Question : महासागरीय निक्षेपों के वर्गीकरण के लिए विभिन्न आधारों पर चर्चा कीजिए और महासागरों के अंबुधी निक्षेपों का एक विस्तृत विवरण प्रस्तुत कीजिए।
(2007)
Answer : महासागरीय तल पर अवसादों के जमाव को ‘महासागरीय निक्षेप’ कहते हैं। ये अवसाद मुख्यतः असंगठित होते हैं, ये अवसाद कई प्रकार के होते हैं तथा ये कई स्रोतों से प्राप्त होते हैं। महासागरीय निक्षेपों का वर्गीकरण निम्न आधारों पर किया गया हैः
(अ) अवसाद के स्रोतों के आधार पर वर्गीकरणः महासागर में पाये जाने वाले अवसादों के आधार पर महासागरीय निक्षेपों को मुख्यतः चार वर्गों में विभाजित किया गया हैः
1. स्थलीय निक्षेपः सागर तल में निक्षेपित ....
Question : समुद्र तल के यूस्टैटिक परिवर्तन
(2007)
Answer : समुद्र तल में परिवर्तन से तात्पर्य औसत सागर तल के उच्चावच में परिवर्तन से है। सागर सतह का औसत तल तथा आंकड़े, जो एक लम्बी समय अवधि में ज्वारीय दोलन के निरंतर रिकार्ड श्रृंखला के द्वारा सागर में परिवर्तन मापा जाता है। वस्तुतः समुद्रतल में परिवर्तन सागर तल में सापेक्षिक परिवर्तन के रूप में जाना जाता है। समुद्र तल में सापेक्षिक उठाव के दौरान या तो भूमि या सागर सतह उठाव या निमज्जन के अंतर्गत ....
Question : उत्तरी अटलांटिक महासागर की जलधाराएं
(2006)
Answer : उत्तरी अटलांटिक महासागर की जलधाराओं को निम्न रूपों में विभाजित किया जा सकता है।
उत्तरी अटलांटिक महासागर की जलधाराएं
प्रचलित व्यापरिक पवन के प्रभाव से विषुवत रेखा के उत्तर एवं दक्षिण का जल पश्चिम की ओर प्रवाहित होता है, जिसके फलस्वरूप क्रमशः उत्तरी विषुवतीय तथा दक्षिणी विषुवतीय जलधारा की उत्पत्ति होती है। इस प्रकार से असंतुलित जलस्तर का संतुलन वापस लाने हेतु इन दोनों जलधाराओं ....
Question : मध्य-अटलांटिक कटक पर उसकी उत्पति, विस्तार और उच्चावच की दृष्टि से चर्चा कीजिए।
(2004)
Answer : अटलांटिक महासागर जो पश्चिम में उत्तरी और दक्षिणी अमेरिका तथा पूर्व में यूरोप और अफ्रीका के मध्य स्थित है, पर सभी महासागरों की अपेक्षा सबसे ज्यादा अध्ययन हुआ है, जिसका श्रेय अटलांटिक महासागर में स्थित मध्य महासागरीय कटक तंत्र पर जाता है। मध्य अटलांटिक कटक की खोज सबसे पहले की गयी थी तथा यह सभी कटकों में सबसे ज्यादा विस्तृत एवं महत्वपूर्ण है। मध्य अटलांटिक कटक की उत्पति एवं उच्चावच के अध्ययन ने प्लेट टेक्टानिकस ....
Question : अंबुधी निक्षेप
(2004)
Answer : इसके अंतर्गत उन पदार्थों को रखा गया है जो जैविक तो है किंतु तरल और कीचड़ की अवस्था में हैं। इसे ऊज (Ooze) भी कहा गया है। यह सूखने पर पाउडर जैसा होता है, इसे भी दो वर्गों में बांटा जाता हैः
(अ) चूना प्रधान ऊजः जानवरों के अवशेषों के निक्षेप से जो कीचड़ बनता है, उसे चूना प्रधान ऊज कहते हैं।
(ब) सिलिका प्रधान ऊजः वनस्पतियों के अवशेषों के निक्षेप से बनने वाले कीचड़ को सिलिका ....
Question : हिंद महासागर के तलीय उच्चावच का एक संक्षिप्त विवरण प्रस्तुत कीजिए।
(2003)
Answer : हिंद महासागर क्षेत्रफल में प्रशांत महासागर तथा आंध्र महासागर से छोटा है। परंतु यह चारों ओर से महाद्वीपीय भाग से घिरा हुआ है। द. में अंटार्कटिका के पास इसका संबंध प्रशांत महासागर तथा आंध्र महासागर से हो जाता है। महासागर की औसत गहराई 4000 मीटर के आस-पास है। हिंद महासागर के तट का अधिकांश भाग गोंडवाना लैंड के ब्लॉक पर्वतों से निर्मित होने के कारण ठोस तथा सघन हो गया है। पूर्वी द्वीप समूह के ....
Question : प्रवाल भित्तियों की रचना।
(2001)
Answer : प्रवाल भित्तियों का निर्माण प्रवालों या पॉलिपों के अस्थि-पंजरों के समेकन एवं संयोजन द्वारा होता है। ये प्रवाल सामान्यतः उष्ण कटिबंधीय सागरों में अधिकतम 200 से 300 फीट की गहराई तक पाये जाते हैं। जब प्रवाल भित्तियों का निर्माण सागर तट से सट कर होता है तो ‘तटीय प्रवाल भित्ति’ का निर्माण होता है। तट से दूर हटकर विकसित प्रवाल भित्ति ‘अवरोधक प्रवाल भित्ति’ कहलाती है। किसी द्वीप या अंतः सागरीय चबूतरों के चारों ओर ....
Question : अंतःसमुद्री कैनियन
(1999)
Answer : स्थल की ही भांति महाद्वीपीय मग्न तट तथा मग्न ढाल पर भी खड़ी दीवार युक्त गहरी एवं संकरी घाटियाँ पायी जाती हैं, जिन्हें ‘कैनियन’ कहते हैं। ये कैनियन स्थलीय गंभीर खड्डों से अधिक हरी होती हैं। इनके अनुदैर्ध्य परिच्छेदिकाओं में पर्याप्त अन्तर होता है तथा इनका मार्ग विसर्प युक्त टेढ़ा-मेढ़ा होता है। इनकी औसत ढाल 1.7% होती है। नदियों के मुहाने पर स्थित कैनियन अधिक लम्बी परन्तु कम गहरी होती है। इन कैनियनों में रेत, ....
Question : अटलांटिक महासागर के अंतःसमुद्री उच्चावच को स्पष्ट कीजिए और उदाहरण प्रस्तुत करते हुए समझाइए।
(1998)
Answer : पश्चिम में उत्तरी व दक्षिणी अमेरिका व पूर्व में यूरोप व अफ्रीका के मध्य ‘S’ अक्षर के आकार वाले अटलांटिक महासागर में महासागरीय तली का रूप महाद्वीपीय किनारे से लेकर अधिक गहराई तक काफी भिन्न है। इसके ‘S’ आकार से प्रमाणित होता है कि इसकी रचना में प्लेट विवर्तन का महत्त्वपूर्ण योगदान रहा है। अटलांटिक महासागर के नितल में निम्न चार प्रमुख रूप देखने को मिलते हैंः