Question : प्रदेश की संकल्पना क्या है? प्रदेशों के प्रकारों पर चर्चा कीजिए।
(2006)
Answer : प्रदेश को परिभाषित करना काफी कठिन है। इसका कारण यह है कि इस संकल्पना का प्रयोग विभिन्न लोगों द्वारा विभिन्न अर्थों में किया गया है। भूगोल में प्रदेश की संकल्पना का प्रयोग सर्वप्रथम यूनानी दार्शनिक हेरोडोटस एवं रोमन चिंतक स्ट्रेबो द्वारा किया गया। स्ट्रेबो ने विश्व का वृहत् भूगोल लिखा था, जो राजनीतिक सीमाओं को आधार मानकर प्रादेशिक भूगोल पर लिखी गई महत्वपूर्ण पुस्तक थी। आधुनिक युग में 19वीं शताब्दी में जर्मनी तथा फ्रांस में ....
Question : प्रदेश किसे कहते हैं? प्रादेशीकरण की विधियों की विवेचना कीजिए।
(2005)
Answer : प्रदेश शब्द का विकास मूलतः भूगोल विषय के अन्तर्गत आता है। इसका प्रारंभिक प्रयोग यूनानी दार्शनिक हैरोडोटस तथा रोमन चिन्तक स्ट्रैबो द्वारा किया गया था। आधुनिक भूगोल में इसकी प्रथम व्याख्या रिटर महोदय द्वारा अपनी पुस्तक में किया गया। रिटर ने इस शब्द की व्याख्या भूगोल के एक उपागम के रूप में किया है।
साधारण शब्दों में, प्रदेश स्थल खंड की वह इकाई है, जहां पर पाये जाने वाले भौगोलिक अवयवों में समरूपता होती है। इसकी ....
Question : प्रादेशिक संतुलनों को ठीक करने के लिए विभिन्न रणनीतियों पर चर्चा कीजिए।
(2004)
Answer : प्रादेशिक असंतुलन से तात्पर्य दो प्रदेशों के बीच पाये जाने वाले आर्थिक-सामाजिक विकास की अवस्था में पाये जाने वाले अंतर से है। विकास संबंधी असमानता का संबंध एक तरफ तो मानव जनित परिस्थितियों का परिणाम है तो दूसरी तरफ यह प्राकृतिक कारकों की क्रियाशीलता का प्रतिफल है।
मानव जनित परिस्थितियों के अंतर्गत पूंजी तकनीक के वितरण की असमानता राजनीति परिस्थितियां, जनसंख्या, संस्थागत एवं संरचनात्मक कारकों को शामिल किया जाता है जबकि प्राकृतिक कारकों में जलवायु, मृदा, ....
Question : संसार में आर्थिक विकास तथा मानवीय विकास के प्रादेशिक प्ररूप किस सीमा तक एक दूसरे के साथ संगत हैं? विशेषकर अंतर की स्थितियों को अवलोकित कीजिए।
(2002)
Answer : मनुष्य ने आदिम काल से ही अपनी आर्थिक स्थिति सुधारने एवं प्रत्येक सुख-सुविधा को उपलब्ध करने के लिए जी-तोड़ मेहनत की है। वह अपने प्रौद्योगिक एवं वैज्ञानिक अस्त्र-शस्त्र द्वारा यह विजय प्राप्त करने में सफल भी रहा है। पर दुर्भाग्य से इस विजय से मानव समाज का एक खण्ड अक्षुण्ण भी रहा है। मानव समाज में छाई इन अंतर की स्थितियों ने इस समाज को ही अवंचित और वंचित दो भागों में विभक्त कर दिया ....
Question : विश्व में व्याप्त विकास विषमता के क्षेत्रीय प्रतिरूपों का परीक्षण कीजिए।
(2001)
Answer : विश्व में संसाधन, पूंजी, तकनीक आदि के वितरण की दृष्टि से अत्यधिक विषमता पायी जाती है। इसके कारण विश्व में आर्थिक विकास का प्रतिरूप भी काफी असंतुलित है। एक ओर कुछ विकसित देश हैं जिन्होंने अभूतपूर्व सामाजिक एवं आर्थिक प्रगति की है, तो दूसरी ओर अनेक विकासशील एवं अल्प विकसित देश हैं जो सामाजिक, आर्थिक दृष्टि से काफी पिछड़े हुए हैं। विकसित देशों में विश्व की मात्र 20 प्रतिशत जनसंख्या निवास करती है, जबकि विश्व ....
Question : प्रादेशिक विकास प्रक्रिया में विकास केन्द्रों एवं विकास ध्रुवों की भूमिका का आलोचनात्मक परीक्षण कीजिए।
(2001)
Answer : सीमित संसाधनों के प्रयोग द्वारा तीव्र एवं संतुलित आर्थिक विकास हेतु अनेक मॉडल एवं सिद्धांत विकसित किये गये हैं। उन सिद्धातों में विकास केन्द्र एवं विकास ध्रुव सिद्धांत का महत्वपूर्ण स्थान है। हाल के वर्षों में प्रादेशिक विकास हेतु इस सिद्धांत के उपयोग में तेजी से वृद्धि हुई है। यह सिद्धांत पदानुक्रमिक समन्वित प्रादेशिक विकास की अवधारणा पर आधारित है। इस सिद्धांत के प्रतिपादन में अनेक विद्धानों का योगदान है, जिसमें सर्वाधिक महत्वपूर्ण योगदान पेरॉक्स ....
Question : प्रदेश किसको कहते हैं? प्रदेशों के प्रकारों और प्रादेशीकरण की विधियों पर चर्चा कीजिए।
(2000)
Answer : एक प्रदेश अन्य क्षेत्रों में एक या एक से अधिक परिभाषित लक्षणों के आधार पर भिन्नता रखते हैं। ये परिभाषित लक्षण प्राकृतिक या आर्थिक हो सकते हैं। कुछ विद्वान प्रदेश को सिर्फ एक विचार के तौर पर इस्तेमाल करते हैं तथा इसके विभाजन में स्थान की प्रासंगिकता पर ध्यान नहीं देते। परंतु भूगोलवेत्ताओं तथा आम जनता के लिए प्रदेश एक तथ्यात्मक वास्तविकता है जो स्थान (space) से जुड़ा हुआ है तथा जो स्थान के संदर्भ ....