अंतरराष्ट्रीय बाघ दिवस (29 जुलाई)

2022 की थीमः ‘बाघों की आबादी को पुनर्जीवित करने के लिए भारत ने प्रोजेक्ट टाइगर लॉन्च किया है’ (India launches Project Tiger to revive the tiger population)

महत्वपूर्ण तथ्यः प्रत्येक वर्ष 29 जुलाई को अंतरराष्ट्रीय बाघ दिवस मनाया जाता है।

  • अंतरराष्ट्रीय बाघ दिवस बाघों के संरक्षण और उनकी विलुप्त होती प्रजातियों को बचाने के उद्देश्य से मनाया जाता हैं। इस दिन लोगों को बाघ के प्रजातियों के समाप्त होते अस्तित्व के प्रति जागरूक करते हैं।
  • यह दिवस 2010 से प्रति वर्ष मनाया जा रहा है।
  • इस दिन को मनाने का मुख्य उद्देश्य दुनिया भर के लोगों के मध्य बाघ संरक्षण के लिए जागरूकता बढ़ाना है और एक विश्वव्यापी प्रणाली को बढ़ावा देने में मदद करना है, जिससे बाघों और उनके प्राकृतिक आवासों की रक्षा की जा सकती है।
  • 29 जुलाई, 2022 को ताडोबा अंधारी टाइगर रिजर्व, महाराष्ट्र द्वारा राष्ट्रीय वैश्विक बाघ दिवस समारोह 2022 की मेजबानी की गई।
  • विश्व में बाघों की कुल संख्या का 70» से अधिक हिस्से का संरक्षण और बचाव भारत कर रहा है।
  • भारत ने वर्ष 2018 में ही बाघों की प्रजातियों को दोगुना करने के अपने लक्ष्य को हासिल कर लिया था। बाघ गणना के अनुसार भारत में बाघों की संख्या 2967 थी। जिनमें सबसे अधिक बाघों की संख्या वाला राज्य मध्यप्रदेश है।
  • बाघ दिवस को मनाने की शुरुआत वर्ष 2010 में की गई थी। रूस के पीटर्सबर्ग में एक इंटरनेशनल कांफ्रेंस का आयोजन किया गया, जिसमें 29 जुलाई को विश्व बाघ दिवस मनाने का फैसला लिया गया था।
  • इस अंतरराष्ट्रीय समिट में 13 देशों ने हिस्सा लिया था। बाघों की विलुप्त होती प्रजातियों पर चिंता जताते हुए बाघों की संख्या 2022 तक दोगुनी करने का लक्ष्य रखा गया था।
  • बाघ परियोजना की शुरुआत 1973 में 9 बाघ अभयारण्य के साथ की गई थी, जबकि वर्तमान भारत में 75,000 वर्ग किमी में फैले 52 बाघ अभयारण्य हैं। इसमें सबसे नया 52वां अभयारण्य राजस्थान का रामगढ़ विषधारी अभयारण्य है।

लघु संचिका