Question : तकनीकी विकास और हिंदी
(2008)
Answer : भाषा और विज्ञान का अटूट संबंध है। जहां विज्ञान तथ्य की खोज करता है, वहीं भाषा उस तथ्य की अभिव्यक्ति करती है, अतः वैज्ञानिक या तकनीकी उपलब्धियों को जनमानस तक पहुंचाने के लिए उसका स्वदेशी भाषा में अनुवाद आवश्यक है, जिसके कारण वैज्ञानिक उपलब्धियों के द्वारा प्रकाशित करने का प्रयास किए गए हैं। वर्तमान समय में विज्ञान का तीव्र विकास हो रहा है और विज्ञान के विकास के साथ-साथ शब्दों का भी विकास करना होगा। ....
Question : वैज्ञानिक एवं तकनीकी क्षेत्र में हिन्दी के विकास की समीक्षा कीजिए।
(2007)
Answer : आधुनिक परिप्रेक्ष्य में हिन्दी को वैज्ञानिक एवं तकनीकी भाषा के रूप में विकसित करने के प्रयास बहुत पहले से ही शुरू हो गये थे। संस्कृत के ‘अमर कोश’ और ‘सर्वसंग्रह’ की परंपरा के अनेक कोश विभिन्न स्तरों पर तैयार हुए।
मध्ययुग में, महाराजा शिवाजी के शासनकाल में पंडित रघुनाथ नामक विद्वान ने प्रशासन खाद्य सामग्री, रक्षा-व्यवस्था आदि विषयों से संबंधित लगभग डेढ़ हजार शब्दों का एक कोश तैयार किया था, जो तत्कालीन प्रशासन के लिए बहुत ....
Question : वैज्ञानिक एवं तकनीकी विकास में हिन्दी भाषा के स्वरूप को स्पष्ट कीजिए।
(2006)
Answer : हिन्दी भाषा ने अपनी लगभग एक हजार वर्ष की विकास यात्र में कई महत्वपूर्ण मंजिलें पार की हैं। सर्वप्रथम यह लोक-चेतना की अभिव्यंजिका बनी, फिर एक ओर इसमें पारलौकिक दार्शनिक चिंतन को जन-सामान्य की परिस्थितियों के अनुकूल व्याख्यायित करने का अवसर मिला तो दूसरी ओर मानव के लौकिक जीवन से पारमार्थिक जीवन की ओर अग्रसर होने की विभिन्न स्थितियों और गतिविधियों को स्थायी शब्द मंजुषाओं में आबद्ध करने का प्रयास हुआ। हिन्दी कभी वीर गाथाओं ....