मिसाइल ‘प्रलय’

भारत ने 22-23 दिसंबर, 2021 को स्वदेशी रूप से विकसित सतह से सतह पर मार करने वाली मिसाइल ‘प्रलय’ का ओडिशा तट से सफलतापूर्वक दो उड़ान परीक्षण किए।

महत्वपूर्ण तथ्यः रक्षा अनुसंधान एवं विकास संगठन द्वारा विकसित कम दूरी की सतह से सतह पर मार करने वाली प्रलय बैलिस्टिक मिसाइल को ओडिशा के तट पर डॉ. एपीजे अब्दुल कलाम द्वीप से लॉन्च किया गया।

  • प्रलय लगभग 10 मीटर या उससे कम की सटीकता के साथ 150 से 500 किलोमीटर की दूरी पर लक्ष्य को नष्ट कर सकती है।
  • ‘प्रलय’ एक ठोस प्रणोदक रॉकेट मोटर और अन्य नई तकनीकों से संचालित है। मिसाइल मार्गदर्शन प्रणाली में ‘अत्याधुनिक नेविगेशन और एकीकृत एवियोनिक्स’ (state-of-the-art navigation and integrated avionics) शामिल हैं।
  • इसे मोबाइल लॉन्चर से लॉन्च किया जा सकता है। यह हवा के बीच एक निश्चित सीमा को कवर करने के बाद अपना रास्ता बदलने की क्षमता रखती है।

जीके फ़ैक्ट

  • रक्षा अनुसंधान और विकास संगठन (DRDO) ने लगभग 2015 के आसपास कम दूरी की सतह से सतह पर मार करने वाली मिसाइल विकसित करने के लिए परियोजना पर काम करना शुरू किया। बाद में मिसाइल का नाम प्रलय रखा गया।

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