Question : हिन्दी साहित्य के इतिहास लेखन की परम्परा का उल्लेख कीजिए।
(2006)
Answer : साहित्य का इतिहास साहित्यिक दृष्टि से रचनाओं का अध्ययन और मूल्यांकन है। इसमें हम प्राकृतिक घटनाओं व मानवीय क्रिया-कलापों के स्थान पर साहित्यिक रचनाओं का अध्ययन ऐतिहासिक दृष्टि से करते हैं।
हिन्दी साहित्य के इतिहास लेखन की परंपरा को दो भागों में बांटा जा सकता है-शुक्ल पूर्व के इतिहास लेखन और शुक्लोत्तर इतिहास लेखन। शुक्ल पूर्व में जो भी इतिहास लेखन हुआ, वह सभी एक संग्रह मात्र हैं और इन संग्रहों का प्रयोजन हिन्दी साहित्य का ....
Question : हिन्दी साहित्य के इतिहासों का संक्षिप्त परिचय देते हुए बताइए कि आप किस इतिहास ग्रंथ को पूर्णतः समझते हैं और क्यों?
(2000)
Answer : साहित्य का इतिहास साहित्यिक दृष्टि से रचनाओं का अध्ययन तथा मूल्यांकन है। इसमें साहित्य की विकासमान परंपरा, उसके उद्भव से आज तक की स्थिति का क्रमबद्ध अध्ययन किया जाता है। इस संदर्भ में आचार्य शुक्ल का कथन काफी उपयोगी हैः "जबकि प्रत्येक देश का साहित्य वहां की जनता की चित्तवृत्तियों का संचित प्रतिबिंब होती हैं, तब यह निश्चय है कि जनता की चित्तवृत्तियों में परिवर्तन के साथ-साथ साहित्य के स्वरूप में भी परिवर्तन होता चला ....