Question : "जन सहभागिता विकास प्रशासन के लिये निर्णायक होती है।" टिप्पणी कीजिये।
(2007)
Answer : विकास प्रशासन लोक प्रशासन की नूतन अवधारणा है। उन्नीसवीं शताब्दी के पांचवे दशक के बाद की परिस्थितियों ने प्रशासन को जन सहयोग, आर्थिक विकास एवं राष्ट्रीय निर्माण के महत्वपूर्ण विषयों पर चिंतन करने हेतु विवश किया। इन काल में विश्व के अनेक राष्ट्रों ने स्वतंत्रता के सूर्य को देखा। इन नव राष्ट्रों के राजनैतिक परिदृश्य के विकास का उत्तरदायित्व भी प्रशासन पर ही डाला गया। इन नवराष्ट्रों में प्रशासन जनता के सहयोग से विकास कार्यक्रमों ....
Question : क्या आप इस मत से सहमत हैं कि विकास प्रशासन ने हाल के वर्षों में किसी महत्वपूर्ण बौद्धिक प्रस्फुटन (Intellectual Break Through) किये बिना ही अपने आवेग को गंवा दिया है। चर्चा कीजिए।
(2006)
Answer : एडवर्ड वीडनर की परिभाषा के अनुसार "विकास प्रशासन एक कार्यान्मुखी- लक्ष्योन्मुखी प्रशासनिक व्यवस्था है।" विकास प्रशासन का मूल प्रश्न है- सामाजिक परिवर्तन इसके साथ वह यह भी मानते हैं कि सरकार में विकास प्रशासन "वह प्रक्रिया है, जो एक संगठन के प्रगतिशील, राजनीतिक, आर्थिक तथा सामाजिक लक्ष्यों की ओर मार्गदर्शन करती है, जिन लक्ष्यों को किसी न किसी प्रकार अधिकृत ढंग से निर्मित किया गया है।" साधारणतया विकास प्रशासन में वे संगठन और साधन सम्मिलित ....
Question : विकास प्रशासन में ऐसी थियोरियों का अकाल है जो आनुभाविक ज्ञान के एकत्रीकरण को मार्ग दिखाएं, नये अनुसंधान की दिशा तय करें और प्रशासनिक नीति की सिफारिश करें। स्पष्ट कीजिए।
(2005)
Answer : विकास प्रशासन से तात्पर्य है- विकास कार्यक्रमों का प्रशासन। यह दो शब्दों के सहयोग से बना है विकास तथा प्रशासन विकास शब्द से अभिप्राय है कि लगातार आगे बढ़ना या एक अवस्था से अच्छी अवस्था की प्राप्ति करना वही प्रशासन से अभिप्राय है कि सेवा करना या निश्चित उद्देश्य की प्राप्त हेतु किया गया सामूहिक प्रयास। इस तरह यह स्पष्ट होता है कि विकास की प्रक्रिया को पूर्ण करने में लगे प्रशासन को ही विकास ....
Question : विकास प्रशासन के बदलते हुए स्वरूप का वर्णन कीजिए और जनसशक्तीकरण की दिशा में उसके प्रयासों की पहचान कीजिए।
(2004)
Answer : विकास प्रशासन आधुनिक लोक प्रशासन का परिचायक है। विकास प्रशासन का अर्थ आधुनिकीकरण से लगाया जाता है क्योंकि बदलते समय के साथ विकास प्रशासन के स्वरूप में बदलाव आया है। विकास प्रशासन राज्य द्वारा जनता की बढ़ती हुई विकासात्मक आवश्यकताओं एवं मांगों को संतुष्ट करने की क्षमता से संबंध रखता है। यह आर्थिक विकास की योजना बनाने तथा राष्ट्रीय आय को बढ़ाने के लिए साधनों को प्रवृत्त करने का काम करता है।
द्वितीय विश्वयुद्ध के बाद ....
Question : विकास प्रशासन के दो महत्वपूर्ण पक्ष होते हैं, यथा विकास का प्रशासन और प्रशासन का विकास स्पष्ट कीजिए।
(2003)
Answer : विकास प्रशासन से तात्पर्य है विकास कार्यक्रमों का प्रशासन। रिग्स ने विकास प्रशासन में दो महत्वपूर्ण आयाम बताए हैं- विकास का प्रशासन एवं प्रशासन का विकास।
विकास का प्रशासन यह एक ऐसी प्रक्रिया से जुड़ा है, जिसके द्वारा लोक प्रशासन प्रणाली समाज में सामाजिक, आर्थिक तथा राजनीतिक परिवर्तनों का संचालन करती है। वही प्रशासन के विकास से तात्पर्य है कि यह प्रशासनिक प्रणाली के भीतरी परिवर्तनों की गति का अध्ययन करता है। इसमें प्रशासनिक क्षमताओं को ....
Question : ‘विकास प्रशासन का सरोकार विकास के लिए नवप्रवर्तन का अधिकतमीकरण करना होता है।‘ चर्चा कीजिए
(2002)
Answer : विकास प्रशासन राज्य द्वारा जनता की बढ़ती हुई विकासात्मक आवश्यकताओं एवं मांगों को संतुष्ट करने की क्षमता से संबंधित है। यह आर्थिक विकास की योजना बनाने तथा राष्ट्रीय आय को बढ़ाने के लिए साधनों को प्रवृत्त करने तथा बांटने का काम करता है। विकास प्रशासन अनिवार्य रूप से प्रशासन की परिवर्तन-उन्मुख प्रशासकीय आचरण से संबद्ध धारणा है। यह मात्र पारंपरिक किस्म के प्रशासनिक कार्यों का ही अध्ययन नहीं है, साथ ही यह विकास योजना कार्यान्वयन ....
Question : राजनीतिक तटस्थता और अनामता का सिद्धांत आधुनिक ‘सिविल’ सेवा के लिए प्रासंगिक नहीं रहता है।
(2002)
Answer : राजनीतिज्ञों और लोकसेवकों के मध्य पारस्परिक संबंध अंग्रेजी संसदीय प्रशासनिक परंपरा के आधार पर किए गए हैं। ब्रिटिश प्रशासन में राजनीति राजनीतिज्ञों का कार्यक्षेत्र थी और लोक प्रशासन प्रशासनिक अधिकारियों का। वहां परम्परा के अनुरूप अहस्तक्षेप की नीति का पालन किया जाता था और नौकरशाह केवल नीति निर्माण और नीति तथा योजनाओं के क्रियान्वयन हेतु संपर्क में आते थे।
लोकतांत्रिक विचारधारा के आधार पर यह माना जाता है कि राजनीतिज्ञ नीतियों को बनाने के लिए जिम्मेदार ....
Question : ‘विकासशील देशों के सन्दर्भ में अधिकारी-तांत्रिक तटस्थता का सिद्धांत अपेक्षाकृत अधिक फालतू एवं अनावश्यक है।‘
(1999)
Answer : विकासशील देशों में नौकरशाही का चमत्कारिक फैलाव हुआ है, जिसके परिणामस्वरूप उनके सामाजिक ढांचों पर वास्तविक प्रभाव पड़ता है। इनमें से कई देशों में नौकरशाही ने मध्यम वर्ग जैसे नए वर्ग में बड़ी तेजी से सामाजिक और राजनीतिक श्रेष्ठता प्राप्त कर ली है। राष्ट्रीय नेतृत्व एक ओर भूमिपतियों, कृषकों एवं दूसरी ओर पूंजीपतियों के बीच सन्तुलन बनाए रखने का काम करता है। भ्रष्टाचार तथा एकाधिकार में विकास पर बहुत कम रोक है। इनमें कुछ देशों ....
Question : विकास प्रशासन का उद्देश्य क्या है? विकास प्रशासन के लिए प्रशासन की संरचना एवं रीतियों में कौन सा रूपान्तरण जरूरी है, इनका भी परीक्षण कीजिए।
(1998)
Answer : विकास प्रशासन से तात्पर्य है कि जो आर्थिक विकास की योजनाओं को बनाने तथा राष्ट्रीय आय को बढ़ने के लिए साधनों को प्रवृत्त करने तथा बांटने का कार्य करता है। विकास प्रशासन निर्धारित लक्ष्यों की प्राप्ति के लिए संयुक्त प्रयास के रूप में सभी तत्वों, मानवीय व भौतिक साधनों का मिश्रण है। इसका लक्ष्य निर्धारित करते समय क्रम के अन्तर्गत विकास के पूर्व निश्चित लक्ष्य की प्राप्ति होती है।
विकास प्रशासन लोक प्रशासन का वह पहलू ....
Question : विकास प्रशासन बुनियादी तौर पर ‘एक कार्योन्मुखी, लक्ष्योन्मुखी प्रशासनिक तंत्र’ है।
(1997)
Answer : विकास प्रशासन एक नूतन अवधारणा है, जो बीसवीं सदी के मध्यान्ह के वर्षों में सृजत की गई। वर्तमान में विकास प्रशासन की अवधारणा नित नवीन सफलताओं का आचमन करके सर्वप्रिय है। वस्तुतः विकास प्रशासन लोक प्रशासन की वह अवधारणा है, जिसमें लोक अभिकरणों को समाजिक एवं आर्थिक विकास हेतु निर्मित कार्यक्रमों के निहित्तार्थ संगठित और प्रशासित एवं प्रोत्साहित किया जाता है और इस प्रक्रिया को विकास के पथ पर अग्रसारित किया जाता है। विकास प्रशासन ....
Question : यह कहना कहां तक सही होगा कि विकासशील लोकतंत्र के लिये सिविल सेवा तटस्थता की संकल्पना अब पुरानी पड़ गई है, इसके बजाय संव्यावसायिक सक्षमता और प्रतिबद्धता वाली सिविल सेवा की जरूरत है?
(1997)
Answer : शासकीय कर्मचारियों के राजनैतिक क्रियाकलापों के सम्बन्ध में विवाद है। जनतांत्रिक समाज के लिये यह आवश्यक है कि कर्मचारी निरपेक्ष एवं दलगत भावनाओं से विरत रहें, तभी शासन में दक्षता आ सकती है, वस्तुतः कर्मचारी समाज के विवेकीय पक्ष का भी प्रतिनिधित्व करते हैं और जैसे-जैसे प्रशासन का क्षेत्र बढ़ता जाता है, वैसे-वैसे उत्तरोत्तर इनकी संख्या में भी वृद्धि होती जाती है। ऐसे में यक्ष प्रश्न खड़ा हो जाता है कि लोक सेवकों की व्यावहारिक ....