तेईस वर्ष बाद बुक्सा टाइगर रिजर्व में बाघों की मौजूदगी

बाघ संरक्षण के लिए एक बड़ी सफलता में, 11 दिसंबर, 2021 को पश्चिम बंगाल के बुक्सा टाइगर रिजर्व में एक कैमरा ट्रैप में एक बाघ की तस्वीर खींची गई।

महत्वपूर्ण तथ्यः पिछली बार 1998 में उत्तरी बंगाल में स्थित इस रिजर्व में एक बाघ की मौजूदगी का निर्विवाद दावा किया गया था।

  • इस घटना से वन्यजीव विशेषज्ञ और प्रकृति प्रेमी उत्साहित हैं क्योंकि रिजर्व में बाघों की उपस्थिति पर कई सवाल उठाए गए थे।
  • यह इस दृष्टि से महत्वपूर्ण है क्योंकि राष्ट्रीय बाघ संरक्षण प्राधिकरण (एनटीसीए) द्वारा असम के काजीरंगा से बाघों को बुक्सा टाइगर रिजर्व में पुनर्स्थापन करने (reintroduction) की योजना थी। असम के काजीरंगा का परिदृश्य (landscape) बुक्सा टाइगर रिजर्व के ही समान है।
  • हालांकि कुछ साल पहले मध्य प्रदेश से ओडिशा के सतकोसिया में इसी तरह के स्थानांतरण से वांछित परिणाम नहीं मिले।

बुक्सा टाइगर रिजर्वः पश्चिम बंगाल के जलपाईगुड़ी जिले के अलीपुरद्वार उप-मंडल में स्थित है।

  • बुक्सा टाइगर रिजर्व को 1983 में भारत के 15वें टाइगर रिजर्व के रूप में स्थापित किया गया था। इसे जनवरी 1992 में राष्ट्रीय उद्यान घोषित किया गया।
  • टाइगर रिजर्व का कुल क्षेत्रफल 760.87 वर्ग किमी है, जिसमें महत्वपूर्ण बाघ पर्यावास क्षेत्र 390-58 वर्ग किमी और बफर 370.29 वर्ग किमी है।

जीके फ़ैक्ट

  • दक्षिण बंगाल के सुंदरबन में लगभग 98 बाघ हैं, जो बाघों के पर्यावास का दुनिया का एकमात्र मैंग्रोव वन है।

पर्यावरण एवं पारिस्थितिकी