Question : "टेलर के वैज्ञानिक प्रबन्धन ने सामाजिक एवं मनोवैज्ञानिक कारकों को नजर अन्दाज किया था। टिप्पणी कीजिए"।
(2007)
Answer : एफ डब्लू टेलर वैज्ञानिक प्रबन्ध के जनक हैं। उनका कहना है कि-"वैज्ञानिक प्रबन्ध किसी विशिष्ट संगठन या उद्योग में कार्य करने वाले कार्मिक की दृष्टि में एक मानसिक क्रांति है।" मुख्यतः टेलर का यह मानना था कि उद्योगों के मालिकों, श्रमिकों तथा उपभोक्ताओं के हितों में कोई निहित मतभेद नहीं होते हैं बल्कि इनके हित परस्पर जुड़े होते हैं। चूंकि प्रबन्ध का मुख्य लक्ष्य अधिकतम कार्य कुशलता तथा सम्पन्नता का स्तर प्राप्त करना होता है, ....
Question : "मैकग्रेगर की थियोरी X और थियोरी Y का विश्लेषण कीजिये। क्या आप इस विचार से सहमत हैं कि हर गुजरते हुए वर्ष के साथ मैक्ग्रेगर का संदेश अधिक प्रासंगिक एवं अधिक महत्वपूर्ण होता रहा है।" अपने उत्तर को सिद्ध कीजिए?
(2007)
Answer : डगलस मैक्ग्रेगर ने मानव के सम्बन्ध में दो परस्पर विपरीत विचारों को प्रकट किया- प्रथम तो मूल रूप से नकारात्मक अैर निराशावादी है और द्वितीय आधार रूप से सकारात्मक एवं आशावादी है। इन्हें ‘X’ एवं ‘Y’ सिद्धांत के नाम से जाना जाता है। सिद्धांत X मूलतः प्रबन्ध का शास्त्रीय सिद्धान्त ही है।
यह इस विचारधारा पर आश्रित है कि स्वभावतः प्रत्येक मानव की प्रकृति कार्य से बचने की होती है, अस्तु उसे कार्य सम्पादन हेतु नकारात्मक ....
Question : मेरी पार्कर फोलैट के कार्य की मुख्य समस्या यह है कि उसका आदर्शवाद (Idealism) छुपा नहीं रहता है] स्पष्ट कीजिये।
(2006)
Answer : मौलिक विचारों को सहजता और सरलता से प्रस्तुत करने के मामले में फोलेट दुर्लभ क्षमता वाली प्रतिभाशाली लेखिका थीं। उनका लेखन व्यावहारिक बुद्धिमानी, गहरी आत्मदृष्टि, समग्र सोंच और बहुआयामी लोकतांत्रिक चेतना से परिपूर्ण है।
उनकी स्थापनायें- प्रतिवादी सामूहिक मनोविज्ञान व सामाजिक मनोविज्ञान के द्वारा व्यक्ति और समाज के बीच दूरी को हटाने का विचार, कोई हमें लोकतंत्र दे नहीं सकता बल्कि हमें सीखना है कि लोकतंत्र क्या है और इसके लिए सामूहिक मनोविज्ञान की जरूरत, सामूहिक ....
Question : प्रशासन के क्लासिकीय विज्ञान (Classical Science) का, ड्वाइट वाल्डों और राबर्ट डहल के द्वारा उसकी आलोचना के विशेष हवाले के साथ समालोचनात्मक परीक्षण कीजिए।
(2006)
Answer : संगठन की क्लासिकी विचारधारा के अनुसार संगठन किसी योजना की औपचारिक संरचना है, जो सुस्पष्ट सिद्धांतों के अनुरूप बहुत कुछ इमारत की योजना के अनुरूप है। जिस प्रकार मकान की योजना कुछ सिद्धांतों के आधार पर वास्तुकार के द्वारा बनायी जाती है, उसकी प्रकार संगठन का निर्माण भी कुछ सिद्धांतों के अनुरूप किया जाता है।
यह अवधारणा दो विश्वासों पर आधारित है। यथा-सिद्धांतों का एक समूह होता है, जिसके अनुसार निश्चित उद्देश्य तथा कार्य के अनुरूप ....
Question : "लोक प्रशासन को अध्ययन के लिए और लोक प्रशासन संव्यावसायिकता के अमल के लिए साइमन के कार्य के प्रमुख निहितार्थ थे।" टिप्पणी कीजिये।
(2006)
Answer : जेम्स डी. कैरोल का कथन है- सूचना ज्ञान है, ज्ञान शक्ति है, प्रशासन शक्ति है। साइमन ‘प्रशासन’ को निर्णय लेने की प्रक्रिया में इलेक्ट्रॉनिक कंप्यूटरों के मानवी चिंतन की अनुकरणीय भूमिका पर शोध विश्लेषण, सिद्धांत और तार्किक निश्चयात्मकता की प्रणाली पर आधारित प्रशासन की एक नई अवधारणा; पारंपरिक सिद्धांतों और व्यवहार के बीच अंतर का प्रतिपादन; कृत्रिम इंटेलीजेन्स, सीमित तार्किकता से रूबरू कराना; निर्णयों को संतुष्टि की परिभाषा से जोड़ना, स्टाफ के कार्यों की परीक्षा, ....
Question : "लोक उद्यमों में स्वायतत्ता और जवाबदेही साथ-साथ नहीं चल सकते हैं।" स्पष्ट कीजिए।
(2006)
Answer : लोक उपक्रमों की परंपरागत प्रशासनिक संगठनों की नौकरशाही प्रणाली से दूर रखकर पृथक् अस्तित्व प्रदान किया जाता है। तुलनात्मक दृष्टि से इनको अधिक स्वतंत्रता प्राप्त थी संगठन अपने दैनन्दिन आंतरिक प्रशासन को इच्छानुसार संचालित कर सकते हैं। लेकिन यह प्रश्न बार-बार उठाया जाता रहा है कि स्वायत्ता की आड़ में लोक उपक्रम उस धन का दुरूपयोग करते हैं, जो जनता के कठोर परिश्रम के द्वारा एकत्र किया जाता है। स्वायत्ता का आशय उत्तरदायित्वों से मुक्त ....