Question : "तुलनात्मक न होना सहज-रूप में संकीर्ण होता है" (रिग्स) टिप्पणी कीजिए?
(2007)
Answer : सामाजिक विषयों में तुलनात्मकता का विशिष्ट स्थान है। तुलनात्मक लोक प्रशासन आधुनिक युग में अग्रगण्य धारित करता है। तुलनात्मक प्रशासन एवं तुलनात्मक राजनीति सम्यक् रूप नूतन व्यावहारिक राजनैतिक पक्ष के स्थायी भाग है। अपनी सम्यक् अर्थपूर्ण सामाजिक दृष्टिकोण से युक्तिसंगत विवेचन प्रणाली की दृष्टि से पुष्ट सिद्धांतों अवधारणाओं को वर्तमान समय में व्यवाहारिक राजनैतिक पक्ष सम्पुष्टता तुलनात्मकता के आधार पर ही प्रदान कर रहा है। तुलनात्मक लोक प्रशासन का मूलभूत लक्ष्य लोक प्रशासन को प्राचीन ....
Question : सरकारी कर्मचारियों और उनके मुकाबले में लोक क्षेत्रक निगमों और निजी क्षेत्रक कर्मचारियों की परिलब्धियों में चौड़ी होती हुई खाई का अभिप्रेरण और कार्य करने की योग्यता के साथ मजबूत सम्बन्ध है। टिप्पणी कीजिए।
(2007)
Answer : सरकारी कर्मचारियों और लोक क्षेत्रक निगमों और निजी क्षेत्रक कर्मचारियों के निष्पादन में काफी अन्तर पाया जाता है।
सरकारी कर्मचारियों की कार्य संस्कृति और निगमों व निजी क्षेत्र के कार्मिकों की कार्य संस्कृति भिन्न होती है। इसके अतिरिक्त सरकारी कर्मचारी राजनीतिक परिवेश में कार्य करते हैं। जबकि निगम व निजी क्षेत्र के कार्मिकों के लिए ऐसा नहीं होता। सरकारी कार्य की प्रक्रिया सुनिश्चित होती है। उसी प्रक्रिया के अनुसार उसे कार्य करना पड़ता है, इससे प्रशासन ....
Question : तुलनात्मक लोक प्रशासन के अर्थ, सार्थकता और मॉडलों को समझाइए।
(2004)
Answer : तुलनात्मक लोक प्रशासन आधुनिक व्यवहारवादी राजनीति विज्ञान के स्थायी अनुदाय है। लोक प्रशासन के अध्ययन में तुलनात्मक लोक प्रशासन एक नवीन अवधारणा है। तुलनात्मक लोक प्रशासन से तात्पर्य एक ऐसे विषय से है जिसके अन्तर्गत सामान्यतः दो या दो से अधिक प्रशासनिक इकाइयों या अभिकरणों की संरचना एवं कार्यात्मकता की तुलना की जाती है। तुलनात्मक लोक प्रशासन, तुलनात्मक आधार पर लोक प्रशासन का अध्ययन है। विभिन्न संस्कृतियों एवं राष्ट्रीय विन्यासों में प्रयुक्त हुए लोक प्रशासन ....
Question : फ्रैंड डब्ल्यू. रिग्स प्रशासनिक तन्त्रें और उनके परिवेश के बीच अन्योन्यक्रियाओं का किस प्रकार संकल्पनाकरण किया था।
(2002)
Answer : फ्रैड डब्ल्यू रिग्स प्रशासनिक प्रक्रिया को एक व्यवस्था मानते हैं, जिसका परिवेश होता है, जिसमें यह कार्य करता है और जिसके साथ यह परस्पर क्रिया करता है। किसी भी प्रशासनिक संरचना का महत्व उसकी स्थिति के अन्तर्गत होता है। रिग्स ने सांस्कृतिक विविधताओं के आधार पर प्रारंभ में समाज सम्बन्धी दो प्रकार के प्रतिमान प्रस्तुत किए प्रधानतः औद्योगिक और प्रधानतः कृषि सम्पन्न ये दोनों विपरीत मॉडल है। दोनों समाजों के परिवेश में भिन्नता होने के ....
Question : विकासशील समाज के प्रशासन में ‘रिग्जियन प्रिज्मैटिक साला माडल पर आलोचनात्मक टिप्पणी लिखिए। भारतीय प्रशासनिक प्रणाली किस सीमा तक प्रिज्सीय लक्षणों से अभिव्यक्त करती है।
(2001)
Answer : फ्रैड डब्ल्यू रिग्स ने लोक प्रशासन में रिग्जयन प्रिज्मैटिक साला मॉडल के आधार पर प्रशासनिक व्यवस्थाओं का अध्ययन किया है। प्रिज्मैटिक समाज में सामाजिक संरचनाओं के महत्वपूर्ण तत्वों और इस समाज के प्रशासनिक उपतंत्र का अध्ययन किया। रिग्स ने समपार्श्वीय समाज की नौकरशाही के लिए साला शब्द का प्रयोग किया। साला मॉडल प्रशासन व्यवस्थाओं का आदर्श प्रकार प्रस्तुत करता है। इसमें आदि काल से आधुनिक काल तक के प्रशासन की विशेषता पायी जाती है। वर्तमान ....
Question : फ्राजनीतिक परिवेश प्रशासनिक तंत्र को अनुकूलित करता हैय्।
(2000)
Answer : प्रशासन एवं राजनीतिक परिवेश का बहुत ही करीबी व घनिष्ठ संबंध है। दोनों ही एक-दूसरे को प्रभावित करते हैं। वस्तुतः लोक प्रशासन उस राजनीतिक व्यवस्था की उपव्यवस्था है, जिसमें कि प्रशासन कार्य करता है। नौकरशाही तंत्र आर्थिक या सामाजिक-सांस्कृतिक प्रणालियों की अपेक्षा राजनीतिक व्यवस्था के साथ अधिक पारस्परिक क्रिया करता है। प्रशासनिक व्यवस्था का स्वरूप नौकरशाही की प्रकृति, कार्य एवं लक्ष्य मुख्य तथा उस राजनीतिक ढांचे द्वारा निरूपित होते हैं, जिसमे यह कार्य करता है। ....
Question : फ्रैंड डब्ल्यू. रिग्स द्वारा प्रिज्मीय और साला समाजों के अपने अध्ययन में अपनाए गए उपागम और क्रिया पद्धति की समीक्षा कीजिए। अपवर्तन की राजकृष्ण की आलोचना की वैध अंतर्वस्तु क्या है?
(2000)
Answer : रिग्स ने सांस्कृतिक विविधताओं के आधार पर समाज से संबंधी दो प्रकार के प्रतिमान को प्रस्तुत किया- प्रधानतः औद्योगिक और प्रधानतः कृषि संपन्न। इन समाजों के मॉडल में कुछ कमी होने के कारण उन्होंने फिर बहुकार्यात्मक या संयोजित समाज एवं प्रिज्मीय या समपार्श्वीय समाज को मान्यता दी।
प्रिज्मीय समाज बहुकार्यात्मक समाज एवं अल्पकार्यात्मक समाज के बीच का समाज है। इस समाज में विभिन्न प्रकार की व्यवस्थाएं, व्यवहार, क्रियाएं तथा दृष्टिकोणों आदि की एक साथ उपस्थिति होती ....
Question : विकासशील देशों के सन्दर्भ में, प्रशासनिक सक्षमताओं के प्रकार्य पर समीक्षात्मक टिप्पणी कीजिए।
(1999)
Answer : विकासशील देशों की अल्पविकसित अथवा अविकसित देशों के नाम से जाना जाता है। विकासशील देशों में प्रशासनिक व्यवस्था में कार्य विशेषज्ञता की कम मात्र एक महत्वपूर्ण विशेषता है, लेकिन दूसरी ओर संसार के सभी विकसित देशों ने अपने प्रशासकीय ढांचे को मजबूत रखा। विकासशील देशों की प्रशासनिक व्यवस्था पाश्चात्य औपनिवेशिक देशों की नकल मात्र है। विकासशील देशों में प्रशासकीय कार्यों का भार कम होता है, क्योंकि ऐसे देशों में औद्योगिकरण तीव्र गति से नहीं होता ....
Question : यू. एस. ए. में विकासशील पूंजीवादी तन्त्र के अनुक्रिया स्वरूप लोक प्रशासन के विषय की संवृद्धि का परीक्षण कीजिए।
(1999)
Answer : यू. एस. ए. विकसित देशों को प्रतिनिधि राष्ट्र है। विकासशील पूंजीवादी तन्त्र की अनुक्रिया स्वरूप यू. एस. ए. में उच्च दर्जें का कार्य विशेषीकरण होता है तथा समान सर्वव्यापी निश्चित तथा उपलब्ध नियमों की प्रबलता पाई जाती है। उच्च कोटि की सामाजिक गतिशीलता विकसित व्यावसायिक व्यवस्था तथा व्यावसायिक उपलब्धि के आधार पर खुली या परिवर्तन शील वर्ग व्यवस्था आदि विकासशील पूंजीवादी तन्त्र के अनुक्रिया स्वरूप विकसित हो सके हैं। इसके परिणामस्वरूप यू. एस. ए. में ....
Question : जब तक लोक प्रशासन का अध्ययन तुलनात्मक नहीं बनता, तब तक ‘लोक प्रशासन का विज्ञान’ का दावा करना खोखला प्रतीत होता है। स्पष्ट कीजिए।
(1998)
Answer : तुलनात्मक लोक प्रशासन का अर्थ विश्व के विभिन्न देशों में कार्यरत सरकारी प्रशासनिक प्रणाली का तुलनात्मक अध्ययन है। तुलनात्मक लोक प्रशासन के अन्तर्गत दो या दो से अधिक प्रशासनिक इकाइयों की संरचना एवं कार्यात्मकता की तुलना की जाती है। तुलनात्मक लोक प्रशासन की प्रकृति में निरन्तर परिवर्तन आता रहता है। लोक प्रशासन को विज्ञान न मानने के पीछे कई कारण उत्तरदायी है यथा निश्चितता या पूर्णता का अभाव, सार्वभौमिक सिद्धान्तों का अभाव, पर्यवेक्षण तथा परीक्षण ....