Question : "प्रत्यायोजित विधान एक आवश्यक बुराई है।" परीक्षण कीजिए।
(2007)
Answer : संगठन की पद सोपानात्मक व्यवस्था में उच्च- निम्न कई प्रकार के पदधारक कार्मिक कार्य करते हैं। सभी पदों को उनके लिए निर्धारित कार्य के निष्पादन के लिए सत्ता या अधिकार प्रदान किए जाते हैं। लेकिन वर्तमान में गठित तथा संचालित जटिल एवं विशाल संगठनों में एक अधिकारी के लिए यह सम्भव नहीं है कि वह बहुत सारे दायित्वों का निर्वहन कर सके, अतः एक अधिकारी को कार्य एवं अधिकार सौंप देता है, यही प्रत्यायोजन या ....
Question : फ्लोक प्रशासन को अध्ययन के लिए और लोक प्रशासन संव्यावसायिकता के अमल के लिए साइमन के कार्य के प्रमुख निहितार्थ थे।य् टिप्पणी कीजिये।
(2006)
Answer : जेम्स डी- कैरोल का कथन है- सूचना ज्ञान है, ज्ञान शक्ति है, प्रशासन शक्ति है। साइमन ‘प्रशासन’ को निर्णय लेने की प्रक्रिया में इलेक्ट्रॉनिक कंप्यूटरों के मानवी चिंतन की अनुकरणीय भूमिका पर शोध विश्लेषण, सिद्धांत और तार्किक निश्चयात्मकता की प्रणाली पर आधारित प्रशासन की एक नई अवधारणा_ पारंपरिक सिद्धांतों और व्यवहार के बीच अंतर का प्रतिपादन_ कृत्रिम इंटेलीजेन्स, सीमित तार्किकता से रूबरू कराना_ निर्णयों को संतुष्टि की परिभाषा से जोड़ना, स्टाफ के कार्यों की परीक्षा, ....
Question : अभिप्रेरण थियोरी व्यवहार थियोरी के समानार्थी नहीं है। अभिप्रेरण व्यवहार के निर्धारकों का केवल एक वर्ग है, जबकि व्यवहार लगभग हमेशा ही अभिप्रेरित होता है, साथ ही वह लगभग हमेशा जैविकतः सांस्कृतिकतः और स्थितितः निर्धारित होता है। इस पर टिप्पणी कीजिए।
(2004)
Answer : अभिप्रेरण प्रबंध का एक महत्वपूर्ण उपकरण है। मानव शक्ति के व्यवहार को निदेशित करने तथा उसका सहयोग प्राप्त करने की कला को अभिप्रेरण कहते हैं। अभिप्रेरण किसी व्यक्ति को इच्छित कार्य करने के लिए प्रोत्साहित करने की क्रिया है। अभिप्रेरण से आशय मनोवैज्ञानिक उत्तेजना है, जो व्यक्तियों को कार्य के प्रति प्रोत्साहित करती है, कार्य पर बनाए रखती है तथा अधिकतम कार्य संतुष्टि प्रदान करती है। समान्य रूप में अभिप्रेरण सिद्धांत एवं व्यवहार सिद्धांत एक ....
Question : अब्राहम मैस्लो की अभिप्रेरणा की थियोरी और हर्जबर्ग की अभिप्रेरण- हाइजीन थियोरी की तुलना कीजिए। क्या आप समझते हैं कि वे सार्वत्रिकता अनुप्रयोज्य हैं? यदि हां, तो क्यों? यदि नहीं, तो क्यों नहीं?
(2002)
Answer : अब्राहम मैस्लो एवं हर्जबर्ग ने संगठनों तथा व्यक्तियों के मध्य संबंधों का मानव आवश्यकताओं की दृष्टि से विश्लेषण किया। मैस्लो न यह विचार व्यक्त किए कि व्यक्ति की जब कोई आवश्यकता पूरी जो जाती है तो वह व्यक्ति के लिए अभिप्रेरक नहीं होती है। यह हर्जबर्ग के अनुरक्षक तत्वों के समान ही है जो कि व्यक्ति को प्रेरणा प्रदान करने में असफल होते हैं। यदि अभिप्रेरक तत्वों एवं उच्चकोटि आवश्यकताओं की तुलना की जाए तो ....
Question : प्रशासन में संचार के स्वरूप और भूमिका से सिद्ध होता है कि ‘संचार ही सत्ता है।’ टिप्पणी कीजिए।
(2001)
Answer : संचार मानवीय संबंधों का अभिन्न एवं महत्वपूर्ण अंग है। प्रशासन में संचार का बहुत महत्व है। संचार को प्रशासन का प्रथम सिद्धांत माना गया है। प्रबंधकों के लिए संचार संयोजक कड़ी का काम करता है। संचार संदेशों के विनिमय एवं पारस्परिक समझ के निर्माण की प्रक्रिया है। संचार की प्रक्रिया प्रशासन को बांधे रखती है, क्योंकि इससे संगठन की गतिविधियों और लक्ष्य प्राप्त करने के बारे में महत्वपूर्ण जानकारी प्राप्त होती है।
संचार एक व्यक्ति से ....
Question : ‘सूचना संगठन के प्रकार्यण की जीवन धारा (प्राण शक्ति) होती है, इस कथन के प्रकाश में निर्णय में संचार की उपयोगिता और महत्व को स्पष्ट कीजिए।
(2000)
Answer : संचार वह प्रक्रिया है, जिसके माध्यम से एक व्यक्ति से दूसरे व्यक्ति को सूचनाएं आदान-प्रदान होती है। संचार एक व्यक्ति को दूसरे व्यक्ति के मस्तिष्क से जोड़ने वाला पुल है। संचार वह प्रक्रिया है जिसमें लिखित एवं मौखिक शब्दों द्वारा संदेश एवं समझ का विनिमय नहीं होता, बल्कि संकेतों, हाव-भावों तथा मौन द्वारा विनिमय होता है। संचार प्रत्यक्ष या परोक्ष रूप से चेतन एवं अचेतन रूप से सम्प्रेषित भावनाओं, प्रवृत्तियों व इच्छाओं का योग है। ....