Question : "प्रशिक्षण न केवल कर्मचारियों की दक्षता और प्रभाविता के लिए अत्यावश्यक होता है, बल्कि उनकी अंतर्दृष्टि को विस्तार प्रदान करने के लिये भी अत्यावश्यक होता है।" इसको तर्कों द्वारा सिद्ध कीजिये।
(2007)
Answer : किसी भी कार्य की सफलता उसके कर्मचारियों की योग्यता पर ही अवलम्बित होती है। कर्मचारी ही संगठन के लक्ष्यों को भलीभांति समझते हैं एवं उसके लक्ष्यों को पूरित का प्रयास भी करता है, अतः संगठन में योग्य कर्मचारियों का होना अत्यावश्यक है। संगठन के कार्यों में भिन्नता होती है, अतः यह परमावश्यक है कि संगठन के कार्मिकों की अंतदृष्टि भी व्यापकता ग्रहण करे। आधुनिक तकनीकी युग में नित नवीन तकनीकों को परिचालित किया जा रहा ....
Question : मानव संबंध आंदोलन ने कार्मिक प्रकाशन (Personnal Administration) के क्षेत्र में किस सीमा तक ज्ञान एवं रीति में योगदान दिया है।
(2006)
Answer : 1920-29 ई. के अंतिम वर्षों एवं 1930-39 ई. के प्रारंभिक वर्षों में संयुक्त राज्य अमेरिका में हाथोर्न प्रयोग हुये थे। इन प्रयोगों के फलस्वरूप संगठन की स्थानीय या यांत्रिक विचारधारा को धक्का लगा ओर उसकी लोकप्रियता कम हो गयी। इन प्रयोगों के निष्कर्ष अत्यंत मौलिक थे। हॉथोर्न प्रयोगों ने यह सिद्ध किया कि मनुष्य एकाकी प्राणी नहीं है, अपितु वे अपने ढंग से पर्यावरण के प्रति प्रतिक्रिया व्यक्त करते हैं। उदाहरण के लिये, प्रथम प्रयोग ....
Question : यदि पद वर्गीकरण के कच्चे माल है, तो वर्ग प्रचालित इकाई है। चर्चा कीजिए।
(2005)
Answer : वर्गीकरण का अर्थ कर्त्तव्यों एवं अपेक्षित योग्यताओं की समानता के आधार पर पदों को समूहबद्ध करना है। पद वर्गीकरण उन सभी पदों को कहते हैं, जिनके कर्त्तव्य तथा उत्तरदायित्व बहुत कुछ मिलते-जुलते तथा एक से होते हैं। भर्ती, प्रतिफल, अन्य कर्मचारी सम्बन्धी मामलों की दृष्टि से एक साथ वर्गीकृत दिये जाते हैं। वर्गीकरण श्रेणीबद्ध क्रिया को कहते हैं, यह दैनिक जीवन के अनुभव पर आधारित है और वस्तुओं के प्रबन्ध एवं उन्हें व्यवस्थित करने में ....
Question : लोक संगठन कर्मचारियों के निष्पादन का मूल्यांकन क्यों करते हैं, निष्पादन, मूल्यांकन प्रणालियां कर्मचारियों के व्यवहार को किस प्रकार प्रभावित कर सकती है? प्रशासन प्रभावी रूप से किस प्रकार कर्मचारियों का मूल्यांकन कर सकता है?
(2005)
Answer : किसी संगठन में कर्मचारियों एक व्यवस्थित एवं उचित मूल्यांकन केवल उनकी भर्ती चयन एवं पदस्थापन के साथ ही आवश्यक नहीं होता है, वरन् ऐसा मूल्यांकन निरन्तर उसके संपूर्ण कार्यकाल के दौरान न केवल उपयोगी होता है वरन् वांछनीय भी होता है। निष्पादन मूल्यांकन में कार्यरत् कर्मचारी की प्रकट एवं छिपी हुई योग्यताओं एवं संभावनाओं का मूल्यांकन किया जाता है, ताकि उसे योग्यता, रूचि एवं प्रवृत्ति के अनुसार कार्य सौंपा जा सके। निष्पादन मूल्यांकन कर्मचारी विकास ....
Question : भर्ती लोक प्रशासन की रीढ़ की हड्डी है। स्पष्ट कीजिए।
(2004)
Answer : लोक प्रशासन में कर्मचारियों की भर्ती अत्यन्त महत्वपूर्ण प्रक्रिया है, क्योंकि प्रशासन की स्थिरता तथा कार्यकुशलता इन्हीं कर्मचारियों की योग्यता, ईमानदारी व लगन पर निर्भर करती है। शासन की सफलता और असफलता इन कर्मचारियों पर ही निर्भर करती है। भर्ती शक्तिशाली लोक सेवा की कुंजी है। यह लोक कर्मचारियों के संपूर्ण ढांचे की आधारशिला है। भर्ती के अतिरिक्त लोक प्रशासन का कोई भी भाग अधिक महत्वपूर्ण नहीं है। भर्ती का अर्थ सही व्यक्ति को एक ....
Question : ‘प्रशिक्षण किसी भी संव्यवसाय में व्यवहारिक शिक्षा है, न केवल कौशलों को परिमार्जित करने के लिए, बल्कि प्रभावी निष्पादन के लिए आवश्यक अभिवृत्तियों एवं मूल्य योजना के विकास के लिए भीय्। इसकी विशद विवेचना कीजिए।
(2003)
Answer : प्रशिक्षण को ‘स्टाफ की कार्य कुशलता की कुंजी’ कहा जाता है। कर्मचारियों के लिए प्रशिक्षण की आवश्यकता इस कारण है, ताकि उनका दृष्टिकोण व्यापक बन सके। प्रशिक्षण द्वारा कर्मचारियों में दक्षता, कुशलता, प्रवीणता, स्वतन्त्र निर्णय लेने और विशिष्टीकरण आदि गुण उत्पन्न होते हैं। प्रशिक्षण द्वारा कर्मचारियों में सामाजिक समस्याओं को मनोवैज्ञानिक तरीकों से हल करने की दक्षता उत्पन्न होती है। प्रशिक्षण द्वारा कर्मचारियों में आत्मनिर्भरता की भावना उत्पन्न होती है। समाज में चारों ओर जो ....
Question : नियोक्ता-कर्मचारी सम्बन्धों के सांविधानिक, राजनीतिक और संक्रियात्मक आयाम का विश्लेषण कीजिए। उनके बीच सन्तोषजनक सम्बन्ध पैदा करने के लिए आपके पास क्या सुझाव है?
(2002)
Answer : विकसित देशों के जन तन्त्र में प्रशासन तन्त्र नियोक्ता एवं कर्मचारी सम्बन्धों पर आधारित है। जहां एक ओर ब्रिटेन में तटस्थ, अनाम्यता, योग्यता पर आधारित है, वही अमेरिका में अर्द्ध राजनीतिक विशेषतया योजना आधारित तथा उच्चस्तरीय अनुबन्धों द्वारा संचालित होती है। भारत में नियोक्ता कर्मचारी सम्बन्ध मिले-जुले रूप में होते हैं। नियोक्ता एवं कर्मचारी के सम्बन्ध बनाए रखने के लिए कुछ बातों पर विशेष ध्यान देना आवश्यक है। प्रभावशाली नेतृत्व किसी भी कर्मचारी के सम्बन्धों ....
Question : भारत सरकार ने वरिष्ठ स्तर के कर्मचारियों अर्थात् श्रेणी I और II के कर्मचारियों के कार्य निष्पादन के मूल्यांकन के लिए क्या पद्धति अपनायी है? क्या आप इन पद्धतियों से संतुष्ट हैं?
(2001)
Answer : अखिल भारतीय सेवाएं, राज्य तथा केन्द्र दोनों के लिए संयुक्त रूप से कार्य करती हैं तथा इनका कार्य क्षेत्र राज्य एवं केन्द्र में कही भी हो सकता है, जबकि केन्द्रीय सेवाएं मात्र केन्द्र के विषयों तक सीमित होती है।
भारत सरकार केन्द्रीय सेवाएं श्रेणी-I के अधिकारियों को अपने-अपने विभाग के वरिष्ठ पदों पर रखती है। भारत सरकार के अधीन केन्द्रीय सेवा ग्रुप-I के पदाधिकारियों को अपने-अपने विभाग के ऊंचे पदों पर रखा जाता है। भारत सरकार ....
Question : ‘सामान्यज्ञ सदैव ही विशेषज्ञ के मुकाबले लाभकारी स्थिति में रहेगा’ इस विचार के पक्ष में तर्क दीजिए।
(1999)
Answer : अधिकांश औपनिवेशिक राष्ट्रों में लोक सेवाओं का गठन परम्परागत रूप से ब्रिटिश पद्धति के आधार पर किया गया है। सामान्यज्ञ विवाद लोक प्रशासन की एक महत्वपूर्ण समस्या है। उच्च प्रशासकीय वर्ग एवं अन्य अधीनस्थ प्राविधिक सेवाओं में विभाजित है। जिसका मूल कारण स्थायी लोक सेवा के संगठन से सम्बन्धित प्रसिद्ध नार्थकोट ट्रेवेलियन प्रतिवेदन 1853 है, उस प्रतिवेदन में यह प्रस्ताव किया गया था कि उच्च पदों पर देश की सर्वश्रेष्ठ शिक्षा समतुल्य सर्वोच्च स्तर की ....
Question : फ्लोकतन्त्र में कमजोर अधिकारी तन्त्र नहीं, बल्कि मजबूत अधिकारी तन्त्र चिन्ता पैदा करता है।य् टिप्पणी कीजिए।
(1999)
Answer : लोकतन्त्र से तात्पर्य उस शासन प्रणाली से है, जिसमें प्रत्यक्ष रूप से व अप्रत्यक्ष रूप से जनता अपने प्रतिनिधियों के द्वारा सम्पूर्ण जनता के हित को दृष्टि में रखकर शासन करती है।
लोकतन्त्र में प्रशासक जनता का सेवक है न कि जनता पर शासन करने वाला। लोकतन्त्र के प्रशासन में यह आवश्यक है कि प्रशासन जन इच्छा का सम्मान करे। लोकतन्त्र में प्रशासन लोकमत के प्रति उत्तरदायी होता है। लोकतन्त्र के प्रशासनिक निर्णय गुप्त नहीं रखे ....
Question : ‘‘लोक कार्मिक प्रशासन संबंध अनेक प्रकार्यों से है।’’ विस्तार से बताइए। ‘प्रापण और विकास प्रकार्य क्या क्यों महत्वपूर्ण हैं?
(1998)
Answer : लोक कार्मिक प्रशासन का सबसे महत्वपूर्ण प्रकार्य भर्ती है। लोक सेवा में कर्मचारियों की भर्ती की समस्या इसलिए महत्वपूर्ण हैं क्योंकि प्रशासन की स्थिरता, कार्यकुशलता इन्हीं कर्मचारियों की योग्यता, ईमानदारी और लगन पर निर्भर है साथ ही शासन की सफलता व असफलता इन कर्मचारियों पर ही निर्भर है। प्रत्येक जनतंत्र में अत्यंत कुशल, योग्य व ईमानदार कर्मचारी प्राप्त करना एक कठिन कार्य है वस्तुतः भर्ती शक्तिशाली लोक सेवा की कुंजी है। लोक कार्मिक प्रशासन के ....
Question : ‘अधिकारी तंत्र उन सामाजिक संरचनाओं में से एक है, जिनको एक बार पूर्णतया स्थापित हो जाने के बाद नष्ट करना सबसे ज्यादा कठिन है।‘
(1997)
Answer : आधुनिक राष्ट्र-राज्यों के जन्म के साथ ही साथ नौकरशाही का भी आविर्भाव हुआ। राज्यों या राष्ट्रों के उदय के साथ राज्य की गतिविधियों में भी तीव्रता आई। पूर्व में राजनैतिक जीवन परंपराओं से नियंत्रित एवं निर्धारित होता था। उसका स्थान अधिकारी तंत्र ने ले लिया। परिवार का मुखिया ही परिवार का सर्वोच्च राजनैतिक नियंत्रक था, परिवार के अन्य सदस्यों का राजनैतिक चरित्र वहीं निर्धारित करता था। पूर्व में किंचित् गांवों में बूढ़े व्यक्तियों की एक ....