Question : मृदा क्षरण एवं संरक्षण
(2005)
Answer : मृदा की उत्पत्ति मुख्यतः ऋतुक्षरण प्रक्रिया से होती है, लेकिन जब स्तरित ऋतृक्षरित चट्टानी कणों का अपरदन प्रारंभ हो जाता है, तो उसे मृदा अपरदन या मृदाक्षरण कहते हैं। मृदा एक संसाधन है, अतः जब अपरदन प्रक्रिया से उसके साधनात्मक गुणों का क्षय होने लगता है, तो उसे मृदाक्षरण की प्रारंभिक स्थिति कहते हैं। विश्व खाद्य संगठन के अनुसार विश्व की करीब एक तिहाई मृदा क्षेत्र अपरदन की समस्या से ग्रसित है और यह समस्या ....
Question : मृदाओं की उत्पत्ति।
(2003)
Answer : स्थलीय भूपटल की सबसे ऊपरी सतह को मृदा कहा जाता है। इसमें ट्टतुक्षरित चट्टानों के अतिरिक्त जैव पदार्थ जल और वायु का मिश्रण होता है। इसकी उत्पत्ति कई कारकों के अंतक्रिया का परिणाम होता है। संगठनात्मक विशेषता के दृष्टिकोण से उसके चार प्रमुख घटकों का अनुपात इस प्रकार होता हैः
क्र. मृदा का प्रमुख घटक - अनुपात (% में)
1. जीवित प्राणी (सूक्ष्म जीव एवं जैविक पदार्थ) - 5-12
2. खनिज पदार्थ - 38-47
3. मृदा ....
Question : मृदा प्रोफाइल।
(2000)
Answer : मृदा प्रोफाइल भूतल से लेकर नीचे तलीय चट्टान या मूल चट्टानी पदार्थ तल मृदा के ऊर्ध्वाधर भाग को प्रदर्शित करती है। यह मृदा के विभिन्न घटकों के लम्बवत वितरण का निदर्शन करती है। एक सुविकसित मृदा में विभिन्न संस्तर होते हैं। ये संस्तर मुख्य रूप से विभिन्न मृदा निर्माण प्रक्रियाओं के कारण विकसित होते हैं तथा अपनी अलग-अलग भौतिक व रासायनिक गुणों के कारण पृथक पहचान रखते हैं। मृदा प्रोफाइल में ये मृदा संस्तर एक ....
Question : सामाजिक वानिकी और पर्यावरण सरंक्षण।
(2007)
Answer : देश में एक करोड़ हेक्टेयर अवक्रमित भूमि पर प्रतिवर्ष वनरोपण की आवश्यकता है, ताकि पारिस्थितिकी संतुलन का नुपर्स्थापन हो सके। सामाजिक वानिकी के द्वारा इस लक्ष्य की पूर्ति वांछित है, क्योंकि इससे न केवल वनाच्छादित क्षेत्र में वृद्वि होगी, वरन् बड़े पैमाने पर रोजगार सृजन भी होगा। राष्ट्रीय वन नीति के निर्धारिण के पूर्व ही राष्ट्रीय कृषि आयोग ने वन क्षेत्र में अभिवृद्वि के हेतु सामाजिक वानिकी अपनाने का सुझाव दिया था ताकि वनाच्छादित क्षेत्र ....
Question : मिट्टियों का वितरण
(2006)
Answer : जलवायु, वनस्पति, मूलभूत चट्टान, स्थलाकृति तथा विकास की अवधि में अंतर के कारण विश्व के विभिन्न क्षेत्रों में विभिन्न प्रकार की मिट्टयों का विकास हुआ है। ये निम्नलिखित हैं: