Question : ‘स्वर्णिम चतुर्भुज’से क्या तात्पर्य है? उसके निष्पादन में की गई प्रगति और भारत की अर्थव्यवस्था पर उसके प्रभावों की चर्चा कीजिए।
(2005)
Answer : ‘स्वर्णिम चतुर्भुज योजना’ राष्ट्रीय राजमार्ग विकास परियोजना का एक भाग है, जो राष्ट्रीय राजमार्गों में गुणात्मक तथा मात्रत्मक सुधार की दिशा में उठाया गया एक प्रमुख कदम है। प्रधानमंत्री (भूतपूर्व) श्री अटल बिहारी वाजपेयी ने राष्ट्रीय अर्थव्यवस्था में सड़कों के महत्व को महसूस किया। उनकी इसी दूरदर्शितापूर्ण सोच ने राजमार्ग क्रांति की संकल्पना को जन्म दिया। राष्ट्रीय राजमार्ग विकास कार्यक्रम प्रधानमंत्री की पहल पर प्रारंभ किया गया एक अति महत्वाकांक्षी एवं बड़ा कार्यक्रम है, जिसे ....
Question : भारत में औपनिवेशिक पूर्व और स्वातंत्र्योत्तर अवधियों के दौरान नदी जल परिवहन के विकास का तुलनात्मक विवरण प्रस्तुत कीजिए। प्रादेशिक विकास में नदी परिवहन की भूमिका को उजागर कीजिए।
(2004)
Answer : भारत में नदी द्वारा जल परिवहन काफी प्राचीनकाल से होता आ रहा है। सिन्धु घाटी सभ्यता के समय से ही व्यापार का कार्य नदी द्वारा होता था एवं कई नगर जैसे हड़प्पा, मोहनजोदड़ो, लोथल आदि नदियों के किनारे बसे हुए थे। मेगास्थनीज एवं एरियन के वर्णनों से ज्ञात होता है कि गंगा और उसकी 17 सहायक नदियां और सिन्धु और उसकी 13 सहायक नदियों में नौकाओं द्वारा परिवहन प्राचीनकाल में सम्भव रहा।
औपनिवेशिक पूर्व अवधि में ....
Question : भारत के विदेशी व्यापर पर पत्तनों के बढ़ते हुए महत्व पर चर्चा कीजिए।
(2003)
Answer : भारत के लगभग 7500 किमी. लंबी तट रेखा है। इस पर 12 बड़े पत्तन तथा 181 मध्यम और छोटे दर्जे के समद्री पत्तन सेवारत है। बड़े पत्तनों के माध्यम से 90 प्रतिशत से अधिक विदेश व्यापार होता है। सम्पूर्ण बन्दरगाह से भारत को कुल 98 प्रतिशत विदेशी व्यापार संपन्न होता है। कांदला, मुम्बई, न्हावा शेवा, मर्मगांव, न्यू मंगलौर तथा कोच्ची पश्चिमी तट पर स्थित प्रमुख पत्तन हैं। इन बंदरगाहों का पृष्ठ प्रदेश मध्य तथा आंशिक ....
Question : भारत में तेल एवं प्राकृतिक गैस के पाइप लाइन जालक्रमों की विवेचना कीजिए। प्रादेशिक विकास में उनकी पूरक भूमिका पर प्रकाश डालिए।
(2002)
Answer : किसी देश में शक्ति के संसाधनों के विकास को वहां के औद्योगिक विकास की एक महत्वपूर्ण कड़ी के रूप में देखा जाता है। इसका कारण यह है कि शक्ति के संसाधनों का जितना अधिक उपयोग व्यापारिक स्तर पर किया जाता है, उत्पादनों की मात्र एवं विविधता भी उतनी ही अधिक होती है। शक्ति के संसाधन शांति एवं विकास के साथ अन्य विपरीत समयों में भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं। इनके समुचित विकास द्वारा ही देश ....
Question : भारतीय अंतर्राष्ट्रीय व्यापार की अभिनव प्रवृतियों का विश्लेषण कीजिए।
(2000)
Answer : भारतीय अंतर्राष्ट्रीय व्यापार की संरचना एवं प्रवृति में स्वतंत्रता के बाद मुलभूत परिवर्तन हुए हैं और यह हाल के वर्षों में ज्यादा अच्छे से परिलक्षित होता है। इन अभिनव प्रवृतियों को निम्न शीर्षकों के अंतर्गत विश्लेषित किया जा सकता है-
अहितकर व्यापार संतुलनः स्वतंत्रता के बाद खाद्यान्न, कच्चे माल, उद्योगों के लिए मशीनों के आयात एवं आयातित पेट्रोलियम पदार्थों की ऊंची कीमतों के कारण व्यापार घाटा बढ़ता ही चला गया है। व्यापार घाटा 2 करोड़ से ....
Question : भारत में अंतः एवं अंतः प्रदेशीय व्यापार को बढ़ावा देने में ग्रामीण बाजार केन्द्रों की भूमिका।
(1999)
Answer : किसी देश के व्यापार को अांतरिक एवं बाह्य व्यापार में विभाजित किया जाता है। आंतरिक व्यापार को पुनः अंतर प्रादेशिक या राज्यों के बीच व्यापार एवं आंतरिक प्रादेशिक या राज्य के अंदर होने वाले व्यापार में बांटा जाता है। जहां तक अंतः प्रादेशिक व्यापार का संबन्ध है, इसे दो भागों में बांटा जाता हैः (i) तटीय, और (ii) स्थलीय या रेल एवं सड़क पर आधारित।
अंतः प्रादेशिक व्यापार का मुख्य आधार प्रदेश की आवश्यकता से अधिक ....
Question : भारतीय रेलमार्ग और सड़क जाल के परिपूरक एवं प्रतिस्पर्धात्मक स्वरूप का आलोचनात्मक परीक्षण कीजिए।
(1999)
Answer : भारत जैसे विशाल एवं भौगोलिक विविधता वाले देश के आर्थिक विकास में रेल एवं सड़क दोनों ने अपने दायित्व का निर्वाह बखूबी किया है। रेल और सड़क परिवहन दोनों के अपने-अपने लाभ हैं और कई क्षेत्रों में इनमें पूरकता भी पायी जाती है, परन्तु तुलनात्मक लाभ की दृष्टि से दोनों में प्रतिस्पर्धा भी पायी जाती है।
रेल और सड़क मार्ग कई मामलों में एक-दूसरे के पूरक का काम करते हैं। सड़क कृषकों को स्थानीय बाजार एवं ....
Question : भारत की अर्थव्यवस्था में एकीकरण कारक के तौर पर रेलवे की भूमिका पर चर्चा कीजिये।
(1998)
Answer : भारत में रेलवे की शुरुआत अंग्रेजों ने की थी। भले ही उनका मकसद साम्राज्यवादी था, फिर भी उन्होंने भारत को एक सूत्र में बांध दिया। भारत एक विशाल देश है और इसके आर्थिक संसाधन, यथा-खनिज, कृषि उत्पाद, कच्चा माल आदि बिखरे रूप में मिलते हैं। यद्यपि दूरदराज के क्षेत्रों को जोड़ने में रेलवे की अपेक्षा सड़कों ने ज्यादा योगदान दिया है, परन्तु रेलवे का अपना विशेष महत्त्व है। कोयला, तेल, तांबा, मैंगनीज आदि खनिज काफी ....