजित विधान एक आवश्यक बुराई है।" परीक्षण कीजिए।
(2007)
Question : फ्लोक प्रशासन को अध्ययन के लिए और लोक प्रशासन संव्यावसायिकता के अमल के लिए साइमन के कार्य के प्रमुख निहितार्थ थे।य् टिप्पणी कीजिये।
(2006)
Question : अभिप्रेरण थियोरी व्यवहार थियोरी के समानार्थी नहीं है। अभिप्रेरण व्यवहार के निर्धारकों का केवल एक वर्ग है, जबकि व्यवहार लगभग हमेशा ही अभिप्रेरित होता है, साथ ही वह लगभग हमेशा जैविकतः सांस्कृतिकतः और स्थितितः निर्धारित होता है। इस पर टिप्पणी कीजिए।
Question : अब्राहम मैस्लो की अभिप्रेरणा की थियोरी और हर्जबर्ग की अभिप्रेरण- हाइजीन थियोरी की तुलना कीजिए। क्या आप समझते हैं कि वे सार्वत्रिकता अनुप्रयोज्य हैं? यदि हां, तो क्यों? यदि नहीं, तो क्यों नहीं?
Question : प्रशासन में संचार के स्वरूप और भूमिका से सिद्ध होता है कि ‘संचार ही सत्ता है।’ टिप्पणी कीजिए।
Question : ‘सूचना संगठन के प्रकार्यण की जीवन धारा (प्राण शक्ति) होती है, इस कथन के प्रकाश में निर्णय में संचार की उपयोगिता और महत्व को स्पष्ट कीजिए।
संगठन
Question : ‘संगठन दो या अधिक व्यक्तियों के सचेतन रूप से समन्वित क्रियाकलापों या बलों का एक तन्त्र होता है। टिप्पणी कीजिए।
Question : ‘सोपानिक नियंत्रण’ जिसमें अनुदेश सीढ़ी दर सीढ़ी नीचे पहुंचते हैं, नियंत्रण का मात्र आयाम नहीं है।
Question : फ्प्रतीत होता है कि आज संगठन सूचना एवं तन्त्रें में निवेश कर रहे हैं, लेकिन अक्सर उनके निवेश समझदारी पूर्ण नहीं प्रतीत होते हैं। टिप्पणी कीजिए।
Question : सभी प्रशासनिक संगठन ‘पदसोपान’ को एक महिमा मंडित ‘तकनीक’ क्यों मानते हैं? विवेचना कीजिए।
Question : सरकार के प्रशासनिक संगठन का समुचित विश्लेषण तभी संभव है जब हम ‘अधिकार तंत्र’ को ढांचा और प्रशासन को ‘कार्य संपादन’ मान लें। चर्चा कीजिए।
Question : ‘उदारवादी और निजीकरण के परिणाम स्वरूप लोक उद्यमों को उचित व्यवहार नहीं प्राप्त हुआ’।
Question : राजनीतिक और स्थायी कार्यकारियों के बीच सम्बन्ध में बुनियादी प्रश्न प्रकार्योत्मक स्तर पर तथ्यों और मूल्यों का पृथ्क्करण है।
Question : संगठन के आयोग रूप में सरकार की ‘शीर्षहीन चतुर्थ शाखा’ होने की प्रवृत्ति रहेगी।
Question : संचार संगठन को बांधे रखता है।
Question : समन्वय के प्रबंधकीय और प्रकार्यात्मक पक्षों के बीच विभेदन कीजिए। समन्वय कैसे प्राप्त किया जाता है?
Question : ‘सिद्धांत रूप से, बोर्ड प्रशासन, सरकार और राजनीति के बीच के भेद को नष्ट कर देता है, क्योंकि इसके द्वारा राजनीति प्रशासन में प्रवेश कर जाती है।‘
Question : ‘फ्रेडरिक हर्जबर्ग का द्विकारक सिद्धांत कमोवेश रूप से अब्राहम मैस्लो के अभिप्रेरण सिद्धांत का विस्तार है।‘ समझाइए
Question : केंद्रीयकरण का झुकाव शक्ति और प्रभुत्व की ओर रहता है। इसके दूसरी ओर, विकेंद्रीयकरण का झुकाव स्पर्धा और आत्म-निर्णय की ओर होता है। चर्चा कीजिए।
Question : यह कहना कहां तक सही होगा कि प्रत्यायोजित विधि निर्माण आज की आवश्यकता बन गई है और यह आगे भी ऐसा ही चलने वाला है, यह अपरिहार्य भी है और अनिवार्य भी?
उत्तरदायित्व एवं नियंत्रण
Question : सूचना के अधिकार के विधिक और राजनीतिक निहितार्थो पर चर्चा कीजिए। क्या विकासशील देशों में यह एक साध्य संकल्पना है?
Question : ‘नागरिकों का चार्टर’ प्रशासन के ग्राहकोन्मुखन की प्रोन्नति के संदर्भ में सबसे ज्यादा महत्वपूर्ण नवाचार है। चर्चा कीजिए।
Question : सभ्य समाज यह सुनिश्चित करने के लिए विद्यमान है कि सरकार अच्छा शासन प्रदान करे। चर्चा कीजिए।
Question : भारत के प्रशासनिक तंत्र की सबसे कमजोर पक्ष जवाबदेही की परम अवहेलना है। जवाबदेही लागू करने के वर्तमान यांत्रिकत्व की परीक्षा कीजिए। इसको अधिक प्रभावी बनाने के लिए कौन से कदम आवश्यक हैं।
Question : ‘प्रशासन पर कार्यपालिका का नियन्त्रण कहीं अधिक वास्तविक है।‘
Question : ‘विधानमण्डल द्वारा प्रशासन पर लगाए जाने वाले नियन्त्रण संक्षेप में, व्यवहारिक प्रभाविता की अपेक्षा सैद्धान्तिक प्रभाविता के अघिकार हैं।
प्रशासनिक कानून
Question : आज प्रशासनिक विधि की अंतर्वस्तु मुख्य रूप से लोक प्रशासनिक क्रियाकलाप की परिधि के द्वारा परिचालित होती है। स्पष्ट कीजिए।
Question : संप्रति प्रशासनिक विधि की अर्न्तवस्तु मुुख्य रूप से लोक प्रशासन कार्यकलाप की व्याप्ति के द्वारा चालित है। स्पष्ट कीजिए।
Question : प्रत्यायोजनी विधान आत्यंतिक नहीं होता है। इसको समझाइए।
Question : फ्डायसी न केवल विधि समस्त शासन की अपनी संकल्पना में गलत था, परन्तु उसने प्रशासनिक विधि का सार्थकता को भी नजर अन्दाज किया था। टिप्पणी कीजिए।
Question : ‘केन्द्रीय और राज्य प्रशासनिक अधिकरणों की प्राथमिकता और उपयोगिता।‘
Question : आधुनिक सरकारी तन्त्र में प्रशासनिक विधि अपरिहार्य है।
Question : प्रशासनिक विधि का केन्द्रीय सरोकार प्रशासनिक विवेक की कानूनी परिसीमा बांधना रहा है।
तुलनात्मक लोक प्रशासन
Question : "तुलनात्मक न होना सहज-रूप में संकीर्ण होता है" (रिग्स) टिप्पणी कीजिए?
Question : सरकारी कर्मचारियों और उनके मुकाबले में लोक क्षेत्रक निगमों और निजी क्षेत्रक कर्मचारियों की परिलब्धियों में चौड़ी होती हुई खाई का अभिप्रेरण और कार्य करने की योग्यता के साथ मजबूत सम्बन्ध है। टिप्पणी कीजिए।
Question : तुलनात्मक लोक प्रशासन के अर्थ, सार्थकता और मॉडलों को समझाइए।
Question : फ्रैंड डब्ल्यू. रिग्स प्रशासनिक तन्त्रें और उनके परिवेश के बीच अन्योन्यक्रियाओं का किस प्रकार संकल्पनाकरण किया था।
Question : विकासशील समाज के प्रशासन में ‘रिग्जियन प्रिज्मैटिक साला माडल पर आलोचनात्मक टिप्पणी लिखिए। भारतीय प्रशासनिक प्रणाली किस सीमा तक प्रिज्सीय लक्षणों से अभिव्यक्त करती है।
Question : फ्राजनीतिक परिवेश प्रशासनिक तंत्र को अनुकूलित करता हैय्।
Question : फ्रैंड डब्ल्यू. रिग्स द्वारा प्रिज्मीय और साला समाजों के अपने अध्ययन में अपनाए गए उपागम और क्रिया पद्धति की समीक्षा कीजिए। अपवर्तन की राजकृष्ण की आलोचना की वैध अंतर्वस्तु क्या है?
Question : विकासशील देशों के सन्दर्भ में, प्रशासनिक सक्षमताओं के प्रकार्य पर समीक्षात्मक टिप्पणी कीजिए।
Question : यू. एस. ए. में विकासशील पूंजीवादी तन्त्र के अनुक्रिया स्वरूप लोक प्रशासन के विषय की संवृद्धि का परीक्षण कीजिए।
Question : जब तक लोक प्रशासन का अध्ययन तुलनात्मक नहीं बनता, तब तक ‘लोक प्रशासन का विज्ञान’ का दावा करना खोखला प्रतीत होता है। स्पष्ट कीजिए।
विकास गतिकी
Question : "जन सहभागिता विकास प्रशासन के लिये निर्णायक होती है।" टिप्पणी कीजिये।
Question : क्या आप इस मत से सहमत हैं कि विकास प्रशासन ने हाल के वर्षों में किसी महत्वपूर्ण बौद्धिक प्रस्फुटन (Intellectual Break Through) किये बिना ही अपने आवेग को गंवा दिया है। चर्चा कीजिए।
Question : विकास प्रशासन में ऐसी थियोरियों का अकाल है जो आनुभाविक ज्ञान के एकत्रीकरण को मार्ग दिखाएं, नये अनुसंधान की दिशा तय करें और प्रशासनिक नीति की सिफारिश करें। स्पष्ट कीजिए।
Question : विकास प्रशासन के बदलते हुए स्वरूप का वर्णन कीजिए और जनसशक्तीकरण की दिशा में उसके प्रयासों की पहचान कीजिए।
Question : विकास प्रशासन के दो महत्वपूर्ण पक्ष होते हैं, यथा विकास का प्रशासन और प्रशासन का विकास स्पष्ट कीजिए।
Question : ‘विकास प्रशासन का सरोकार विकास के लिए नवप्रवर्तन का अधिकतमीकरण करना होता है।‘ चर्चा कीजिए
Question : राजनीतिक तटस्थता और अनामता का सिद्धांत आधुनिक ‘सिविल’ सेवा के लिए प्रासंगिक नहीं रहता है।
Question : ‘विकासशील देशों के सन्दर्भ में अधिकारी-तांत्रिक तटस्थता का सिद्धांत अपेक्षाकृत अधिक फालतू एवं अनावश्यक है।‘
Question : विकास प्रशासन का उद्देश्य क्या है? विकास प्रशासन के लिए प्रशासन की संरचना एवं रीतियों में कौन सा रूपान्तरण जरूरी है, इनका भी परीक्षण कीजिए।
Question : विकास प्रशासन बुनियादी तौर पर ‘एक कार्योन्मुखी, लक्ष्योन्मुखी प्रशासनिक तंत्र’ है।
Question : यह कहना कहां तक सही होगा कि विकासशील लोकतंत्र के लिये सिविल सेवा तटस्थता की संकल्पना अब पुरानी पड़ गई है, इसके बजाय संव्यावसायिक सक्षमता और प्रतिबद्धता वाली सिविल सेवा की जरूरत है?
कार्मिक प्रशासन
Question : "प्रशिक्षण न केवल कर्मचारियों की दक्षता और प्रभाविता के लिए अत्यावश्यक होता है, बल्कि उनकी अंतर्दृष्टि को विस्तार प्रदान करने के लिये भी अत्यावश्यक होता है।" इसको तर्कों द्वारा सिद्ध कीजिये।
Question : मानव संबंध आंदोलन ने कार्मिक प्रकाशन (Personnal Administration) के क्षेत्र में किस सीमा तक ज्ञान एवं रीति में योगदान दिया है।
Question : यदि पद वर्गीकरण के कच्चे माल है, तो वर्ग प्रचालित इकाई है। चर्चा कीजिए।
Question : लोक संगठन कर्मचारियों के निष्पादन का मूल्यांकन क्यों करते हैं, निष्पादन, मूल्यांकन प्रणालियां कर्मचारियों के व्यवहार को किस प्रकार प्रभावित कर सकती है? प्रशासन प्रभावी रूप से किस प्रकार कर्मचारियों का मूल्यांकन कर सकता है?
Question : भर्ती लोक प्रशासन की रीढ़ की हड्डी है। स्पष्ट कीजिए।
Question : ‘प्रशिक्षण किसी भी संव्यवसाय में व्यवहारिक शिक्षा है, न केवल कौशलों को परिमार्जित करने के लिए, बल्कि प्रभावी निष्पादन के लिए आवश्यक अभिवृत्तियों एवं मूल्य योजना के विकास के लिए भीय्। इसकी विशद विवेचना कीजिए।
Question : नियोक्ता-कर्मचारी सम्बन्धों के सांविधानिक, राजनीतिक और संक्रियात्मक आयाम का विश्लेषण कीजिए। उनके बीच सन्तोषजनक सम्बन्ध पैदा करने के लिए आपके पास क्या सुझाव है?
Question : भारत सरकार ने वरिष्ठ स्तर के कर्मचारियों अर्थात् श्रेणी I और II के कर्मचारियों के कार्य निष्पादन के मूल्यांकन के लिए क्या पद्धति अपनायी है? क्या आप इन पद्धतियों से संतुष्ट हैं?
Question : ‘सामान्यज्ञ सदैव ही विशेषज्ञ के मुकाबले लाभकारी स्थिति में रहेगा’ इस विचार के पक्ष में तर्क दीजिए।
Question : फ्लोकतन्त्र में कमजोर अधिकारी तन्त्र नहीं, बल्कि मजबूत अधिकारी तन्त्र चिन्ता पैदा करता है।य् टिप्पणी कीजिए।
Question : ‘‘लोक कार्मिक प्रशासन संबंध अनेक प्रकार्यों से है।’’ विस्तार से बताइए। ‘प्रापण और विकास प्रकार्य क्या क्यों महत्वपूर्ण हैं?
Question : ‘अधिकारी तंत्र उन सामाजिक संरचनाओं में से एक है, जिनको एक बार पूर्णतया स्थापित हो जाने के बाद नष्ट करना सबसे ज्यादा कठिन है।‘
लोक नीति
Question : नीति निर्माण के प्रक्रमों का आंकलन प्रस्तुत कीजिए और नीति क्रियान्वयन की समस्याओं पर चर्चा कीजिए।
Question : लोक नीति एक स्वतन्त्र चर नहीं है और मानव का इतिहास नीति अनुभव से व्यवस्थित अधिगम का न के बराबर साक्ष्य दर्शाता है। चर्चा कीजिए।
Question : नीति अनुसंधान उपयोग का एक निर्णय चालित मॉडल होती है। स्पष्ट कीजिए।
Question : नीति निर्माण एवं उसके क्रियान्वयन में लोक प्रशासन की भूमिका पर टिप्पणी कीजिए। नीति प्रक्रम पर प्रभाव डालने वाले कौन से अन्य कारक हैं?
Question : लोक नीति वही है, जिसके लिए राजनीति होती है। प्रमाणित कीजिए।
Question : ‘समस्त नीति-निर्माण निर्णयन है, परन्तु समस्त निर्णयन नीति-निर्माण नहीं है।‘ विस्तारपूर्वक समझाइए। नीति का उद्भव कैसे होता है और सरकार में नीति कौन-सा मार्ग अपनाता है?
Question : कम विकसित देशों में नीति कार्यान्वयन का प्रभावी होना जरूरी है।
Question : ‘‘निर्णय ले लेने के बाद भी नीति-निर्माण का अंत नहीं होता है। निर्णय के क्रियान्वयन का लोक नीति पर उतना ही बड़ा प्रभाव पड़ सकता है, जितना स्वयं निर्णय का।’’ चर्चा कीजिये।
प्रशासनिक सुधार तकनीकें
Question : प्रशासन में दक्षता सुधार के लिए, भारत में अपनाए जाने वाले संगठन एवं विधि (ओ एण्ड एम) के बीच विभिन्न तकनीकों पर प्रकाश डालिए।
Question : "सूचना का अधिकार प्रत्येक लोक प्राधिकरण के कार्यचालन में पारदर्शिता एवं जबावदेही को बढ़ावा देता है।" स्पष्ट कीजिए।
Question : "सूचना प्रौद्योगिकी का उदय ऐतिहासिक अशक्तताओं पर काबू पाने का एक अवसर है।" स्पष्ट कीजिए।
Question : उत्तम शासन के सन्दर्भ में, प्रभावी सरकार-नागरिक अन्योन्यक्रिया में, सूचना प्रौद्योगिकी किन तरीकों से और किस प्रकार एक निर्णायक भूमिका अदा कर सकती है?
Question : सूचना प्रौद्योगिकी किसको कहते हैं? लोक प्रशासन पर उसके प्रभाव का वर्णन कीजिए।
Question : केन्द्रीय और राज्य प्रशासनिक अधिकरणों की प्रभावित और उपयोगिता।
Question : प्रशासनिक सुधार को मशीनरी में, यथार्थ और वांछनीयता के बीच की खाई को पाटने के लिये किये जाने वाले प्रेरित परिवर्तन हैं।
Question : संगठन और विधि (ओ. और एम.) के महत्व पर प्रकाश डालिये। क्या आप समझते हैं कि अलग से ओ- और एम- संगठन होना चाहिये।
वित्तीय प्रशासन
Question : निष्पादन बजटन क्या होता है? उसके गुणावगुणों परिसीमाओं और कठिनाईयों पर प्रकाश डालिए?
Question : लेखा-परीक्षण को परायी चीज, बहिरंग चीज और बाधा की प्रकृति की कोई चीज के तौर पर माना जाना जारी है। स्पष्ट
Question : बजटन उपागम (budgeting approach) के सफलतापूर्वक कार्यान्वयन के लिये अनुकूल प्रोत्साहन संरचनाओं की आवश्यकता होती है। चर्चा कीजिए।
Question : ‘बजट समन्वय का एक उपकरण है’। स्पष्ट कीजिए।
Question : सरकार में लेखा परीक्षण एक मरणोत्तर चेष्टा है। परीक्षण कीजिए।
Question : सरकारी बजट का लोकनीति के एक उपकरण और विधायी नियन्त्रण के एक साधन के रूप में परीक्षण कीजिए।
Question : संसदीय प्रणाली की सरकार में सांविधिक बाह्य लेखा परीक्षण, लोकतन्त्र के रक्षकों में से एक है। टिप्पणी कीजिए।
Question : बर्कहेड का कथन है ‘सरकार का बजट’ राजकोषीय नीति का वाहक और प्रबन्धन का एक साधन होता है। इस कथन की समीक्षा कीजिए।
Question : सामाजिक-आर्थिक रूपान्तरण के साधन के रूप में बजट।
Question : भारत सरकार की संघ मन्त्रलयों में निष्पादन कार्यक्रम बजटीय तकनीक को वर्तित करने में विफलता के कारणों को बताइए। भारत में आजतक किस प्रकार का बजटीय तन्त्र व्यवहार में लाया जा रहा है और क्यों?
Question : बजट वह साधन है जिससे अनेक प्रयोजन सिद्ध होते हैं।
Question : प्रशासन को उत्तरदायित्वपूर्ण ढंग से चलाने के राजकोषीय तकनीकी काफी समय से चली आ रहे हैं, परन्तु फिर भी उनके महत्व को पर्याप्त रूप से समझा नहीं जा रहा,’’ चर्चा कीजिये।
विविध
Question : प्रशासन में बढ़ते हुए भ्रष्टाचार के कारण बताइए। प्रशासनिक भ्रष्टाचार को नियंत्रित करने के लिए उपाय सुझाइए।
Question : इक्कीसवीं शताब्दी के तेजी से बदलते हुए परिदृश्य में प्रशासनिक सुधारों की आवश्यकताओं एवं पक्षों का परीक्षण कीजिए। प्रशासनिक सुधारों के रास्ते में कौन सी रूकावटें हैं? उन पर काबू पाने के लिए सुझाव दीजिए।
Question : प्रशासन की अतियों एवं कुसंक्रियाओं के विरोध में नागरिकों की शिकायतों की निवारण के लिए उपलब्ध विभिन्न संस्थागत साधन कौन से हैं? वे कितने सफल रहे हैं।
Question : सार्वजनिक निगम स्वयं में एक उद्देश्य नहीं होते हैं, बल्कि लोक कल्याण की प्रोन्नति के लिए अभिकल्पित सरकारी कार्य कलापों का एक विस्तार होते हैं। इसको प्रमाणित कीजिए।
Question : यू. के. के (संसदीय आयुक्त) पार्लियामेन्टरी कमिश्नर, की तुलना में, भारतीय संसद में पुनः स्थापित विधेयक में प्रस्तावित लोकपाल संस्था की शक्तियां, किन बातों में इस संस्था को अधिक सशक्त बनाएगी?
Question : कैरियर विकास में अखिल भारतीय सेवाओं और राज्य सेवाओं को क्या अवसर उपलब्ध है? आप सहमत हैं कि आधुनिक प्रशासनिक राज्य में सामान्यज्ञो के दिन गिनती के हैं?
Question : ‘स्वेच्छिकवाद राज्य केन्द्रिकता का प्रतिपक्ष नहीं है’
Question : लोक हित मुकदमेबाजी सामाजिक न्याय प्राप्त करने की दिशा में एक प्रभाव नवप्रवर्तन है।
लोक प्रशासनः परिचय
Question : "लोक प्रशासन तथा निजी प्रशासन एक ही जींस की दो स्पीशीज हैं, परंतु उनके अपने-अपने विशेष मूल्य एवं तकनीकें भी हैं।" टिप्पणी कीजिए।
Question : मनोबल का क्या अर्थ होता है? ऐसा विश्वास किया जाता है कि ‘मनोबल और उत्पादकता हाथ पकड़ साथ-साथ चलते हैं और जितना उच्च मनोबल होगा, उतनी उच्च उत्पादकता होगी।’ क्या आप इस बात से सहमत हैं?
Question : यदि "लोक प्रशासन को हमारे जटिल समाज के शासन में एक प्रमुख विधि सम्मतकारी भूमिका निभानी है, तो उसके ज्यादा पूरी तरह से संकल्पनाकृत होने की आवश्यकता है।" चर्चा कीजिये।
प्रशासनिक विचार
Question : "टेलर के वैज्ञानिक प्रबन्धन ने सामाजिक एवं मनोवैज्ञानिक कारकों को नजर अन्दाज किया था। टिप्पणी कीजिए"।
Question : "मैकग्रेगर की थियोरी X और थियोरी Y का विश्लेषण कीजिये। क्या आप इस विचार से सहमत हैं कि हर गुजरते हुए वर्ष के साथ मैक्ग्रेगर का संदेश अधिक प्रासंगिक एवं अधिक महत्वपूर्ण होता रहा है।" अपने उत्तर को सिद्ध कीजिए?
Question : मेरी पार्कर फोलैट के कार्य की मुख्य समस्या यह है कि उसका आदर्शवाद (Idealism) छुपा नहीं रहता है] स्पष्ट कीजिये।
Question : प्रशासन के क्लासिकीय विज्ञान (Classical Science) का, ड्वाइट वाल्डों और राबर्ट डहल के द्वारा उसकी आलोचना के विशेष हवाले के साथ समालोचनात्मक परीक्षण कीजिए।
Question : "लोक प्रशासन को अध्ययन के लिए और लोक प्रशासन संव्यावसायिकता के अमल के लिए साइमन के कार्य के प्रमुख निहितार्थ थे।" टिप्पणी कीजिये।
Question : "लोक उद्यमों में स्वायतत्ता और जवाबदेही साथ-साथ नहीं चल सकते हैं।" स्पष्ट कीजिए।
जवाबदेही और नियंत्रण
Question : "सूत्र और मंत्रणा के बीच विभेदन परम न हो कर सापेक्ष है।" चर्चा कीजिए।
सार्वजनिक नीति
Question : "लोक नीति की क्रियान्वित, क्या कारगर है और क्या नहीं है, इस बात को खोज लेने का प्रक्रम है।" परीक्षण कीजिये।
Question : "नीति कार्यान्वयन के संबंध में अनाड़ीपन से ज्यादा तीव्रता से कुछ भी नहीं उभर कर आता है।" चर्चा कीजिए।
Question : ‘नागरिक समाज’ की परिभाषा दीजिये। नागरिक समाज लोकनीति को किस प्रकार प्रभावित करता है?
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