खंड-क
Question : ''राज्य बृहत् स्वरूप में व्यक्ति ही है।'' (प्लेटो)
(2005)
Question : ''उनके (अधिकारियों के) गबन के तरीके चालीस हैं।'' (कौटिल्य)
Question : '' संघीय राज्य में संप्रभु की खोज एक असंभव साहसिक कार्य है।'' (लास्की)
Question : ''किसी मानव की कार्य-स्वतंत्रता में, व्यक्तिगत रूप से या सामूहिक रूप से, हस्तक्षेप करने में मानव जाति के जिस एकमात्र उद्देश्य को औचित्यपूर्ण ठहराया जा सकता है, वह है आत्मरक्षा'' (जे.एस. मिल)
Question : क्या आप इस विचार से सहमत हैं कि उदारवादी थियोरियां ‘परमाणुवाद’ पर आधारित हैं, जबकि समुदायवादियों की एक ‘सामाजिक स्थापना’ होती है? अपनी तर्क-रेखा प्रस्तुत कीजिए।
Question : ''लोकतांत्रिक थियोरी आत्म-निर्धारण, मानव अधिकार और समाजिक न्याय की पूर्वमान्यताओं को लेकर चलती है।'' मो.क. गांधी का विशेष हवाला देते हुए इस पर चर्चा करें।
Question : ''मार्क्स के अनुसार, राजनीति का मूल, राज्य में निहित नहीं है; वह तो संस्था की तह में स्थित समाजिक दशाओं में निहित है, अर्थात् जीवन की भौतिक दशाओं में, जैसी कि वे उत्पादन की रीतियों में प्रतिबंधित होती है।'' टिप्पणी कीजिए।
Question : भारतीय परंपरा के चार पुरूषार्थ
(2004)
Question : ''हाॅब्स एक व्यक्तिवादी की तरह आरंभ करता है लेकिन एक निरंकुशतावादी की तरह अंत करता है।''
Question : ''मिल खोखली स्वतंत्रता तथा अमूर्त व्यक्ति का मसीहा था'' (बार्कर)
Question : ''समाज संघात्मक है, सत्ता भी संघात्मक होनी चाहिए'' (लास्की)
Question : ''प्लेटो का ‘शिक्षा सिद्धांत’ उसके न्याय सिद्धांत का तार्किक परिणाम है।'' विवेचना कीजिए।
Question : हीगेल के द्वंद्वात्मक आदर्शवाद के सिद्धांत की व्याख्या कीजिए।
Question : क्या ग्राम्शी उपरी संरचनाओं का सिद्धांत-वेत्ता है? अपने उत्तर के समर्थन में तर्क दीजिए।
Question : प्लेटो के साम्यवाद की व्याख्या कीजिए तथा आधुनिक साम्यवाद से उसकी तुलना कीजिए।
Question : मनुष्यों के नागरिक समाज में सम्मिलित होने का उनका उद्देश्य अपनी सम्पति का परिरक्षण करना होता है।(लॉक)
(2003)
Question : मैकियावेली का राजनीतिक दर्शन संकीर्ण रूप से स्थान विशेष और समय विशेष के लिये था। सेबाइन
Question : ‘अब तक के समस्त सामाजिक जीवन का इतिहास वर्ग-संघर्ष का ही इतिहास है।’ कार्ल मार्क्स समीक्षा कीजिए।
Question : हन्ना आरेण्ट के राजनीतिक दर्शन की व्याख्या कीजिए।
Question : ‘राज्य का अस्तित्व प्राकृतिक है और वह व्यक्ति का पूर्वगामी है।’(अरस्तू)
(2002)
Question : ‘अधिकार का यथार्थ स्त्रेत कर्त्तव्य है। यदि हम सब अपने-अपने कर्तव्यों का निर्वहन करें, तो अधिकार आसानी से प्राप्त हो जायेंगे’।(मो.क. गांधी)
Question : ‘जहां तक राष्ट्रीय घटनाओं के निर्णयन की बात है, उनका निर्णयन ‘शक्ति-संभ्रात वर्ग’ ही करता है।’(सी. राइटमिल्स)
Question : ‘इच्छा, न कि बल, राज्य का आधार है।’
Question : राजनीतिक सिद्धांत के अध्ययन में ‘आदर्शक बनाम आनुभाविक बहस’ में प्रयुक्त तर्कों का परीक्षण कीजिए।
Question : प्राकृतिक अधिकारों से सामूहिक एवं पर्यावरणीय अधिकारों तक, मानव-अधिकारों के सिद्धांतों के विकास की विवेचना कीजिए।
Question : एम.एन. रॉय की मार्क्सवादी उग्र-मानववाद तक की वैचारिक यात्र का विश्लेषण कीजिए।
Question : राजनीति सिद्धांत के अध्ययन के लिए सांदर्भिक दृष्टिकोण की प्रासंगिता।
(2001)
Question : इस कथन की विधि मान्यता कि गांधीवादी सिद्धांतों में सबसे प्रमुख है- अहिंसा सत्य का पालन और धर्म की गरिमा।
Question : ‘शक्ति के मानचित्र’ के रूप में संविधान।
Question : सिद्धांतवाद की परिभाषा दीजिए। ‘सिद्धांतवाद का अंत’ विषयक बहस की आलोचनात्मक समीक्षा कीजिए।
Question : आधुनिक भारतीय राजनीतिक विचारधारा के प्रमुख घटक क्या हैं? गांधीजी और एम.एन. राय के संदर्भ में उसकी समीक्षा कीजिए।
Question : सर्वहारा वर्ग के अधिनायकत्व के संदर्भ में राज्य विषयक मार्क्सवादी सिद्धांत की आलोचनात्मक समीक्षा कीजिए।
Question : ‘जब तक दार्शनिक नरेश नहीं को जाने या इस संसार के नरेश और राजकुमार दर्शन की भावना और शक्ति से ओत-प्रोत नहीं हो जाते, तब तक शहरों को बुराई से कभी भी राहत नहीं मिलेगी।’ -प्लेटो
(2000)
Question : ‘शक्ति अपने में एक साध्य है और वह उन साधनों की खोज करता है जो शक्ति के अर्जन, प्रतिधारण और विस्तार के लिए सबसे ज्यादा उपयुक्त है और इस प्रकार वह शक्ति को नैतिकता, आचारनीति, धर्म और तत्वमीमांसा से पृथक कर देता है।’-मैकियावेली एवं एस्बेस्टाइन
Question : ‘मैं उस प्रत्येक राज्य को नाम देता हूं जो विधि द्वारा शासित हैं, भले ही उसके प्रशासन का रूप कुछ भी हो।’ -रूसो
Question : आधुनिक बहुलवादी लोकतंत्रों ने राष्ट्र राज्य के ताने-बाने पर एक बड़ा खतरा पैदा कर दिया है। चर्चा कीजिए।
Question : ‘उत्तर व्यवहारवाद व्यवहारात्मक क्रांति का नकार नहीं है, वरन केवल उसका संशोधक है।’ यह राजनीति विज्ञान के विषय की प्रतिष्ठा को ऊपर उठाने का किस प्रकार एक प्रयास है।
Question : सामाजिक न्याय प्राप्त करने का रौलसीय लक्ष्य किस सीमा तक सांस्कृतिक, धार्मिक और वैचारिक समूहों के बीच आधारवादी मतैक्य पर निर्भर करता है?
Question : ‘राज्य व्यवस्था या संवैधानिक शासन से सामान्यतः तात्पर्य है कुलीन तंत्र व लोकतंत्र का विलयन’ (अरस्तू)
(1999)
Question : ‘वह महान उद्देश्य और मुख्य उद्देश्य जिसके लिए मनुष्य राज्य में एकताबद्ध होते हैं और शासनाधीन होते हैं, वह है संपत्ति का संरक्षण, जिसके लिए प्राकृतिक अवस्था में अनेक अभाव हैं।’ (जॉन लॉक)
Question : ‘समग्र मानव इतिहास एक प्रक्रिया है जिसमें प्रत्यय भौतिक यथार्थ का रूप धारण कर लेते हैं।’
Question : ‘मार्क्स के कार्य में तीन तत्वों का मिश्रण दिखायी देता है- जर्मन दर्शन, अंग्रेजी राजकीय अर्थशास्त्र और फ्रांसीसी समाजवाद।’ (लेनिन)
Question : ‘वैज्ञानिक राजनीति का विकास तभी हो सकता है, जबकि राजनीति की सामग्री को क्रियाओं की व्यवस्थाओं के रूप में लिया जाये।’ कैप्लन के उपरोक्त कथन के प्रकाश में व्यवस्था सिद्धांत को राजनीति विज्ञान में लागू करने पर उत्पन्न दोषों का आलोचनात्मक परीक्षण कीजिए।
Question : राजनीतिक व्यवस्थाओं के विश्लेषण में व्यवहारवादी व उत्तर व्यवहारवादी उपागमों का इनकी दुर्बलताओं सहित आलोचनात्मक मूल्यांकन कीजिए। राजनीतिक व्यवहार का मूल्यांकन करने के लिए राजनीति शास्त्र में नाप-तौल के क्या मानक उपलब्ध हैं?
Question : ‘स्वतंत्रता या स्वाधीनता का तात्पर्य है- गति के बाह्य अवरोधकों में विरोध का अभाव।’
Question : सर्वप्रथम किसी को व्यक्तिगत स्वतंत्रता, संपत्ति या किसी वस्तु से जो विधि के अंतर्गत उसकी है, वंचित करना प्रायः अन्यायपूर्ण माना जाता है। (सर जॉन स्टॅअर्ट मिल)
Question : हमारा विश्वास है कि सिद्धांतः समाज के प्रत्येक व्यक्ति की न्याय पर आधारिक अपनी अनुलंघनीयता होती है। (रॉल्स)
Question : ‘राज्य-व्यवस्था सरकार का सर्वोत्तम व्यावहारिक रूप है।’-अरस्तु
(1998)
Question : ‘हॉब्स ने प्रभुसत्ता को उन सभी अक्षमताओं से मुक्त कर दिया जिन्हें बोडिन ने बिना परिमार्जन के वैसे ही छोड़ दिया था।’-सैबीन
Question : ‘लेनिनवाद साम्राज्यवाद और सर्वहारा क्रांति के युग का मार्क्सवाद है।’-स्टालिन
Question : ‘रूसो का सामाजिक संविदा सिद्धांत हॉब्स के लेवियाथन का ही दूसरा रूप है केवल उसका शीर्ष कटा हुआ है।’ विवेचन कीजिए।
Question : जॉन स्टुअर्ट मिल ने किस प्रकार प्रारंभिक आमूल परिवर्तनवादी उदारतावाद में संशोधन किया, स्पष्ट कीजिये।
Question : राजनीति के प्रति ‘व्यवहारवादी दृष्टिकोण’ से क्या तात्पर्य है? क्या यह अकाट्य (सुस्पष्ट) दृष्टिकोण है? क्या यह कहना सही है कि राजनीतिक विश्लेषण में व्यवहारवादी दृष्टिकोण का उद्भव मार्क्सवादी दृष्टिकोण की जवाबी कार्रवाई के रूप में हुआ?
Question : ‘शक्ति संपन्नता’ की संकल्पना पर लगभग 200 शब्दों में टिप्पणी लिखिए।
Question : ‘पाप, अतः, सुविधा-अधिकार का जनक है, और मनुष्य की मनुष्य के प्रति अधीनता का प्रथम कारण है।’ (संत ऑगस्टीन)
(1997)
Question : ‘जो कोई भी प्राकृतिक अवस्था से समाज में शामिल हुआ, तो यह समझ जाना चाहिए कि उसने अपनी वे सब शक्तियां जो उन उद्देश्यों की प्राप्ति के लिए आवश्यक थीं जिनके लिए समाज का गठन किया गया था, समाज के बहुसंख्यक वर्ग को अर्पित कर दीं।’(लॉक)
Question : ‘किसी वस्तु की प्रकृति से उत्पन्न आवश्यक संबंधों को कानून कहते हैं।’ (मांटेस्क्यू)
Question : ‘मनुष्यों की चेतना उनका अस्तित्व निर्धारित नहीं करती, वरन् इसके विपरीत उनका सामाजिक अस्तित्व उनकी चेतना निर्धारित करता है।’(मार्क्स)
Question : आधुनिक राजनीतिक विश्लेषण के व्यवस्था सिद्धांत के महत्व की विवेचना कीजिए।
Question : लोक-संप्रभुता सिद्धांत के दार्शनिक आधार एवं मानव जाति के लिए उसके महत्व की विवेचना कीजिए।
Question : आधुनिक राजनीतिक सिद्धांत में मान्यताप्राप्त प्रतिरोध और क्रांति के अधिकारों की प्रकृति और सीमाओं का परीक्षण कीजिए।
Question : ‘दासता, मालिक और दास दोनों के लिए स्वाभाविक एवं कल्याणकारी है।’(अरस्तू)
(1996)
Question : ‘कोई भी व्यक्ति अपननी सहमति के बिना संपत्ति से वंचित नहीं किया जा सकता।’(लॉक)
Question : ‘एक राज्य की वकत, दूरगामी समय में, उन व्यक्तियों की वकत में है जो उसमें निवास करते हैं।’(जे. एस. मिल)
Question : ‘विरोधाभास दुनिया का नियामक सिद्धांत है।’
Question : ‘लॉक की विचारधारा को किसी प्रकार के अयोग्य जनतांत्रीय सिद्धांत में परिवर्तित करना कठिन है।’ (मेकफरसन) विवेचन कीजिए।
Question : व्यवहारवाद की मौलिक मान्यताओं का विवेचन कीजिए। व्यवहारवाद किस प्रकार व्यवहारवाद सिद्धांत से भिन्न है?
Question : शक्ति और सत्ता में भेद बताइए। सत्ता पर आश्रित होने से शक्ति की प्रकृति पर क्या प्रभाव पड़ता है?
Question : ‘व्यक्ति के शासन से विधि का शासन बेहतर है।’(अरस्तू)
(1995)
Question : ‘अंत में हर मनुष्य की लगातार सफलता उन चीजों को पाने पर है, जिन्हें वह समय-समय पर चाहता है।’ (हॉब्स)
Question : ‘दंड न होकर निरोधात्मक एवं सुधारक होना चाहिए।’ (बेन्थम)
Question : ‘लंबे समय में राज्य की वकत (worth) उन व्यक्तियों की वकत है जो उसके भाग हैं।’ (जे.एस. मिल)
Question : राजनीति विज्ञान में तथ्य मूल्य के द्विभागीकरण का परीक्षण कीजिये। उत्तर- व्यवहारवाद ने किस हद तक इसे हल किया है?
Question : राजनीतिक सिद्धांतों में बाध्यता के महत्व का परीक्षण कीजिए।
Question : समाजवादी विचारों में मार्क्स के बाद की गतिविधियों की विवेचना कीजिए।
खंड-ख
Question : ‘संपूर्ण क्रांति’ पर जय प्रकाश नारायण के विचार
Question : 1998 से भारत में केंद्र में गठबंधन की सरकारें
Question : संविधान (73 संशोधन) अधिनियम, 1992 के अधीन ग्राम सभा की भूमिका
Question : भारत सरकार अधिनियम, 1935 के अधीन ‘संघीय योजना’ को स्पष्ट कीजिए। इस योजना को कार्यान्वित क्यों नहीं किया जा सका था?
Question : क्या आप इस विचार से सहमत हैं कि ‘मूल अधिकार’ और ‘राज्य की नीति के निदेशक तत्व’ भारत के संविधान के ‘क्रोड़ और अंतः करण’ में स्थित हैं? उनके अन्योन्य-संबंधों में उभरती हुई प्रवृत्तियों पर टिप्पणी कीजिए।
Question : स्वतंत्रता एवं निष्पक्ष चुनाव कराने में भारत के चुनाव आयोग के संघटन, प्रकार्यण एवं भूमिका का एक आकलन कीजिए।
Question : सूरत की फूट
Question : भारत सरकार अधिनियम, 1919
Question : भारतीय संविधान में मौलिक कर्तव्य
Question : भारत में संसदीय समितियां
Question : भारतीय राष्ट्रीय आंदोलन में महात्मा गांधी की भूमिका उजागर कीजिए।
Question : भारतीय संविधान की प्रस्तावना में निहित मुख्य सिद्धांतों की व्याख्या कीजिए। उनका क्या महत्व है? क्या आप समझते हैं कि वे देश की राजनीतिक जन्मपत्री हैं? विवेचना कीजिए।
Question : भारत की सर्वोच्च न्यायालय किस प्रकार ‘संविधान के अभिभावक तथा नागरिकों के अधिकारों के रक्षक’ के रूप में कार्य करती है?
Question : साइमन कमीशन
Question : भारतीय संविधान के अधीन शोषण के विरुद्ध अधिकार
Question : संघ लोक सेवा आयोग
Question : गांधीजी की सत्य और अहिंसा की अवधारणा। वे आधुनिक सभ्यता के विरोधी क्यों थे?
Question : पंडित जवाहर लाल नेहरू हमारे सम्मुख एक महान राष्ट्रवादी, अंतर्राष्ट्रवादी और मानवतावादी के रूप में आते हैं। विवेचना कीजिये?
Question : ‘राज्य की नीति के निदेशक तत्व पवित्र घोषणा मात्र नहीं हैं बल्कि राज्य की नीति के मार्गदर्शन के लिये सुस्पष्ट निर्देश हैं।’ व्याख्या कीजिये और बताइये कि वे व्यवहार में कहां तक लागू किये गये हैं?
Question : भारतीय राजनीति में प्रमुख दबाव समूहों की पहचान कीजिये और भारत की राजनीति में उनकी भूमिका का परीक्षण कीजिए?
Question : भारतीय स्वतंत्रता अधिनियम (1947) के सत्ता हस्तांतरण संबंधी प्रमुख अभिलक्षणों का परीक्षण कीजिए। इस अधिनियम ने सर्वोपरिता समाप्त करने के लिए कौन से विशिष्ट प्रावधान किए थे?
Question : साधारणतया यह समझा जाता है कि केंद्रीकृत आयोजना की प्रणाली में संघवाद क्षींण हो जाता है। क्या आप इस विचार से सहमत हैं? क्या 1991 से प्रारंभ उदारीकरण के संदर्भ में आप भारत के लिए ‘विकेंद्रित शासन’ की पैरवी करेंगे।
Question : भारत के संविधान के तिहत्तरवें और चौहत्तरवें संशोधनों के साझे और अनन्य अभिलक्षणों को बतलाइए। क्या आप समझते हैं कि यह दोनों संशोधन तृणमूल-स्तर पर ‘स्त्री- पुरुष’ और ‘सामाजिक न्याय’ स्थापित करने में सहायक होंगे।
Question : मॉन्टेग्यू-चेम्सफोर्ड सुधारों के अन्तर्गत ‘द्वैध शासन’।
Question : भारत के नियंत्रक एवं महालेखा परीक्षक
Question : उत्तर-पूर्व में जनजातीय लोगों का आंदोलन
Question : नवीन आर्थिक नीति (1991)
Question : भारत के संविधान के निर्माण पर राष्ट्रीय आंदोलन के प्रभाव का आलोचनात्मक समीक्षा कीजिए।
Question : भारतीय जनतंत्र कुशल सिविल सेवा और एक सुसंगठित राजनीतिक दल की मौजूदगी के अनुपम लाभ के साथ शुरू हुआ था फिर इसका इकाई बहुत बहुत ही निराशाजनक है। ऐसे कार्य निष्पादन के कारण क्या है?
Question : महिला सक्रियतावादियों ने 1974 तक आरक्षण का समर्थन नहीं किया। बाद में उनके दृष्टिकोण में परिवर्तन आने का क्या कारण है?
Question : भारत में न्यायिक सक्रियतावाद विषयक बहस
Question : भारत में आयोजन पर विनिवेश और निजीकरण का प्रभाव
Question : वचनबद्ध अधिकारी तंत्र की संकल्पना
Question : भारत में क्षेत्रवाद के विकास के कारक
Question : भारत में संघीय पुनर्निर्माण से संबंधित, विशेषकर राज्यों की स्वायत्तता की मांग के संदर्भ में सरकारिया आयोग की रिपोर्ट के प्रमुख लक्षण क्या हैं।
Question : अधिकारी तंत्र पर वेबर के विचारों की समीक्षा कीजिए और भारत के दृष्टिकोण से उसके महत्व पर प्रकाश डालिए।
Question : संघीय तंत्र में भारत के प्रधानमंत्रियों की भूमिका हमेशा ही विवादास्पद रही है। क्या आप इस प्रकथन से सहमत हैं? उपयुक्त उदाहरण देते हुए अपने उत्तर के लिए कारण बताइये।
Question : संघीय शक्ति साझेदारी की संभावना के स्पष्टीकरण में साझा शासन उतना ही महत्वपूर्ण होगा, जितना स्वशासन।
Question : भारत में महिला शक्ति प्रदानन और लोकतंत्र पर उसका प्रभाव।
Question : भारत में प्रशासन में भ्रष्टाचार और सामाजिक-आर्थिक पुनर्निर्माण पर उसका प्रभाव।
Question : भारत की राजनीति में परवर्ती कारकों के रूप में जाति और धर्म।
Question : जनता दल, कांग्रेस, भारतीय साम्यवादी दल और अकाली दल के विशेष संदर्भ में राजनीतिक दलों में ‘विभाजनवाद।’
Question : अफ्रीकी एशियाई देशों की राजनीतिक प्रक्रियाओं पर आधुनिकीकरण और नवीन संचार प्रौद्योगिकी का प्रभाव।
Question : जनहित मुकदमें एवं न्यायिक सक्रियतावाद।
Question : ‘भारतीय मतदाताओं का मतदान व्यवहार न्यूनाधिक जाति-प्रधान है। इसमें दलीय प्रत्याशियों की चयन प्रक्रिया भी शामिल है।’ इस कथन के संदर्भ में भारतीय राजनीतिक व्यवस्था में जाति की सकारात्मक अथवा नकारात्मक भूमिका का आलोचनात्मक परीक्षण कीजिए।
Question : राजनीतिक दल-दबाव समूह में भेद कीजिए। भारतीय राजनीतिक व्यवस्था में संघ परिवार की इकाइयों- राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ और बजरंग दल की दबाव समूहों के रूप में भूमिका की व्याख्या कीजिए।
Question : भारतीय संविधान के अनुच्छेद 32 के अधीन संविधानिक उपचारों का अधिकार तथा ‘रेस जुडिकेटा’ का पालन।
Question : गोखले और तिलक के विचार तथा भारतीय स्वतंत्रता संग्राम पर उनका प्रभाव।
Question : भारतीय संविधान के निर्माण में गांधी, नेहरू और अंबेडकर का प्रभाव।
Question : राजनीतिक दलों पर लेनिन, मिचेल्स और डुर्वजर के विचार।
Question : सामाजिक सुधारक के रूप में राजा राम मोहन राय
Question : ‘‘हाल की न्यायिक सक्रियता की बाढ़ ने भारत में संसदीय प्रजातंत्र के संचालन में अनेक समस्याएं खड़ी कर दी हैं।’’ विवेचन कीजिए।
Question : भारत में आतंकवाद की राजनीति
Question : स्पष्ट कीजिए कि क्षेत्रीयता और सांप्रदायिकता की राजनीति ने भारत में राष्ट्र-निर्माण के कार्यों को कैसे प्रभावित किया है।
Question : आज संसार में प्रचलित, विधायिका-कार्यपालिका संबंधों के नमूने की विवेचना कीजिए। किन कारकों व शक्तियों के कारण अधिकांश देशों में कार्यपालिका, विधायिका पर हावी होने में सफल हो सकी है?
Question : विकास प्रशासन के राजनीतिक आयाम
Question : बोफोर्स दलाली और प्रतिभूति घोटालों के विशेष संदर्भ में राजनीतिक भ्रष्टाचार पर रोक लगाने के संबंध में भारतीय संसद की भूमिका और उसकी सीमाओं की विवेचना कीजिए।
Question : भारत के अनुभव के प्रकाश में वेबर द्वारा प्रतिपादित चमत्कारी नेतृत्व का परीक्षण कीजिए।
Question : ''भारत की प्रशासनिक समस्याओं की जड़ें सामाजिक-आर्थिक व्यवस्था से राजनीति में अधिक हैं। अर्थात् वे देश के राजनीतिक ढांचे में स्थित हैं।'' विवेचन कीजए।
Question : भारत में राष्ट्र-निर्माण की समस्याओं की विवेचना कीजिए।
Question : भारत के विशेष संदर्भ में राजनीतिक संस्कृति और नागरिक संस्कृति में क्या संबंध है?
Question : विधायिका का कार्य केवल कानून बनाना नहीं है। आधुनिक विधायिका से और किन कार्यों की उपेक्षा की जाती है?
Question : ‘क्रीमी लेयर’ तथा सामाजिक न्याय
Question : आतंकवाद की राजनीति
Question : भारत के वर्तमान अनुभव से संभ्रांतजनों के परिचालन के दृष्टांत बताइये।
राजनीतिक सिद्धांत अर्थ और दृष्टिकोण
Question : राज्य की ‘सप्त प्रकृति’, जैसी कि कौटिल्य ने उसकी परिकल्पना की थी, का समालोचनात्मक परीक्षण कीजिए।
(2007)
राज्य के सिद्धांतः उदार,नवउदार,मार्क्सवादी,बहुवचनवादी,औपनिवेशिक और नारीवादी
Question : राजनीतिक चिंतन के इतिहास में मौकियावली के महत्त्व पर चर्चा कीजिए। क्या यह कहना सही होगा कि मैकियावली की थियोरी ‘संकीर्णतः स्थानीय और संकीर्णतः कालबद्ध’ है?
Question : वैश्वीकरण का राज्य संप्रभुता पर प्रभाव।
(2006)
न्याय: रावल का न्याय सिद्धांत
लोकतंत्र शास्त्रीय और समकालीन सिद्धांत
Question : ‘किसी भी देश में राजनीतिक प्रक्रम, केवल उस देश की राजनीतिक संस्कृति की अभिव्यक्ति होती है।’ प्रकाश डालिए।
Question : गांधीजी के राज्य के संबंध में विचारों को स्पष्ट कीजिए और उन विचारों के आधुनिक लोकतंत्र एवंअराजकतावाद के सिद्धांतों के साथ संबंध को आलोकित कीजिए।
राजनीतिक विचारधाराः उदारवाद, समाजवाद, मार्क्सवाद, फ़ासीवाद, गांधीवाद और नस्लवाद
Question : क्या आप इस विचार से सहमत हैं कि किसी समाज की राजनीतिक संस्कृति उस समाज की राजनीतिक प्रणाली का एक अत्यंत महत्वपूर्ण पक्ष होता है? अपने उत्तर के समर्थन में कारण प्रस्तुत कीजिए।
भारतीय राजनीतिक विचारः धर्मशास्त्र अर्थशास्त्र और बौद्ध परंपराएं
Question : "अपनी प्रजा की सुख-शांति में ही राजा की सुख-शांति का वास है; उनके कल्याण में ही उसका अपना कल्याण है।" (कौटिल्य)
पश्चिमी राजनीतिक विचारधारा
Question : "चूंकि समाज परिसंघीय होता है, प्राधिकार का भी परिसंघीय होना आवश्यक है।" (लास्की)
Question : "राज्य वर्ग-प्रतिद्वंदिता की असमाधानीयता का परिणाम है।" (लेनिन)
Question : "प्लेटो का साम्यवाद उस मनोवृति को अमल में लाने और प्रबलित करने की एक अनुपूरक यंत्रवली है, जिस मनोवृति को शिक्षा को उत्पन्न करना होता है।" (नैटलशिप)
Question : ‘‘ --------- कि इस सिविल समाज की रचना को फिर भी इसकी राजनीतिक अर्थव्यवस्था में ही ढूंढना पड़ेगा।’ (मार्क्स)
Question : राज्य व्यक्ति का ही वृहत् रूप है। (प्लेटो)
Question : दासता के विषय पर अरस्तू के विचारों पर एक समालोचनात्मक निबंध लिखिए।
भारतीय राष्ट्रवादः भारत के स्वतंत्रता संग्राम की राजनीतिक रणनीतियां
Question : राष्ट्रीय राजनीति के अस्थायित्व का कारण प्रादेशिक राजनीति का उदीयमान प्रभाव है।
Question : समाजवाद पर नेहरू के विचार।
Question : सामाजिक न्याय की अम्बेडकर की संकल्पना
भारतीय संविधान की प्रमुख विशेषताएं
Question : न्यायिक सक्रियतावाद की संकल्पना को स्पष्ट कीजिए और भारत में कार्यपालिका और न्यायपालिका के बीच संबंध पर उनके प्रभाव का परीक्षण कीजिए।
Question : राज्य की नीति के निदेशक तत्व केवल पुनीत घोषणाएं नहीं हैं, वरन् वे राज्य नीति के मार्गदर्शन के लिए सुस्पष्ट निदेश हैं।
Question : न्यायिक सक्रियतावाद (200 शब्द)
केंद्र सरकार के प्रमुख अंग
Question : राष्ट्र निर्माण में भारत के अधिकारीतंत्र की भूमिका और अंशदान का समालोचनात्मक परीक्षण कीजिए।
Question : महिला सशक्तीकरण की संकल्पना
ग्रासरूट लोकतंत्र पंचायती राज और नगरपालिका सरकार
Question : चर्चा कीजिए कि 74वें सांविधानिक संशोधन के पश्चात्, ग्रामीण विकास के प्रक्रम को त्वरित करने में तृणमूल लोकतांत्रिक संस्थाएं किस सीमा तक सफल बना रही हैं?
Question : सु-शासन के लक्ष्य को प्राप्त करने के लिए, पंचायती राज संस्थाओं और जिला प्रशासन को एक नए संबंध का विकास कर लेना चाहिए।
Question : भारत में पंचायती राज संस्थाओं के कार्यण पर संविधान के 73वें संशोधन के प्रभाव को आलोकित कीजिए।
संघवादः संवैधानिक प्रावधान
Question : चर्चा कीजिए कि क्या गठबंधनी राजनीति ने भारत में संघवाद के एक भिन्न प्रारूप को जन्म दिया है।
योजना और आर्थिक विकास
Question : विकेंद्रित योजना निर्माण
सामाजिक आंदोलन
Question : "यह आवश्यक है कि राजनीतिक सुधार सामाजिक सुधारों के अग्रगामी हों, न कि उनके अनुगामीय् (तिलक)। सुस्पष्ट कीजिए।
Question : अंतर्राष्ट्रीय राजनीति के अध्ययन के लिए खेल थियोरी और उसकी परिसीमाएं
Question : धारणीय विकास
Question : स्त्री-पुरुष न्याय के लिए आंदोलनों में आधारित मुद्दे
Question : शीत युद्धोत्तर काल में गुटनिरपेक्षता की सार्थकता
Question : विश्वव्यापी न्याय के लिए तीसरी दुनिया आंदोलन के बुनियादी लक्ष्यों का विश्लेषण कीजिए। उनको प्राप्त करने के लिए दक्षिण-दक्षिण सहयोग का क्या महत्व है?
Question : विकास के पूंजीवादी मॉडल की प्रकृति और विकासशील देशों के लिए उस मॉडल की उपयोगिता और परिसीमाओं का समालोचनात्मक मूल्यांकन कीजिए।
Question : किसी देश की विदेश नीति के निर्धारण में भू-राजनीतिक और भू-आर्थिक कारकों की भूमिका और महत्व का वर्णन एवं आकलन कीजिए।
Question : राजकीय अर्थशास्त्र उपागम का महत्व और परिसीमाएं।
Question : राष्ट्रीय हित की यथार्थवादी दृष्टि।
Question : सोवियत संघ के निपात का अंतर्राष्ट्रीय राजनीति पर प्रभाव।
Question : पारिस्थितिक सारोकारों के प्रति साझे वैश्विक उपागम की आवश्यकता और उसके विकास में प्रतिबाधाएं।
Question : अंतर्राष्ट्रीय संबंधों के अध्ययन के तंत्र उपागम पर चर्चा कीजिए।
Question : शीत युद्ध अवधि के दौरान परम शक्ति संबंधों के एक उदाहरण के रूप में, 1962 के क्यूबाई मिसाइल संकट का समालोचनात्मक विश्लेषण कीजिए।
Question : यूरोपीय संघ का प्रादेशिक संगठन के एक सफल मामले के रूप में किस प्रकार उदय हुआ था? क्या अन्य प्रदेशों में भी उसकी प्रतिकृति की जा सकती है?
Question : दक्षिण-पूर्व एशिया के साथ भारत के संबंध की संभावनाएं एवं समस्या।
Question : पारंपरिक उपागम और उसका महत्व
Question : शक्ति संतुलन तथा विश्व राजनीति पर उसका प्रभाव
Question : विश्व व्यापार संगठन के मुख्य अभिलक्षण
Question : सार्क देशों के सुचारु प्रचालन के रास्ते में रुकावटें
Question : अंतर्राष्ट्रीय राजनीति के अध्ययन में यर्थाथवादी सिद्धांत को स्पष्टतया समझाइये।
Question : क्या आपके विचार में सोवियत संघ के विघटन के बाद अब भी शीत युद्ध विद्यमान है?
Question : संयुक्त राष्ट्र तंत्र के अधीन मानवाधिकारों के संरक्षण एवं प्रवर्तन का समालोचनात्मक परीक्षण कीजिए।
Question : अंतर्राष्ट्रीय राजनीति का मार्क्सवादी उपागम
Question : राष्ट्रीय सुरक्षा की बदलती प्रकृति तथा गतिकी
Question : मानव अधिकार और लोकोपकारी मध्यक्षेप
Question : क्षेत्रीय सहयोग के तृतीय संसार प्रतिमान के रूप में आसियान
Question : अफगान गृह-युद्ध के मूल कारणों का समालोचनात्मक परीक्षण कीजिए। इस युद्ध में सोवियत संघ तथा संयुक्त राज्य अमेरिका ने क्या भूमिका निभायी थी?
Question : राष्ट्रीय शक्ति के विभिन्न तत्वों एवं परिसीमाओं की विवेचना कीजिए।
Question : वर्तमान अंतर्राष्ट्रीय अर्थव्यवस्था विकासशील देशों के प्रति किस सीमा तक अन्यायपूर्ण और आधिपत्यपूर्ण है?
Question : क्यूबा प्रक्षेपास्त्र एक Factor के रूप में अमेरिका का संबंध U.S.S.R. के साथ)।
Question : राष्ट्रीय हित एवं राष्ट्रीय लक्षणः विदेश नीति का मार्गदर्शन
Question : तृतीय विश्व में राजनीतिक प्रक्रिया का स्वरूप
Question : अनिवार्य क्षेत्रधिकार वर्ग अंतर्राष्ट्रीय न्यायालय की स्थिति को स्पष्ट करता है।
Question : उत्तर-दक्षिण देशों के चुनौतीपूर्ण प्रमुख मुद्दे को रेखांकित करें।
Question : अरब-इजराइल संघर्ष वास्तव में दो उभरते राष्ट्रवाद के बीच का संघर्ष है।
Question : आज का नैतिक दावा कल का मानवीय अधिकार होता जा रहा है। बीसवीं शताब्दी में मानवीय अधिकारों को अंतर्राष्ट्रीय सुरक्षा देने का प्रयास का मूल्यांकन करें।
Question : प्रभुता संपन्न राज्य पर पुनर्विचार
Question : सूचना प्रौद्योगिकी - राष्ट्रीय शक्ति का एक तत्व
Question : सर्व-अमेरिकावाद
Question : संयुक्त राष्ट्र महासभा सहस्राब्दि शिखर सम्मेलन
Question : ‘सभी राजनीतियों की भांति अंतर्राष्ट्रीय राजनीति भी शक्ति के लिए एक संघर्ष है’ टिप्पणी कीजिए।
Question : क्या आप इस मत से सहमत है कि निर्गुट आंदोलन के पुनराविष्कार की जरूरत है?
Question : विकासशील देश उदारीकरण और भूमंडलीकरण से विकसित देशों के ट्रोजन डार्स के रूप में भयभीत है। सविस्तार चर्चा कीजिए।
Question : राष्ट्रीय हित एवं विचारधारा
Question : एजेंडा और उसके बाद
Question : यूरोपियन संघ
Question : आण्विक युग में राजनय का महत्व
Question : ‘निर्णय-परक सिद्धांत अंतर्राष्ट्रीय राजनीति में केवल एक आंशिक सिद्धांत है।’ इस कथन की आलोचनात्मक परीक्षण कीजिए।
Question : एकध्रुवीय विश्व में निर्गुट आंदोलन अपना महत्व खो चुका है। क्या आप इस विचार से सहमत हैं? इस कथन के समर्थन में अपना उत्तर दीजिए।
Question : विश्व व्यापार संगठन के कार्यों से संबंधित विभिन्न विवादास्पद मुद्दों का आलोचनात्मक परीक्षण विकासशील देशों के विचार से एवं भारत के संदर्भ में करें।
Question : अंतर्राष्ट्रीय राजनीति के तथ्य को आधुनिक संदर्भ में समझाने में कैप्लान के व्यवस्था सिद्धांत की व्याख्यात्मक संभावना का परीक्षण कीजिये।
Question : मैत्री संधि
Question : नव-उपनिवेशवाद
Question : जनसाधारण पर्यावरण के निम्नीकरण तथा उससे जुड़ी हुई समस्याओं से चिन्तित हैं। इस संबंध में अंतर्राष्ट्रीय प्रतिक्रिया की विवेचना कीजिये।
Question : संयुक्त राष्ट्र संघ के एक विश्व राज्य बनने में आने वाली चुनौतियों तथा संभावनाओं का विश्लेषण कीजिये।
Question : परंपरागत शस्त्र व्यापार
Question : शस्त्र नियंत्रण में अवरोधकों का विश्लेषण कीजिये।
Question : अणु शक्ति के उपयोग
Question : प्रभावी सरकार: राष्ट्र शक्ति का एक स्रोत
Question : ‘शक्ति-संतुलन और सामूहिक सुरक्षा के सम्बन्ध एक साथ ही परस्पर पूरक और परस्पर विरोधी रहे हैं।’ वक्तव्य पर सुविस्तृत प्रकाश डालिए।
Question : ‘एशिया और अफ्रीका के लोगों की स्थिति में तथा यूरोप के साथ उनके सम्बन्धों में जो परिवर्तन आया, वह निश्चय ही नये युग के सूत्रपात का संकेत था।’ इस कथन की विवेचना कीजिये।
Question : अंतर्राष्ट्रीयवाद और वैश्वीकरण के पारस्परिक व्याघात का प्रतिपादन कीजिये।
Question : मॉस्ट्रिश संधि
Question : साप्टा (SAPTA) और साफ्टा (SAFTA)
Question : ‘सांस्कृतिक साम्राज्यवाद’ पर टिप्पणी लिखिये। टिप्पणी लगभग 200 शब्दों से अधिक न हो।
Question : ‘प्रौद्योगिकी एवं जल ड्डोतों पर राज्य-प्रभुसत्ता’ पर लगभग 200 शब्दों में टिप्पणी लिखिए।
Question : ''यथार्थवाद उपागम, अंतर्राष्ट्रीय संबंधों में राज्य क्यों एक दूसरे के साथ युद्ध करते हैं अथवा एक-दूसरे को धमकाते हैं, स्पष्ट करने में तो सहायक है, लेकिन यह उनके सहकारिता के व्यवहार जो कि देखने में आता है, को दर्शाने में कम प्रभावशील है------------।'' इस पर विचार विमर्श कीजिये।
Question : विदेश नीति में प्रकृति विशिष्ट तत्त्वों की भूमिका
Question : अतीतकाल को देखते हुए संयुक्त राष्ट्र तृतीय विश्व को नव-साम्राज्यवाद से मुक्त करवा सकेगा, इसके प्रति अधिक आशावान नहीं हुआ जा सकता। व्याख्या कीजिये।
Question : संयुक्त राज्य अमेरिका की अमेरिकी राज्य संगठन (ओ.ए.एस.) में भूमिका।
Question : अंतर्राष्ट्रीय संबंधों में विचारधारा की भूमिका
Question : गुटनिरपेक्ष आंदोलन के सम्मुख कार्यावली
Question : ‘एक दूसरे पर बढ़ती हुई निर्भरता की यथार्थता, परम्परागत प्रभुसत्ता के सिद्धांत, जो कि सभी राज्यों की विदेश नीतियों में मुख्य भूमिका निभाता है, को अब अधिकतर निष्फल कर रही है----।’ विचार विमर्श कीजिये।
Question : वर्तमान अन्तर्राष्ट्रीय आर्थिक व्यवस्था के अन्यायपूर्वक और प्रमुख (Hege-monic) पक्षों, और उन तत्त्वों का जो इनका स्थायीकरण करते हैं, का विश्लेषण कीजिये।
Question : अंतर्राष्ट्रीय संबंधों में अंतर्राष्ट्रीय विधि की भूमिका
Question : ‘आरंभ से ही संयुक्त राष्ट्र विश्व राजनीति का एक सूक्ष्म जगत रहा है। इस संस्था के आन्तरिक घटनाक्रम इसके बाहर होने वाली घटनाओं और वातावरण को ही प्रतिबिंबित करते हैं।’ चर्चा कीजिये।
Question : ओ.ए.यू. एवं अफ्रीका में संघर्ष
Question : एन.पी.टी. के नवीकरण के संदर्भ में इसके पक्ष समर्थकों और आलोचकों दोनों द्वारा उठाये गये विवाद विषयों की जांच कीजिये।
Question : भारत की ‘आसियान’में रूची
Question : नाभिकीय शक्ति के रूप में स्वीकृति के लिए भारत का दावा
Question : गुटनिरपेक्ष आंदोलन के नेता रूप में भारत
Question : भारत और जापान के बीच सहयोग के उभरते क्षेत्र
Question : भारत-पाक संबंधों में हाल के विश्वास निर्माण उपायों के महत्व और परिसीमाओं को स्पष्ट कीजिए।
Question : संयुक्त राष्ट्र-शांति स्थापना कार्यकलापों और विश्वव्यापी निरस्त्रीकरण के उद्देश्य में भारत द्वारा निभायी गयी भूमिका का मूल्यांकन कीजिए।
Question : विश्व व्यापार संगठन (डब्ल्यू.टी.ओ.) और अंतर्राष्ट्रीय मुद्रा कोष (आई.एम.एम.) जैसी संस्थाओं ने भारत की राजनीतिक और आर्थिक सम्प्रभुता को किस सीमा तक प्रभावित किया है? इनके प्रति भारत की क्या अनुक्रिया रही है?
Question : भारतीय विदेश नीति के स्वतंत्र्य पूर्व उदगम।
Question : भारत-नेपाल संबंधों के सुभेदक लक्षण।
Question : भारत और विश्व व्यापार संगठन
Question : भारत की गुटनिरपेक्षता की विदेश नीति के प्रमुख निर्धारक क्या थे? 1990 के दशक से भारत की विदेश नीति में आए परिर्वतन के बारे में बताइये।
Question : भारत-बांग्लादेश संबंधों में प्रमुख प्रतिरोधी मुद्दों का एक विवरण प्रस्तुत कीजिए। दोनों के बीच अपेक्षाकृत अधिक सहयोग की संभावानाओं का आकलन कीजिए।
Question : लैटिन अमेरिका के साथ भारत के संबंधों का वर्णन कीजिए उनको स्पष्ट कीजिए और स्थिति में सुधार के सुझाव दीजीए।
Question : 1962 के भारत-चीन द्वंद्व का अंतर्राष्ट्रीय राजनीति पर प्रभाव
Question : बांग्लादेश की स्वतंत्रता में भारत की भूमिका
Question : भारत-रूस के बीच सहयोग
Question : अंतर्राष्ट्रीय मुद्रा कोष और भारत
Question : व्यापक परीक्षण प्रतिबंध संधि पर हस्ताक्षर करने के विरूद्ध भारत के पक्षवाद के गुणागुण का आकलन कीजिए।
Question : इस दृष्टिकोण का समालोचनात्मक परीक्षण कीजिए कि शीत-युद्धोत्तर काल में गुटनिरपेक्षता की भारत की नीति विसंगत हो गयी है।
Question : भारत की ‘पूर्व की ओर देखो’नीति
Question : श्रीलंका में भारतीय शांति सेना (आई.जी.के.एफ.) की भूमिका तथा परिणाम
Question : भारत तथा यूरोपीय संघ
Question : संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में स्थायी सदस्यता का भारत का दावा।
Question : सी.टी.बी.टी. तथा एन.पी.टी. पर भारत की आपत्तियों का समालोचनात्मक परीक्षण कीजिए।
Question : चीन भारत संबंधों में हाल में हुए विकासों का परीक्षण कीजिए।
Question : निर्गुट आंदोलन के उदय तथा विकास में भारत के योगदान की विवेचना कीजिए।
Question : भारत एवं बाडुंग सम्मेलन: आशा एवं यर्थाथता
Question : भारत एवं संयुक्त राष्ट्र शांति स्थापना के बल
Question : अप्रसार संधि के विरुद्ध भारत एक यर्थाथ प्रतिमान
Question : सार्क - समस्या एवं सभावन
Question : क्या गुटनिरपेक्ष आंदोलन ने वर्तमान दौर में अपनी प्रासंगिता खो दी है? बदलते अंतर्राष्ट्रीय परिदृश्य में भारत ने अपनी विदेश नीति के लक्ष्य को किस प्रकार विकसित किया है?
Question : शीत युद्ध के दौरान पाकिस्तान एक कारक के रूप में भारत-अमेरिका के संबंधों का परीक्षण करें।
Question : नव अंतर्राष्ट्रीय आर्थिक व्यवस्था
Question : शांतिपूर्ण नाभिकीय विस्फोट (पी.एन.ई.)
Question : गैर-पारंपरिक ऊर्जा की संभावना।
Question : शिखर राजनय
Question : इजराइल-अरब का संयुक्त राज्य अमेरिका और सोवियत संघ के बीच हित संघर्ष के रूप में परीक्षण कीजिए।
Question : संयुक्त राष्ट्र के सुधारों में सुरक्षा परिषद में स्थाई सदस्यता भारत का दावा प्राकृतिक और समान रूप से न्यायोचित है। सविस्तार चर्चा कीजिए।
Question : भारत-पाक संबंध कश्मीर मुद्दे के शांतिपूर्ण समझौते के ईर्द-गिर्द घूमते हैं। इसके हल के लिए विभिन्न विकल्पों का आलोचनात्मक मूल्यांकन कीजिए।
Question : परमाण्विक अप्रसार संधि
Question : वर्तमान समय में चीन की विदेश नीति पाकिस्तान की ओर
Question : खाड़ी संकट 1991-92
Question : अंतर्राष्ट्रीय संबंधों में तृतीय विश्व की भूमिका पर एक आलोचनात्मक निबंध लिखें। प्रमुख रूप से संयुक्त राष्ट्र संघ में।
Question : अमेरिका की विदेश नीति दक्षिण एशिया के प्रति वर्तमान समय में परिवर्तित परिप्रेक्ष्य में एवं इस क्षेत्र में शांति के लिए किये गये कार्यों का परीक्षण कीजिए।
Question : भारत-नेपाल एवं भूटान के बीच संघर्ष एवं सहयोग से संबंधित कुछ प्रमुख मुद्दों की विवेचना कीजिए।
Question : शीत युद्धकाल के उपरान्त हिंद महासागर को शांति क्षेत्र बनाने में हिंद महासागर के तटवर्ती देशों की भूमिका का आकलन कीजिये।
Question : आज के संदर्भ में फिलीस्तीन-इजरायली संघर्ष
Question : सार्क (SAARC) की रचना के प्रेरक तत्वों को बताइए। क्या वह क्षेत्रीय एकीकरण हेतु प्रभावशाली भूमिका सम्पन्न करने में समर्थ है? अपने उत्तर की पुष्टि सार्क द्वारा अब तक की गयी पहल के संदर्भ में कीजिये।
Question : भारत तथा बांग्लादेश के बीच विवादग्रस्त विषय
Question : आज के परिप्रेक्ष्य में भारत की विदेश नीति का पाकिस्तान तथा चीन के विशेष संदर्भ में मूल्यांकन कीजिये।
Question : 1991 का मैड्रिड में संपन्न पश्चिम एशिया शांति सम्मेलन
Question : ‘रूसी-चीनी संबंधों के विच्छेद का मूल कारण उनका राष्ट्रीय हित-साधन था, वैचारिक मतभेद नहीं।’इस वक्तव्य की मीमांसा करते हुए भारत पर उसके प्रभाव को दिग्दर्शित कीजिये।
Question : एन.आई.ई.ओ. के संवर्धन में तीसरी दुनिया के देशों की भूमिका को स्पष्ट कीजिये।
Question : भारत की अफ्रीका नीति का विश्लेषण प्रस्तुत कीजिये।
Question : हम्मास एवं पश्चिम एशिया में शान्ति
Question : रूस की विदेश नीति को ‘दुर्बल की निरंकुशता’कहा जाता है। रूस ने अपनी दुर्बला का संयुक्त राष्ट्र अमेरिका एवं पश्चिम राज्यों की तुलना में कितनी विवेकपूर्णता से प्रयोग किया है, इसका स्पष्टीकरण कीजिये।
Question : 1990 के दशक में चीन की भारत संबंधी विदेश नीति में हुए परिवर्तनों का वर्णन कीजिये। आप इन परिवर्तनों का श्रेय किसको देंगे परिवर्तित विश्व वातावरण को अथवा घरेलू तत्वों को?
Question : भारत का सुरक्षा परिषद् में स्थायी सदस्यता का दावा।
Question : भारत-पाक संबंधों में इस्लामी घटक
Question : भारत एवं संयुक्त राष्ट्र अमेरिका के सीटीबीटी प्रश्न पर आपसी मतभेदों का वर्णन कीजिये। भारत ने क्यों सीटीबीटी को अणु अस्त्रों के विलोपन के साथ जोड़ने का निर्णय किया है?
Question : रूस एवं उत्तरी एटलांटिक संधि संगठन
Question : चीन की विदेश नीति के आर्थिक अवधारक
Question : आपके विचार में संयुक्त राष्ट्र अमेरिका की दक्षिण एशियाई नीति का उद्देश्य क्या है- यथापूर्व स्थिति अथवा शांतिपूर्ण परिवर्तन? वाशिंगटन द्वारा इस सम्बन्ध में अपनायी गयी रणनीतियों की जांच कीजिये।
Question : ‘एशिया-प्रशान्त में सुरक्षा सहयोग परिषद्’पर लगभग 200 शब्दों में टिप्पणी लिखिये।
Question : भारत एवं विश्व व्यापार संगठन
Question : ऐसा कहा जाता है कि हमारे पड़ोसी राज्यों में भारत-प्रहरी-प्रवृत्ति प्रत्यक्ष अथवा अप्रत्यक्ष रूप से उनके आन्तरिक सामाजिक संघर्ष के साथ जुड़ी हुई है। भारत-पाकिस्तान और भारत-श्रीलंका संबंधों में घटनाक्रम की दृष्टि में इस कथन को स्पष्ट कीजिये।
तुलनात्मक राजनीतिः प्रकृति और प्रमुख दृष्टिकोण
Question : तुलनात्मक राजनीति के अध्ययन के राजकीय अर्थव्यवस्था उपागम की प्रासंगिकता का परीक्षण कीजिए।
तुलनात्मक परिप्रेक्ष्य में राज्य
Question : विदेश नीति विश्लेषण के एक साधन के रूप में निणर्यन सिद्धान्त की भूमिका का विश्लेषण एवं मूल्यांकन कीजिए।
Question : अंतर्राष्ट्रीय राजनीति, सभी राजनीति के समान, शक्ति के लिए एक संघर्ष है। टिप्पणी कीजिए।
प्रतिनिधित्व और भागीदारी की राजनीति
Question : ‘स्त्री-पुरूष न्याय’ किस मायने में आज एक अत्यावश्यक वैश्विक चिन्ता बन गई है?
Question : राजनीति प्रणाली के इनपुट-आउटपुट प्रकार्य।
वैश्वीकरणः विकसित और विकासशील समाजों के जबाव
Question : आप शीतयुद्धोत्तर वैश्विक व्यवस्था का उससे पूर्व की व्यवस्था से किस प्रकार विभदन करेंगे?
Question : "समसामायिक वार्तालाप में विकास की विमाएं केवल आर्थिक के मुकाबले ज्यादा बड़ी हैं।" इस कथन की सार्थकता पर प्रकाश डालिए।
अंतरराष्ट्रीय संबंधों में महत्वपूर्ण अवधारणाएं
Question : सामूहिक सुरक्षा की एक सु-स्थापित व्यवस्था विश्व-शांति की गारंटी है। स्पष्ट कीजिए।
अंतरराष्ट्रीय राजनीतिक आदेश बदलना
Question : नई सहस्त्रब्दी के प्रारंभ होने के समय से संयुक्त राष्ट्र (यू. एन.) की भूमिका में आए प्रमुख परिवर्तनों का समालोचनात्मक विश्लेषण कीजिए।
Question : भू-राजनीति की परिभाषा दीजिए और आधुनिक नाभिकीय युग में भी इसके प्रचलन के कारण बताइए।
Question : "अफगान गृह युद्धय् ने यू. एस. को दक्षिण एशिया में दीर्घकाल से प्रतीक्षित एक शक्ति-बढ़त प्रदान कर दी थी।
संयुक्त राष्ट्रः परिकल्पना की भूमिका और वास्तविक रिकॉर्ड
Question : अन्तर्राष्ट्रीय न्यायालय।
विश्व राजनीति के क्षेत्रीयकरणः यूरोपीय संघ,आसियान,एपीईसी,सार्क,नाफ्टा
Question : अंतर्राष्ट्रीय सहयोग का शायद ही कोई ऐसा अभिकरण होगा जो अंतर्राष्ट्रीय श्रम संगठन (आई. एल. ओ.) के मुकाबले में मानवता के कल्याण को पोषित करने में ज्यादा सफल रहा है। उपरोक्त कथन के प्रकाश में, आई. एल. ओ. के संगठन एवं कार्यकलापों पर चर्चा कीजिए।
Question : प्रादेशिक सहयोग के दक्षिण एशियाई संघ (सार्क) की स्थापना ने दक्षिण एशिया के राज्यों के बीच पारस्परिक सहयोग के द्वार खोल दिए हैं। इस कथन के प्रकाश में, दक्षिण एशियाई प्रदेश में भारत की भूमिका का परीक्षण कीजिए।
भारतीय विदेश नीतिः विदेश नीति के निर्धारक; नीति बनाने के संस्थान
Question : ‘प्रभुत्वात्मक स्थायित्व’ की संकल्पना को स्पष्ट कीजिए।
(2008)
Question : "पड़ोसी दक्षिण एशियाई देशों में, उनके देशीय विक्षोभ अक्सर भारत की विदेश नीति के तनाव बन जाते हैं।" उदाहरण प्रस्तुत करते हुए चर्चा कीजिए।
Question : भारत की विदेश नीति तेजी से बदलती हुई अंतर्राष्ट्रीय प्रणाली की बराबरी कर सकती थी। इस पर चर्चा कीजिए।
गैर-संरेखण आंदोलन में भारत का योगदानः विभिन्न चरणों; वर्तमान भूमिका
Question : सुरक्षा असमंजस और असुरक्षा असमंजस के बीच अंतर को स्पष्ट कीजिए।
Question : तीसरी दुनिया के देशों के मामलों में भारत की भूमिका का एक समालोचनात्मक विवरण प्रस्तुत कीजिए।
Question : निर्गुट आंदोलन में, भारत की भूमिका समालोचनात्मक आकलन प्रस्तुत कीजिए।
Question : गुटनिरपेक्षता की नीति का अनुसरण करने में क्या भारत के लिए कोई देशीय सामाजिक-राजनीतिक आधार था?
भारत और दक्षिण एशिया एवं क्षेत्रीय सहयोग
Question : कारगिल युद्ध के बाद से भारत-पाकिस्तान शान्ति प्रक्रिया की प्रगति की समालोचनात्मक समीक्षा कीजिए।
Question : भारत की ‘पूर्व की ओर देखो’ नीति के लिए कौन-से अभिप्ररेण हैं?
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