जैविक विविधता (संशोधन) विधेयक 2021

केंद्र सरकार द्वारा 20 दिसंबर, 2021 को जैविक विविधता (संशोधन) विधेयक 2021 को संसद के दोनों सदनों की संयुक्त समिति के पास भेजा गया है।

महत्वपूर्ण तथ्यः इस विधेयक को सदन में पेश किए जाने के बाद से ही पर्यावरणविदों द्वारा इस आधार पर आलोचना की गई है कि मसौदा विधेयक जैविक संसाधनों के संरक्षण के अधिनियम के प्रमुख उद्देश्य की कीमत पर बौद्धिक संपदा और वाणिज्यिक व्यापार को प्राथमिकता देता है।

विधेयक में प्रावधानः इसमें 2002 के अधिनियम में कुछ नियमों को शिथिल करने का प्रस्ताव किया गया है ताकि अनुसंधान और पेटेंट को बढ़ावा दिया जा सके और साथ ही स्थानीय समुदायों को विशेष रूप से औषधीय गुणों वाले बीज जैसे संसाधनों का उपयोग करने में सक्षम बनाया जा सके।

  • यह विधेयक पंजीकृत आयुष चिकित्सकों और संहिताबद्ध पारंपरिक ज्ञान का उपयोग करने वाले लोगों को कुछ उद्देश्यों के लिए जैविक संसाधनों तक पहुँच हेतु राज्य जैव विविधता बोर्डों को पूर्व सूचना देने से छूट देने का प्रयास करता है।

अन्य तथ्यः 2021 के राइट लाइवलीहुड अवार्ड्स विजेता दिल्ली स्थित पर्यावरण संगठन ‘लीगल इनिशिएटिव फॉर फॉरेस्ट एंड एनवायरनमेंट’ (LIFE) ने कहा है कि वर्तमान स्वरूप में बिल ‘बायोपायरेसी’ (bio piracy) का मार्ग प्रशस्त करेगा।

जीके फ़ैक्ट

  • जैविक विविधता अधिनियम, 2002 जैविक विविधता के संरक्षण और जैविक संसाधनों और पारंपरिक ज्ञान के व्यावसायिक उपयोग से होने वाले मौद्रिक लाभों के उचित, समान बंटवारे के लिए अधिनियमित किया गया था।

पर्यावरण एवं पारिस्थितिकी