Question : "लोक प्रशासन तथा निजी प्रशासन एक ही जींस की दो स्पीशीज हैं, परंतु उनके अपने-अपने विशेष मूल्य एवं तकनीकें भी हैं।" टिप्पणी कीजिए।
(2007)
Answer : सामान्यतः लोक प्रशासन में लोक सार्वजनिक अर्थात् जनता से जुड़ा होने के कारण ‘सरकारी’ का भावार्थ नहीं देता है। किंतु जब लोक प्रशासन की निजी प्रशासन से तुलना करते हैं तो स्वतः ही ऐसा मालूम पड़ता है कि लोक प्रशासन में लोक का अर्थ सरकारी से है, वास्तव में यह सत्य है। यह सही है कि लोक प्रशासन तथा निजी प्रशासन दोनों में प्रशासन शब्द समान रूप से प्रयुक्त होता है। दोनों ही किन्हीं उद्देश्यों ....
Question : मनोबल का क्या अर्थ होता है? ऐसा विश्वास किया जाता है कि ‘मनोबल और उत्पादकता हाथ पकड़ साथ-साथ चलते हैं और जितना उच्च मनोबल होगा, उतनी उच्च उत्पादकता होगी।’ क्या आप इस बात से सहमत हैं?
(2007)
Answer : मनोबल अर्थात् मन का बल, अर्थात् मनुष्य के अन्तस में अवस्थित मानसिक शक्ति तथा उसकी आत्मा के विश्वास का द्योतक मनोबल ही है। मन को बल प्रदान कराने वाली क्रियाविधि ही मनोबल कहलाती है। यह किसी विशिष्ट समय में व्यक्ति या समूह द्वारा प्रदर्शित, आत्मविश्वास, उत्साह तथा दृढ़ता आदि की मात्रा से भी संदर्भित हो सकती है। मनोबल को संतुष्टि की वृत्ति, निरन्तरता की इच्छा का भी पर्याय कहा जा सकता है। यह किसी विशेषीकृत ....
Question : यदि "लोक प्रशासन को हमारे जटिल समाज के शासन में एक प्रमुख विधि सम्मतकारी भूमिका निभानी है, तो उसके ज्यादा पूरी तरह से संकल्पनाकृत होने की आवश्यकता है।" चर्चा कीजिये।
(2006)
Answer : वर्तमान आधुनिक समाज में वैश्वीकरण, निजीकरण जैसी विकसित अवधारणायें एवं सकल घरेलू उत्पाद और अर्थव्यवस्था से अत्यधिक प्रभावित राजव्यवस्था और राज्य के द्वारा निर्मित नीतियां और लोकतांत्रिक सुदृढ़ीकरण का आदर्श हैं। इस परिप्रेक्ष्य में लोक प्रशासन को अधिक विधिसम्मतकारी भूमिका के निर्वाह के लिये आवश्यक ही नहीं बल्कि अनिवार्य शर्त बन जाता है कि वह ज्यादा से ज्यादा संकल्पनाओं को धारण करे, जो उसके लोकतांत्रिक स्वरूप को शब्द और आत्मा दोनों रूपों में परिपूर्णता दे ....