Question : मध्यकाल में साहित्यिक भाषा के रूप में अवधी के विकास की विवेचना कीजिए।
(2007)
Answer : अवध क्षेत्र की बोली को ही अवधी कहा जाता है। यह भाषा पुराने अवध प्रांत के हरदोई, खीरी आदि को छोड़कर अन्य सभी क्षेत्रें में बोली जाती है। यह लखनऊ, उन्नाव, रायबरेली, सीतापुर, फैजाबाद, गोंडा, बहराइच, सुल्तानपुर, प्रतापगढ, बाराबंकी, कानपुर जिले के कुछ भाग, जौनपुर-मिर्जापुर के कुछ भाग, गंगा के दाहिने किनारे फतेहपुर एवं इलाहाबाद की भाषा है। बिहार के मुसलमानों तथा नेपाल की तराई के कुछ हिस्सों में भी प्रचलित है।
अवधी पूर्वी हिन्दी की ....
Question : अवधी भाषा का साहित्यिक योगदान
(2006)
Answer : अवधी साहित्य लगभग पांच शताब्दियों (14वीं से 19वीं शताब्दी) तक विभिन्न रचनाकारों द्वारा रचा जाता रहा। अवधी में किसी सम्पूर्ण काव्य रचना का प्रथम उदाहरण 1379 ई॰ में मौलाना दाऊद का चंदायन है। अवधी को काव्यभाषा या साहित्य की भाषा के रूप में प्रतिष्ठित करने का श्रेय दिया जाता है। मौलाना दाऊद का सबसे अधिक महत्व इस बात में है कि उन्होंने एक बोलचाल की भाषा को अपनी सर्जनात्मक प्रतिभा से श्रेष्ठ काव्यभाषा का रूप ....