सिविल सर्विसेज क्रॉनिकल अप्रैल 2021

अभय कुमार सिंह

नाम: अभय कुमार सिंह पिता का नाम: श्री अखिलेश्वर सिंह शैक्षिक योग्यता: हाई स्कूल- यूपी बोर्ड, विज्ञान वर्ग, द्वितीय श्रेणी, इण्टरमीडिएट- यूपी बोर्ड, विज्ञान वर्ग, प्रथम श्रेणी, स्नातक- इलाहाबाद विश्वविद्यालय, अंग्रेजी साहित्य, आधुनिक इतिहास, शिक्षाशास्त्र विषय के साथ द्वितीय श्रेणी परास्नातक- इ.वि.वि., आधुनिक इतिहास, प्रथम श्रेणी अन्य योग्यता: नेट- जे.आर.एफ. एवं शोध- काशी हिन्दू विश्वविद्यालय अभिरुचियां: कुकिंग, गार्डेनिंग, आउट डोर गेम्स खेला आदर्श व्यक्ति: स्वामी विवेकानंद, गांधी जी, स्वामी अड़गडानंद जी, सचिन तेंदुलकर वैकल्पिक विषय: इतिहास ‘‘स्व में विश्वास ही सफलता का सुवास है” सि.स. क्रॉनिकलः यूपीपीसीएस 2019 में शानदार सफलता के लिए आपको हार्दिक बधाई। आपकी सफलता में परिवार, मित्रों व शिक्षकों का सहयोग कैसा रहा? आपकी पृष्ठभूमि ने

विशाल सारस्वत

नाम: विशाल सारस्वत जन्मतिथि: 25-06-1995 पिता का नाम: श्री शिवप्रकाश सारस्वत माता का नाम: श्रीमती राजेश्वरी शैक्षिक योग्यता: हाई स्कूल- सेक्रेड हर्ट कान्वेंट हाई स्कूल, अहमदनगर (85-2%) - 2011 इण्टरमीडिएट- सेंट पाउल्स सीनियर सेकेंडरी स्कूल, एटा (90%)- 2013 स्नातक- बैचलर ऑफ आर्ट्स (2013-2016) (आगरा विश्वविद्यालय) परास्नातक- एम-ए- (अर्थशास्त्र) (2016-2018) (आगरा विश्वविद्यालय) यूपीपीएससी में दूसरा प्रयास वैकल्पिक विषय: अर्थशास्त्र सि.स. क्रॉनिकलः सिविल सर्विसेज क्रॉनिकल की तरफ से आपको इस सफलता की ढेर सारी शुभकामनाएं। आप कैसा महसूस कर रहे हैं? विशाल सारस्वतः बहुत-बहुत धन्यवाद। यह मेरे लिए आश्चर्य का विषय था। मैंने प्रथम स्थान की उम्मीद नहीं की थी, क्योंकि पिछले प्रयास में मैं सफल नहीं हो पाया था। सि.स. क्रॉनिकलः एक अधिकारी

निबन्ध

अंतर्निहित प्रवृत्ति की कमजोरी चरित्र की कमजोरी बन जाती है

मोनिका मिश्राकिसी भी व्यक्ति की प्रवृत्ति उसके स्वभाव तथा व्यक्तित्व से प्रभावित एवं संचालित होती है; जबकि चरित्र मनुष्य की सभी आदतों का योग होता है। इस प्रकार प्रवृत्ति इंसान के सोचने एवं किसी भी परिस्थिति से निपटने के तरीके को उजागर करती है तो वहीं चरित्र कार्यों को करने की पद्धति से दृष्टिगोचर होता है। उदाहरण के लिए खेलों के संदर्भ में हमने अक्सर यह देखा है कि कुछ खिलाड़ी राष्ट्रीय अथवा अंतरराष्ट्रीय स्तर पर एक लंबे समय तक अपनी पहचान बनाए रखते हैं। वहीं कुछ खिलाड़ी तो ओलंपिक जैसी कठिन प्रतियोगिताओं में भी एक साथ अनेक खेलों में

राष्ट्रीय परिदृश्य

इन फोकस

पॉपुलेशन एजिंग की प्रवृत्तिः चुनौतियां एवं सामाजिक निहितार्थ

केंद्रीय स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्री डॉ. हर्षवर्धन ने 6 जनवरी, 2021 को वर्चुअल प्लेटफॉर्म से लॉन्जिट्यूडनल एजिंग स्टडी ऑफ इंडिया पर वेव-1 इंडिया रिपोर्ट [INDIA REPORT on Longitudinal Ageing Study of India (LASI) Wave-1] जारी की। लॉन्जिट्यूडनल एजिंग स्टडी ऑफ़ इंडियालॉन्जिट्यूडनल एजिंग स्टडी ऑफ इंडिया (LASI) भारत में उम्रदराज हो रही आबादी के स्वास्थ्य, आर्थिक तथा सामाजिक निर्धारकों और परिणामों की वैज्ञानिक जांच का व्यापक राष्ट्रीय सर्वे है। स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्रालय के वृद्धजनों के लिए राष्ट्रीय कार्यक्रम (National Programme for Health Care of Elderly) द्वारा मुंबई स्थित इंटरनेशनल इंस्टीट्यूट फॉर पॉपुलेशन साइंसेज (IIPS) के माध्यम से यह अध्ययन सर्वेक्षण

राष्ट्रीय मुद्दे

पुडुचेरी में राष्ट्रपति शासन

पुडुचेरी में कांग्रेस के नेतृत्व वाली सरकार गिर जाने के बाद हाल ही में केंद्रीय मंत्रिमंडल की सिफारिश पर इस केंद्र शासित प्रदेश में राष्ट्रपति शासन लगा दिया गया। राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद द्वारा हस्ताक्षरित अधिसूचना में कहा गया कि केंद्र शासित प्रदेश पुडुचेरी की प्रशासक से 22 फरवरी, 2021 को मिली रिपोर्ट के बाद यह फैसला लिया गया। पुडुचेरी की उप राज्यपाल से प्राप्त रिपोर्ट पर विचार करने के बाद राष्ट्रपति के इस बात पर संतुष्ट होने के बाद अधिसूचना जारी की गई कि ऐसी स्थिति उत्पन्न हो गई है जिसमें पुडुचेरी का प्रशासन केंद्रशासित प्रदेश अधिनियम, 1963 के प्रावधानों के अनुसार

पंजीकृत गैर-मान्यता प्राप्त राजनीतिक दल

एसोसिएशन फॉर डेमोक्रेटिक रिफॉर्म्स (ADR) ने हाल ही में जारी अपनी रिपोर्ट में कहा है कि वित्त वर्ष 2018-19 के लिए केवल 78 पंजीकृत गैर-मान्यता प्राप्त दलों की अंशदान रिपोर्ट (contribution reports) ही सार्वजनिक डोमेन में उपलब्ध हैं। ये पंजीकृत गैर-मान्यता प्राप्त दल (Registered Unrecognised Parties) कुल 2,301 पंजीकृत गैर-मान्यता प्राप्त दलों का मात्र 3.39% हैं। एडीआर की रिपोर्ट में कहा गया है कि कुल पंजीकृत राजनीतिक दलों में से 2,301 या 97.50% दल गैर मान्यता प्राप्त हैं। रिपोर्ट में कहा गया है कि पंजीकृत लेकिन गैर-मान्यता प्राप्त दलों की संख्या में पिछले एक दशक में दो गुना वृद्धि हुई है। वर्ष

ओटीटी प्लेटफ़ॉर्म तथा इनका विनियमन

इंटरनेट एंड मोबाइल एसोसिएशन ऑफ इंडिया (IAMAI) नामक उद्योग निकाय ने 11 फरवरी, 2021 को कहा कि 17 ओटीटी प्लेटफॉर्म्स ने वर्ष 2020 में शुरू किए गए स्व-विनियमन कोड के प्रभावी कार्यान्वयन के लिए एक ‘टूलकिट’ को अपनाया है। अवगत करा दें कि ओटीटी सेवा प्रदाताओं ने सितंबर 2020 में ऑनलाइन कंटेंट क्यूरेटेड प्लेटफॉर्म (OCCPs) के लिए यूनिवर्सल सेल्फ-रेगुलेशन कोड (Universal Self-Regulation Code) अपनाने की घोषणा की थी। मुख्य बिंदु इंटरनेट एंड मोबाइल एसोसिएशन ऑफ इंडिया ने कहा कि स्व-विनियमन कोड के लिए आईएएमएआई सचिवालय (IAMAI Secretariat) भी स्थापित किया जाएगा, जिसमें इस कोड के हस्ताक्षरकर्ताओं के साथ-साथ आईएएमएआई के प्रतिनिधि भी

जुवेनाइल जस्टिस ऐक्ट में संशोधान को मंजूरी

17 फरवरी, 2021 को केंद्रीय मंत्रिमंडल ने किशोर न्याय (देखभाल और बाल संरक्षण) अधिनियम 2015 [Juvenile Justice (Care and Protection of Children) Act, 2015] में संशोधन करने के महिला एवं बाल विकास मंत्रालय के प्रस्ताव को मंजूरी दे दी। यह कदम बच्चों के हितों को सुनिश्चित करने तथा बाल संरक्षण व्यवस्था को मजबूत बनाने के उपायों को सुनिश्चित करने की दृष्टि से महत्वपूर्ण होगा। प्रस्तावित संशोधनगोद लेने का आदेशः संशोधन में मामलों के तेजी से निपटारा सुनिश्चित करने तथा जवाबदेही बढ़ाने के लिए जिला मजिस्ट्रेट तथा अतिरिक्त जिला मजिस्ट्रेट को किशोर न्याय अधिनियम (JJ Act) की धारा 61 के तहत गोद लेने

कला एवं संस्कृति

राजव्यवस्था

शक्तियों के पृथक्करण का सिद्धान्त

12 फरवरी, 2021 को कानून मंत्री रविशंकर प्रसाद ने लोकसभा में कहा कि जिस तरह से न्यायपालिका की स्वतंत्रता संविधान की मूल संरचना का एक हिस्सा है, उसी प्रकार शक्तियों के पृथक्करण का सिद्धांत भी मूल संरचना का ही भाग है। कानून मंत्री ने कहा कि विधि निर्माण तथा शासन का कार्य निर्वाचित सदस्यों पर छोड़ दिया जाना चाहिए, जो विधायिका के प्रति जवाबदेह होते हैं। शक्तियों का पृथक्करणभारत का संविधान अन्तर्निहित स्वरूप में शक्तियों के पृथक्करण (Separation of Powers) के विचार को स्वीकार करता है। शक्तियों के पृथक्करण के सिद्धांत को निरपेक्ष रूप से मान्यता देने वाले कोई भी संवैधानिक प्रावधान न

मध्यस्थता एवं सुलह (संशोधन) विधेयक, 2021

12 फरवरी, 2021 को लोकसभा ने ध्वनि मत से मध्यस्थता एवं सुलह (संशोधन) विधेयक, 2021 [Arbitration and Conciliation (Amendment) Bill, 2021] पारित किया। यह मध्यस्थता एवं सुलह अधिनियम, 1996 में संशोधन करता है। यह विधेयक 4 नवंबर, 2020 को जारी मध्यस्थता एवं सुलह (संशोधन) अध्यादेश, 2020 को प्रतिस्थापित करेगा। यह विधेयक मध्यस्थता समझौते के आधार पर पारित या धोखाधड़ी / भ्रष्टाचार से प्रभावित मध्यस्थता आदेशों के प्रवर्तन को बिना शर्त रोके जा सकने की अनुमति प्रदान करता है। यह संशोधन धोखाधड़ी से संबंधित मध्यस्थता के मामलों पर सुप्रीम कोर्ट द्वारा पारित निर्णयों के भी अनुरूप है। मुख्य विशेषताएंआदेशों का स्वतः स्थगन मौजूदा व्यवस्था

आयोग एवं समिति

अनुसूचित जाति के लिए राष्ट्रीय आयोग

पूर्व सामाजिक न्याय और अधिकारिता राज्य मंत्री विजय सांपला ने 24 फरवरी, 2021 को नई दिल्ली में अनुसूचित जाति के लिए राष्ट्रीय आयोग (National Commission for Scheduled Castes) के अध्यक्ष (Chairman) का पदभार ग्रहण किया। विजय सांपला पंजाब दलित विकास परिषद के अध्यक्ष, अनुसूचित जाति आरक्षण बचाओ मंच के राज्य समन्वयक तथा भारत गौरव के अध्यक्ष रह चुके हैं। उन्होंने साल 2009-12 के दौरान पंजाब खादी और ग्रामोद्योग बोर्ड के अध्यक्ष का पद भी संभाला है। राष्ट्रीय अनुसूचित जाति आयोगअनुसूचित जाति के लिए राष्ट्रीय आयोग एक संवैधानिक निकाय है जो भारत में अनुसूचित जातियों (SC) के हितों की रक्षा हेतु कार्य करता

कार्यक्रम एवं पहल

पीएम-जेएवाई का मजबूत सकारात्मक प्रभाव

केन्द्रीय वित्त एवं कॉरपोरेट कार्य मंत्री निर्मला सीतारमण ने 29 जनवरी, 2021 को संसद में आर्थिक समीक्षा 2020-21 पेश करते हुए कहा कि प्रधानमंत्री जन आरोग्य योजना (Pradhan Mantri Jan Arogya Yojana - PM-JAY) को अपनाने वाले राज्यों में इसका मजबूत सकारात्मक परिणाम सामने आया है। आर्थिक समीक्षा में कहा गया है कि पीएम-जेएवाई का उपयोग कम मूल्य में बेहतर स्वास्थ्य सेवाओं के सामान्य उपयोग के लिये किया जा रहा है। यह भी बताया गया है कि योजना के तहत महामारी और लॉकडाउन के समय भी डायलिसिस जैसी सुविधाएं बिना किसी बाधा के सुचारु रूप से जारी रहीं। सकारात्मक परिणामपीएम-जेएवाई को अपनाने

स्वच्छ आइकॉनिक स्थल के चरण IV के तहत 12 स्थल

देश में प्रतिष्ठित धरोहरों, आध्यात्मिक और सांस्कृतिक स्थलों को ‘स्वच्छ पर्यटन स्थलों’(Swachh Tourist Destinations) के रूप में परिवर्तित करने के लिए जल शक्ति मंत्रालय के पेयजल और स्वच्छता विभाग ने हाल ही में स्वच्छ आइकॉनिक स्थल पहल के चौथे चरण में 12 आइकॉनिक स्थलों (iconic sites)के चयन की घोषणा की। इन 12 प्रतिष्ठित आइकॉनिक स्थलों का चयन स्वच्छ भारत मिशन ग्रामीण (SBM-G) की स्वच्छ आइकॉनिक स्थल (SIP) पहल [Swachh Iconic Places Initiative] के तहत किया गया है। एसआईपी के चरण IV के तहत 12 आइकॉनिक स्थल अजंता गुफाएं, महाराष्ट्र सांची स्तूप, मध्य प्रदेश कुंभलगढ़ किला, राजस्थान जैसलमेर किला, राजस्थान रामदेवरा, जैसलमेर, राजस्थान गोलकुंडा फोर्ट, हैदराबाद, तेलंगाना सूर्य मंदिर, कोणार्क,

राष्ट्रीय सुरक्षा

सेना कमांडरों के लिए अधिाक वित्तीय अधिकार

केंद्रीय मंत्रिमंडल ने पूंजीगत खरीद के अंतर्गत सशस्त्र बलों में वाइस चीफ से निचले स्तर के अधिकारियों की वित्तीय शक्तियों में बढ़ोतरी को हाल ही में मंजूरी दे दी। सैन्य कमांडरों के लिए वित्तीय शक्तियांइस मंजूरी के अनुसार सेना के तीनों अंगों की कमानों में जनरल ऑफिसर कमांडिंग-इन-चीफ, फ्रलैग ऑफिसर कमांडिंग-इन-चीफ, एयर ऑफिसर कमांडिंग-इन-चीफ तथा भारतीय तटरक्षक बल के क्षेत्रीय कमांडरों को 100 करोड़ रुपये तक की वित्तीय शक्तियां प्रदान की गई हैं। साथ ही डिप्टी चीफ ऑफ आर्मी स्टाफ (उप सेनाध्यक्ष), चीफ ऑफ मैटेरियल, एयर ऑफिसर मेंटेनेंस, डिप्टी चीफ इंटीग्रेटेड डिफेंस स्टाफ तथा भारतीय तटरक्षक बल के अपर महानिदेशक (ADG) को

संक्षिप्तिकी

भारतीय सांकेतिक भाषा शब्दकोश का तीसरा संस्करण

केंद्रीय सामाजिक न्याय तथा अधिकारिता मंत्री थावरचंद गहलोत ने 17 फरवरी, 2021 को एक वर्चुअल कार्यक्रम में 10,000 शब्दों (पहले के 6,000 शब्द सहित) के साथ ‘भारतीय सांकेतिक भाषा शब्दकोश’(Indian Sign Language Dictionary) के तीसरे संस्करण का लोकार्पण किया। मुख्य बिंदुयह शब्दकोश ‘भारतीय सांकेतिक भाषा अनुसंधान और प्रशिक्षण केंद्र’(Indian Sign Language Research and Training Centre - ISLRTC) ने तैयार किया है। सामाजिक न्याय और अधिकारिता मंत्रालय के तहत आने दिव्यांगजन सशक्तीकरण विभाग के तहत आईएसएलआरटीसी एक स्वायत्त संस्थान है। शब्दकोश के तीसरे संस्करण में दैनिक उपयोग के शब्द, अकादमिक शब्द, कानूनी तथा प्रशासनिक शब्द, मेडिकल शब्द, तकनीकी तथा कृषि जैसे विषयों के

आर्थिक परिदृश्य

इन फोकस

भारत के लिए ड्राफ्ट ब्लू इकोनॉमी नीति

पृथ्वी विज्ञान मंत्रालय ने विभिन्न हितधारकों से सुझाव आमंत्रित करने के उद्देश्य से हाल ही में ‘भारत के लिए ड्राफ्रट ब्लू इकॉनोमी नीति’ (Draft Blue Economy policy for India) जारी की। नीली अर्थव्यवस्था नीति दस्तावेज के इस मसौदे पर उद्योग क्षेत्र, गैर सरकारी संगठनों, शिक्षाविदों तथा नागरिकों आदि से 27 फरवरी 2021 तक सुझाव प्रस्तुत करने के लिए कहा गया है। नीति दस्तावेज का उद्देश्यः भारत की जीडीपी में समुद्र आधारित यानी नीली अर्थव्यवस्था (Blue Economy) के योगदान को बढ़ाना, तटीय समुदाय के लोगों की जिंदगी में सुधार लाना, समुद्री जैव विविधता को संरक्षित रखना तथा समुद्री क्षेत्रों व संसाधनों की

परिवहन एवं अवसंरचना

स्वैच्छिक वाहन स्क्रैपिंग नीति

1 फरवरी, 2021 को वित्त मंत्री ने संसद में अपने बजट भाषण में ‘स्वैच्छिक वाहन स्क्रैपिंग नीति’ (Voluntary Vehicle Scrapping Policy) की घोषणा की। स्वैच्छिक वाहन स्क्रैपिंग नीति 1 अप्रैल, 2022 से केंद्र और राज्य सरकार के स्वामित्व वाले वाहनों पर लागू होगी। नीति से ईंधन-कुशल, पर्यावरण के अनुकूल वाहनों को प्रोत्साहित करने में मदद मिलेगी, जिससे वाहनों से होने वाले प्रदूषण में कमी आएगी। नीति का उद्देश्यः पुराने वाहनों को चरणबद्ध रूप से कम करना और वाहनों के प्रदूषण को घटाना। मुख्य बिंदु वाहन स्क्रैपिंग नीति के तहत, निजी वाहन 20 साल बाद स्वचालित केंद्रों में फिटनेस परीक्षण से गुजरेंगे तथा वाणिज्यिक

संचार क्षेत्र

टेलीकॉम क्षेत्र के लिए समान सेवा, समान नियम

सेल्युलर ऑपरेटर्स एसोसिएशन ऑफ इंडिया (COAI) ने हाल ही में सरकार से आग्रह किया है कि वह व्हाट्सऐप और गूगल डुओ जैसे ओवर-द-टॉप सर्विस प्रोवाइडर्स को लाइसेंसिंग व्यवस्था के तहत लाए तथा टेलिकॉम ऑपरेटर्स पर नेट न्यूट्रैलिटी नियमों को तब तक के लिए टाले जब तक कि ऐप्स पर ‘समान सेवा समान नियम’लागू नहीं हो जाते। सीओएआई (COAI) ने ओवर-द-टॉप सेवा प्रदाताओं पर भारतीय दूरसंचार नियामक प्राधिकरण (TRAI) की सिफारिश के जवाब में 9 फरवरी, 2021 को दूरसंचार विभाग को लिखा कि अंतरराष्ट्रीय अधिकार-क्षेत्र में स्पष्टता के उभरने तक कॉलिंग और मैसेजिंग ऐप पर कोई नियम नहीं लगाए जाने चाहिए। टेलीकॉम ऑपरेटर्स

दूरसंचार क्षेत्र के लिए उत्पादन से जुड़ी प्रोत्साहन योजना

भारत सरकार द्वारा विभिन्न क्षेत्रों को प्रदान किये जा रहे उत्पादन से जुड़े व्यापक प्रोत्साहनके अनुरूप 17 फरवरी, 2021 को केंद्रीय मंत्रिमंडल ने ‘दूरसंचार एवं नेटवर्किंग उत्पादों के उत्पादन से जुड़ी प्रोत्साहन योजना’ [Production Linked Incentive (PLI) Scheme for Telecom and Networking Products] को मंजूरी दी। यह योजना 1 अप्रैल, 2021 से शुरू होगी। मुख्य बिंदु यह मंजूरी मोबाइल और उससे जुड़े अवयवों के उत्पादन से संबंधित पीएलआई योजना की बेहद उत्साहजनक सफलता को देखते हुए दी गई है। मोबाइल एवं उसके अवयवों के उत्पादन से जुड़ी पीएलआई योजना की घोषणा अप्रैल 2020 में कोविड महामारी की चरम स्थिति के दौरान की

योजना एवं पहल

मुद्रा-बैंकिंग

खुदरा निवेशकों को सरकारी प्रतिभूति बाजार में सीधे प्रवेश की अनुमति

भारतीय रिजर्व बैंक ने खुदरा निवेशकों को सरकारी प्रतिभूति बाजारों (Government Securities Markets) तक सीधे पहुंच प्रदान कर दी है। 5 फरवरी, 2021 को इसकी घोषणा करते हुए भारतीय रिजर्व बैंक के गवर्नर ने इसे ‘प्रमुख संरचनात्मक सुधार’ के रूप में परिभाषित किया है। मुख्य बिंदु खुदरा निवेशकों को रिजर्व बैंक के माध्यम से प्राथमिक और द्वितीयक दोनों तरह की सरकारी प्रतिभूतियों के बाजार तक सीधे पहुंच प्राप्त होगी। अब, खुदरा निवेशक सीधे भारतीय रिजर्व बैंक के साथ गिल्ट अकाउंट (gilt account) खोल सकते हैं, और सरकारी प्रतिभूतियों में व्यापार कर सकते हैं। गिल्ट अकाउंट का उपयोग खरीदी गई सरकारी प्रतिभूतियों को रखने के

उद्योग एवं व्यापार

कर्नाटक के मांड्या जिले में लिथियम के भंडार

3 फरवरी, 2021 को सरकार ने कहा कि परमाणु खनिज अन्वेषण एवं अनुसंधान निदेशालय (AMD) द्वारा प्रारंभिक सतहीय एवं उपसतहीय सर्वेक्षण में कर्नाटक के मांडड्ढा जिले में मार्लगेला-अलापटना (Marlagalla-Allapatna) क्षेत्र की पेग्मेटाइट्स चट्टानों (pegmatites) में लगभग 1,600 टन के लिथियम संसाधनों की उपस्थिति का पता चला है। मार्लगेला-अलापटना क्षेत्र में अन्वेषण के पूरा होने के बाद इस लिथियम भंडार की वास्तविक मात्र पता चल सकेगी। इस लिथियम भंडार का वाणिज्यिक खनन, क्षेत्र में तकनीकी, सामाजिक और आर्थिक व्यवहार्यता अध्ययन के बाद ही शुरू हो सकेगा। लिथियम लिथियम एक क्षार धातु है। यह मानक परिस्थितियों में सबसे हल्की धातु तथा सबसे हल्का ठोस तत्व

विविध

न्यायिक निर्णयों के अनपेक्षित आर्थिक परिणाम

नीति आयोग ने हाल ही में जयपुर के एक संगठन को पर्यावरणीय आधारों पर बड़ी परियोजनाओं को बाधित करने वाले न्यायिक निर्णयों के अनपेक्षित आर्थिक परिणामों की जांच करने का काम सौंपा है। यह अध्ययन जयपुर स्थित कट्स (CUTS - Consumer Unity and Trust Society) इंटरनेशनल के सेंटर फॉर कॉम्पिटिशन, इन्वेस्टमेंट एंड इकोनॉमिक रेगुलेशन (C-CIER) द्वारा किया जाना है। इस अध्ययन का उद्देश्य कुछ न्यायिक निर्णयों की लागत और लाभ का विश्लेषण करना है। यह न्यायिक हस्तक्षेप पर सवाल नहीं उठाता। अध्ययन की आवश्यकता प्रमुख बुनियादी ढांचा परियोजनाओं को नकारात्मक रूप से प्रभावित करने वाले न्यायिक निर्णय, रोजगार तथा राजस्व के नुकसान के सन्दर्भ

संक्षिप्तिकी

शहरी नवाचार सूचकांक

25 फरवरी, 2021 को आवास एवं शहरी कार्य मंत्रालय द्वारा शहरी नवाचार सूचकांक (City Innovation Exchange - CiX) प्रारंभ किया गया है। महत्वः भारत के नवाचार परितंत्र को मजबूत करने में यह प्लेटफॉर्म काफी महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकता है। लाभ शहरी नवाचार सूचकांक में शहरों में नवाचार प्रक्रियाओं को बढ़ावा देने पर पर बल दिया गया है। शहरी नवाचार सूचकांक ‘मुक्त नवाचार’ प्रक्रिया के माध्यम से नवाचार पारिस्थितिकी (innovation ecosystem) को बढ़ावा देता है। यह शहरी चुनौतियों के समाधान उपलब्ध कराने में सहायक है। यह पहल शहरों में विभिन्न हितधारकों के बीच सहयोग बढ़ा कर, नागरिकों की जरूरतों को पूरा करने को प्रेरित करती

आईटी हार्डवेयर के उत्पादन से जुड़ी प्रोत्साहन योजना

प्रधानमंत्री की अध्यक्षता में केंद्रीय मंत्रिमंडल ने हाल ही में आईटी हार्डवेयर के लिए उत्पादन से जुड़ी प्रोत्साहन (PLI) योजना को मंजूरी दी। मुख्य बिंदु योजना में आईटी हार्डवेयर के घरेलू उत्पादन को बढ़ावा देने और निवेश आकर्षित करने पर जोर दिया गया है। प्रस्तावित योजना के लक्षित क्षेत्र में लैपटॉप, टैबलेट, सर्वर आदि शामिल हैं। योजना के तहत पात्र कंपनियों को 4 वर्षों की अवधि के लिए लक्षित क्षेत्र के अंतर्गत लाभ दिया जाएगा। भारत में निर्मित उत्पादों के लिए कुल वृद्धिशील बिक्री पर 1 से 4 प्रतिशत की प्रोत्साहन राशि देने का प्रस्ताव किया गया है। (आधार वर्ष 2019-20) लाभ इस योजना से लैपटॉप,

अंतरराष्ट्रीय संबंध एवं संगठन

इन फोकस

भारत-पाकिस्तान संघर्ष विरामः महत्त्व एवं चुनौतियां

हाल ही में भारत और पाकिस्तान नियंत्रण रेखा (Line of Control) के पास संघर्ष विराम के लिए सहमत हुए। साथ ही 2003 के युद्धविराम समझौते का कड़ाई से पालन करने के संबंध में भारत और पाकिस्तान के डायरेक्टर जनरल ऑफ मिलिटरी ऑपरेशंस (DGsMO) द्वारा एक संयुक्त बयान जारी किया गया। आवश्यकता भारत के सशक्त नेतृत्व और सैन्य मजबूती के कारण यह आवश्यक हो गया है कि दक्षिण एशिया में ‘सुरक्षा समुदाय’ (Security community) का निर्माण किया जाए। एक सुरक्षा समुदाय को एक ऐसे क्षेत्र के रूप में परिभाषित किया जाता है, जहां देशों द्वारा अपने संघर्षों को निपटाने के लिए हिंसा का उपयोग

द्विपक्षीय संबंध

भारत-चीनः पैंगोंग त्सो क्षेत्र से सैन्य वापसी संबंधी समझौता

हाल ही में भारत और चीन सैन्य वापसी समझौता (Disengagement agreement) हुआ जिसके तहत दोनों पक्ष लद्दाख में वास्तविक नियंत्रण रेखा (LAC) पर दो स्थानों (पैंगोंग झील का उत्तरी तट और पैंगोंग के दक्षिण में कैलाश पर्वतमाला) से चरणबद्ध तरीके से समन्वय बनाते हुए और प्रमाणिक तरीके से अपनी अपनी सेनाएं पीछे हटाएंगे। पृष्ठभूमि पैंगोंग त्सो झील को फिंगर्स (Fingers) के रूप में विभाजित किया गया है तथा यहां पर फिंगर्स 8 विवादित है। वास्तविक नियंत्रण रेखा (Line of Actual Control - LAC) के पास फिंगर्स 8 के पूर्व में चीनी अतिक्रमण के कारण दोनों पक्षों के मध्य हिंसक झड़पें हुईं। सबसे गंभीर

ईस्ट कंटेनर टर्मिनल परियोजना

हाल ही में श्रीलंका ने भारत और जापान के साथ कोलंबो पोर्ट सौदे को रद्द कर दिया। यह समझौता कोलंबो बंदरगाह पर रणनीतिक रूप से महत्त्वपूर्ण पूर्वी कंटेनर टर्मिनल (East Container Terminal - ECT) विकसित करने के लिए था। पृष्ठभूमि वर्ष 2019 में श्रीलंका, जापान और भारत के बीच कोलंबो बंदरगाह पर संयुक्त रूप से पूर्वी कंटेनर टर्मिनल विकसित करने हेतु एक समझौते पर हस्ताक्षर किए गए थे। श्रीलंका में बंदरगाहों के निजीकरण के विरोध में ट्रेड यूनियन, सिविल सोसाइटी और विपक्षी पार्टियों द्वारा विरोध किए जाने के परिणामस्वरूप फरवरी 2021 में श्रीलंकाई सरकार ने इस समझौते को रद्द कर दिया। प्रधानमंत्री महिंदा

संगठन एवं फोरम

यूएनएचआरसी में पुनः शामिल होगा अमेरिका

हाल ही में संयुक्त राज्य अमेरिका ने संयुक्त राष्ट्र मानवाधिकार परिषद (UN Human Rights Council - UNHRC) में पुनः सम्मिलित होने की घोषणा की। 3 वर्ष पहले पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प ने अमेरिका को इस वैश्विक निकाय से अलग कर लिया था। संबन्धित बिन्दुअमेरिका के यूएनएचआरसी में सम्मिलित होने के बाद अमेरिका को वर्ष 2021 के अंत तक परिषद में केवल ‘गैर-मताधिकार पर्यवेक्षक’ (Nonvoting observer) का दर्जा मिलेगा। बाइडेन प्रशासन का इरादा तीन पूर्ण सदस्य सीटों में से एक की तलाश करना है। जो वर्तमान में ऑस्ट्रिया, डेनमार्क और इटली के पास है। अमेरिका पेरिस समझौते और विश्व स्वास्थ्य संगठन दोनों में

तीसरी क्वाड बैठक नियम-आधारित विश्व व्यवस्था पर केंद्रित

हाल ही में भारत, ऑस्ट्रेलिया, जापान और संयुक्त राज्य अमेरिका के विदेश मंत्रियों की तीसरी चतुर्भुज सुरक्षा संवाद- क्वाड (Quadrilateral Security Dialogue - QUAD) की बैठक आयोजित हुई। 2019 के बाद यह तीसरी ऐसी बैठक है। बैठक के प्रमुख बिन्दु बैठक का फोकसः क्वाड बैठक में आतंकवाद का मुकाबला, समुद्री सुरक्षा जैसे मुद्दों पर ध्यान केंद्रित किया गया। इसने लोकतांत्रिक लचीलेपन को मजबूत करने की प्राथमिकता भी तय की। कोविड-19 परः मंत्रियों ने टीकाकरण कार्यक्रमों सहित कोविड-19 महामारी से निपटने के प्रयासों पर चर्चा की। वे सस्ते टीकों, दवाओं और चिकित्सा उपकरणों तक पहुंच बढ़ाने हेतु आपसी सहयोग करने पर भी सहमत

डब्ल्यूटीओ नई प्रमुखः न्गोजी ओकोंजो-इवेला

हाल ही में नाइजीरियाई अर्थशास्त्री न्गोजी ओकोंजो-इवेला (Ngozi Okonjo - Iweala) को विश्व व्यापार संगठन (World Trade Organisation - WTO) का प्रमुख नियुक्त किया गया। संबंधित बिन्दु न्गोजी ओकोंजो-इवेला न केवल अफ्रीका की पहली महिला बल्कि विश्व व्यापार संगठन के महानिदेशक पद पर नियुक्त होने वाली पहली महिला भी हैं। डब्ल्यूटीओ के 164 देशों के प्रतिनिधियों द्वारा ओकोन्जो-इवेला को महानिदेशक नामित किया गया था। दक्षिण कोरिया के व्यापार मंत्री यू मायुंग-ही (Yoo Myung-hee) ने इस पद से अपनी उम्मीदवारी वापस ले ली थी। इसके बाद ओकोंजो-इवेला ही एकमात्र विकल्प के रूप में बची थीं। विश्व व्यापार संगठन यह देशों के मध्य व्यापार के नियमों

भारत द्वारा संयुक्त राष्ट्र शांति सेना को वैक्सीन भेंट

हाल ही में संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद की एक बैठक को संबोधित करते हुए भारत के विदेश मंत्री ने संयुक्त राष्ट्र के शांतिरक्षकों (UN peacekeepers) के लिए कोविड-19 के टीके की 2 लाख खुराक भेंट करने की घोषणा की। इस संदर्भ में संयुक्त राष्ट्र के महासचिव एंटोनियो गुटरेस ने भारत का आभार जताया। संयुक्त राष्ट्र शांति सेनायह वर्ष 1948 में बनाई गई थी। उन्हें अक्सर हल्के नीले रंग के हेलमेट की वजह से ब्लू हेलमेट कहा जाता है। उद्देश्यः यह संघर्षरत देशों में सुरक्षा, राजनीतिक स्थिरता और शांति स्थापना का प्रयास करता है। भूमिकाः संयुक्त राष्ट्र के शांति सैनिक सुनिश्चित करते हैं कि

रिपोर्ट एवं सूचकांक

एजुकेशन फ़ाइनेंस वॉच रिपोर्ट

हाल ही में विश्व बैंक और यूनेस्को ने एजुकेशन फाइनेंस वॉच रिपोर्ट (Education Finance Watch - EFW) जारी की। रिपोर्ट के बारे मेंः यह रिपोर्ट विश्व बैंक और यूनेस्को की वैश्विक शिक्षा निगरानी (Global Education Monitoring - GEM) रिपोर्ट तंत्र का एक सहयोगी प्रयास है। यह वैश्विक स्तर पर शिक्षा के वित्तपोषण प्रतिरूप और रुझानों के संबंध में उपलब्ध सूचनाओं का सारांश देती है। रिपोर्ट के मुख्य बिन्दु शिक्षा पर व्ययः पिछले 10 वर्षों में शिक्षा पर वैश्विक खर्च निरपेक्ष रूप से लगातार बढ़ा है। हालांकि, कोरोना महामारी ने इस प्रवृत्ति को बाधित किया है। शिक्षा बजटः निम्न और मध्यम आय वाले दो तिहाई देशों

अंतरराष्ट्रीय घटनाक्रम

ऑस्ट्रेलियाई समाचार मीडिया हेतु सौदेबाजी संहिता

हाल ही में ऑस्ट्रेलिया की सरकार ने समाचार मीडिया और डिजिटल प्लेटफॉर्म के लिए एक सौदेबाजी संहिता (Bargaining code) का प्रस्ताव रखा। इस संहिता के माध्यम से मीडिया कंपनियों को उनकी सामग्री किसी अन्य के द्वारा उपयोग करने पर क्षतिपूर्ति लेने का प्रावधान किया गया है। पृष्ठभूमि यह कानून मीडिया प्रकाशकों को गूगल और फेसबुक जैसे प्रौद्योगिकी प्लेटफॉर्म से भुगतान प्राप्त करने हेतु बनाया गया है। यह भुगतान सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म और सर्च इंजन द्वारा मीडिया प्रकाशकों की समाचार सामग्री का उपयोग करने के लिए किया जाएगा। मीडिया प्रकाशकों के अनुसार यह इंटरनेट कंपनियां राजस्व साझा किए बिना उनके समाचार और रिपोर्ट से जुड़े

विविध

विश्व आर्थिक मंच द्वारा एडिसन एलायंस का शुभारंभ

हाल ही में वर्ल्ड इकोनॉमिक फोरम ने एक ‘आवश्यक डिजिटल संरचना और सेवा नेटवर्क’(Essential Digital Infrastructure and Services Network-EDISON) एलायंस के शुभारंभ की घोषणा की। एडिसन एलायंस यह एलायंस डिजिटल अर्थव्यवस्था तक समान पहुंच सुनिश्चित करने हेतु सरकारों और उद्योगों के साथ काम करेगा। यह डिजिटल समावेश को गति देगा तथा प्रौद्योगिकी, उद्योग और अर्थव्यवस्था के अन्य महत्वपूर्ण क्षेत्रों के बीच आपसी सहयोग को बढ़ावा देगा। उद्देश्यः डिजिटल अर्थव्यवस्था के लिए वैश्विक और न्यायसंगत पहुंच सुनिश्चित करने की दिशा में काम करना। सचिवालयः विश्व आर्थिक मंच (WEF) इस एलायंस के लिए सचिवालय और मंच के रूप में काम करेगा। एलायंस की आवश्यकता कोविड-19 महामारी के

कोवेक्स कार्यक्रम के अंतर्गत घाना को कोरोनावायरस वैक्सीन

हाल ही में अफ्रीकी देश घाना, कोवेक्स कार्यक्रम (COVAX Program) के तहत कोविड-19 वैक्सीन प्राप्त करने वाला दुनिया का पहला देश बन गया। कोवेक्स कार्यक्रम कोवेक्स कार्यक्रम का नेतृत्व वैक्सीन गठबंधन- गावी (GAVI), विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) और गठबंधन के लिए महामारी संबंधी नवाचार तैयारी (Coalition for Epidemic Preparedness Innovations - CEPI) द्वारा किया जाता है। कोवेक्स कार्यक्रम में यूनिसेफ (UNICEF, वैक्सीन निर्माणकर्ता और विश्व बैंक साझेदार हैं। उद्देश्यः कोवेक्स कार्यक्रम का उद्देश्य विश्व के सभी देशों के लिए कोविड-19 टीकों की त्वरित, निष्पक्ष और न्यायसंगत पहुंच सुनिश्चित करना है। लक्ष्यः 92 अग्रिम बाजार प्रतिबद्धता (Advance Market Commitment - AMC) वाले देशों की

संक्षिप्तिकी

अंतरराष्ट्रीय सौर गठबंधन विश्व सौर बैंक लॉन्च करेगा

हाल ही में अंतरराष्ट्रीय सौर गठबंधन (ISA) ने नवंबर 2021 में ग्लासगो में आयोजित होने वाले संयुक्त राष्ट्र जलवायु परिवर्तन सम्मेलन में विश्व सौर बैंक (World Solar Bank-WSB) को लॉन्च करने की योजना बनाई है। प्रमुख बिन्दु विश्व सौर बैंक का विकास जलवायु क्षेत्र में भारत के नेतृत्व को सुरक्षित करते हुए भारत के प्रयासों का समर्थन करेगा। इस बैंक का विकास इसलिए भी महत्वपूर्ण है क्योंकि ग्लासगो में आयोजित होने वाली कोप-26 (COP-26) जलवायु बैठक में ग्रीन फाइनेंस, प्राथमिकता वाले विषयों में से एक होगा। COP-26 का आयोजन अमेरिका के पेरिस जलवायु समझौते में फिर से सम्मिलित होने की पृष्ठभूमि में किया जाएगा। संभवतः

पीआईबी कॉर्नर

पीआईबी कॉर्नर

वैश्विक कृत्रिम बुद्धिमत्ता गठबंधानः हाल ही में विश्व आर्थिक मंच (WEF) ने वैश्विक कृत्रिम बुद्धिमत्ता गठबंधन (Global artificial intelligence alliance) लॉन्च किया है। यह एक बहु-हितधारक सहयोग मंच है। यह वैश्विक स्तर पर उद्योग क्षेत्रों को तेजी से समावेशी, पारदर्शी और विश्वसनीय कृत्रिम बुद्धिमत्ता उपकरणों को अपनाने हेतु डिजाइन किया गया है। गठबंधन 100 से अधिक अग्रणी कंपनियों, सरकारों, अंतरराष्ट्रीय और गैर-लाभकारी संगठनों तथा शिक्षाविदों से मिलकर बना है। वे सभी इसके जोिखमों को कम करते हुए AI के सामाजिक लाभों को अधिकतम करने के लिए प्रतिबद्ध हैं। भारत-यूक्रेन सैन्य समझौताः हाल ही में यूक्रेन ने भारतीय रक्षा बाजार में

विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी

इन फोकस

क्वांटम कंप्यूटर का महत्व एवं चुनौतियां

सिडनी विश्वविद्यालय के वैज्ञानिकों और माइक्रोसॉफ्रट कॉरपोरेशन के इंजीनियरों ने एक उपकरण (चिप) का आविष्कार किया है जो हजारों क्युबिट (qubits) संकेत उत्पन्न एवं नियंत्रण कर सकता है। इस उपकरण का निर्माण क्वांटम तकनीक के क्षेत्र में एक नये अध्याय का प्रारंभ माना जा रहा है। मुख्य बिंदु माइक्रोसॉफ्रट कॉरपोरेशन ने केवल सैद्धांतिक बनावट (theoretical architecture) से सम्बन्धित सुझाव दिया है। इस उपकरण या चिप का निर्माण सिलिकॉन से किया गया है। क्वांटम कंप्यूटर की वास्तविक क्षमता का पूर्ण उपयोग करने के लिए, क्वांटम मशीनों को लाखों गणनाओं को संचालित करने की आवश्यकता होगी। वर्तमान में दुनिया का सबसे बड़ा क्वांटम कंप्यूटर सिर्फ 50

भू-स्थानिक डेटा के उदारीकरण की नीति

भारत सरकार के विज्ञान और प्रौद्योगिकी विभाग द्वारा देश की भू-स्थानिक डेटा (geospatial data) उपयोग एवं मानचित्रण नीति में व्यापक बदलाव की घोषणा की गई है। नई घोषणा में, भू-स्थानिक डेटा एवं उन पर आधारित भू-स्थानिक डेटा सेवाओं से संबंधित दिशा-निर्देश शामिल हैं। भू-स्थानिक डेटा से संबंधित नई नीतिसम्पूर्ण भारतीय क्षेत्र के डिजिटल भू-स्थानिक आंकड़े इकट्टा करने और मैप तैयार करने जैसी गतिविधियों के लिए पूर्व अनुमोदन की आवश्यकता नहीं रही है। सुरक्षा से संबंधित आंकड़ों को छोड़कर, देश की सभी संस्थाओं को भू-स्थानिक आंकड़ों और सेवाओं तक मुक्त पहुंच प्रदान की गई है। भू-स्थानिक आंकड़ों को इकठ्ठा करने से संबंधित भारतीय

अंतरिक्ष/ब्रह्माण्ड विज्ञान

‘मिल्की वे’ के केंद्र में दुर्लभ विस्फ़ोट के अवशेष

खगोलविदों ने हमारी आकाशगंगा (मिल्की वे) में हाल ही में असामान्य तरह के तारकीय विस्फोट का पहला उदाहरण पाया है। नासा के चंद्रा एक्स-रे ऑब्जर्वेटरी के द्वारा यह खोज की गई है। मुख्य बिंदुमिल्की वे के केंद्र के पास यह सुपरनोवा अवशेष मिला है, जिसे ‘सैजीटेरस ए ईस्ट’ कहा जाता है। सैजीटेरस ए ईस्ट, हमारी आकाशगंगा के केंद्र में स्थति अति वृहद् ब्लैक होल, सैजीटेरस A के बहुत करीब स्थित है। चंद्रा एक्स-रे ऑब्जर्वेटरी के डेटा के आधार पर, खगोलविदों ने इसे एक बड़े तारे के अवशेष के रूप में वर्गीकृत किया है। अब खगोलविदों की एक टीम ने निष्कर्ष निकाला है कि

सौर-धब्बों का पृथ्वी के तापमान परिवर्तन पर प्रभाव

आर्यभट्ट प्रेक्षण विज्ञान शोध संस्थान के शोधकर्ताओं ने सूर्य के आंतरिक भाग में उत्पन्न होने वाले चुंबकीय क्षेत्र का अध्ययन कर निष्कर्ष निकाला है कि सूर्य के चुंबकीय क्षेत्र और सौर-धब्बों में परिवर्तन पृथ्वी पर लघु हिमयुग जैसी चरम परिस्थितियां पैदा करते हैं। इस अध्ययन में मैक्स प्लैंक इंस्टीट्यूट फॉर सोलर सिस्टम रिसर्च (जर्मनी) और साउथवेस्ट रिसर्च इंस्टीट्यूट (अमेरिका) के वैज्ञानिक भी शामिल हैं। मुख्य बिंदु सूर्य के भीतरी हिस्से में उत्पन्न होने वाले चुंबकीय क्षेत्र सौर-धब्बों (Sunspots) के लिए जिम्मेदार होते हैं। सौर-धब्बों का अभाव, पृथ्वी पर तापमान कम होने का कारण बनता है, जिससे लघु हिमयुग जैसी स्थिति उत्पन्न होती है। सौर-धब्बों (सौर

स्वास्थ्य विज्ञान

नैनो प्रौद्योगिकी

नैनो-तकनीक का उपयोग कर कृत्रिम हड्डी का निर्माण

NYU टेन्डन स्कूल ऑफ इंजीनियरिंग और न्यूयॉर्क स्टेम सेल फाउंडेशन रिसर्च इंस्टीट्यूट (NYSF) के शोधकर्ताओं ने नैनो-तकनीक का उपयोग कर हड्डी की सटीक प्रतिकृति बनाने में सफलता प्राप्त की है। हड्डी निर्माण की लिए शोधकर्ताओं ने नैनो-तकनीक का उपयोग कर नैनो-छेनी (nano-chisel) का निर्माण किया। इस नैनो-छेनी को एक बायोथर्मल इमेजिंग के साथ युग्मित किया गया। मुख्य बिंदु निर्मित कृत्रिम हड्डी एक बायोकंपैटिबल मैटीरियल है जो हड्डीयों के ऊतकों की सटीक संरचना के समान है। यह बायोकंपैटिबल मैटीरियल एकल प्रोटीन के आकार की तुलना में काफी छोटा होता है। साधारण शब्द में, यह एक मीटर से करीब एक अरब गुना छोटा होता है। इसके

जैव प्रौद्योगिकी

डीएनए संशोधनों को मापने के लिए एक नई तकनीक

रमन रिसर्च इंस्टीट्यूट (आरआरआई) के वैज्ञानिकों ने डीएनए संशोधनों को मापने के लिए हाल ही में एक नई तकनीक विकसित की है। वैज्ञानिक डीएनए संरचनाओं के ऐसे संशोधनों को मापने और इसके साथ जुड़े आणविक तंत्रों को देखने और समझने के लिए काफी समय से तकनीक की तलाश कर रहे थे। मुख्य बिंदु यह नैनोपोर अनुक्रमण (Nanopore sequencing) आधारित तकनीक प्लेटफॉर्म है, जो डीएनए में किसी प्रकार का संशोधन या शािखत (branched) डीएनए गुणों को माप सकता है। इससे संबंधित विश्लेषण तकनीक का उपयोग कर, बेहद कम मात्र के नमूने में भी डीएनए संशोधन को मापा जा सकता है। इस तकनीक के माध्यम से एकल-अणु

रक्षा प्रौद्योगिकी

वर्टिकल लॉन्च शॉर्ट रेंज सरफ़ेस टू एयर मिसाइल

हाल ही में रक्षा अनुसंधान और विकास संगठन ने वर्टिकल लॉन्च शॉर्ट रेंज सरफेस टू एयर मिसाइल (वीएल-एसआरएसएएम)के दो सफल परीक्षण किए। यह चांदीपुर के एकीकृत परीक्षण क्षेत्र (Integrated test range -आईटीआर) में स्थिर ऊर्ध्वाधर लॉन्चर के माध्यम से किया गया था। विकासः वीएल-एसआरएसएएम का विकास नौसेना के लिए डीआरडीओ द्वारा किया गया है। इसे डीआरडीओ ने स्वदेशी रूप से डिजाइन और विकसित किया है। परीक्षण वीएल-एसआरएसएएम मिसाइल ने पिनपॉइंट सटीकता के साथ सिम्युलेटेड लक्ष्य को नष्ट कर दिया। हथियार नियंत्रण प्रणाली (डब्ल्यूसीएस) के साथ वीएल- एसआरएसएएम का परीक्षण किया गया। वीएल- एसआरएसएएम का दो परीक्षण किया गया, प्रथम न्यूनतम और दूसरा अधिकतम

ध्रुव हेलीकॉप्टर

यह हिंदुस्तान ऐरोनॉटिक्स लिमिटेड द्वारा विकसित और निर्मित भारत का एक बहूद्देशीय हैलीकॉप्टर है। वर्तमान में इसका उपयोग भारतीय सशस्त्र बलों के द्वारा किया जा रही है। इसका एक नागरिक संस्करण भी उपलब्ध है। इसे पहले नेपाल और इजरायल को निर्यात किया गया था फिर सैन्य और वाणिज्यिक उपयोग के लिए कई अन्य देशों द्वारा मंगाया गया है। सैन्य संस्करण परिवहन, उपयोगिता, टोही और चिकित्सा क्षेत्र में उपयोग किये जा रहे हैं। रक्षा अनुसंधान एवं विकास संगठन रक्षा अनुसंधान एवं विकास संगठन भारत की रक्षा से जुड़े अनुसंधान कार्यों में संलग्न देश की अग्रणी संस्था है। यह संगठन भारतीय रक्षा मंत्रालय की एक आनुषांगिक

भू-विज्ञान

पूर्वी हिमालय क्षेत्र में भूकंप के भूगर्भीय साक्ष्य

वाडिया हिमालय भूविज्ञान संस्थान (डब्लूआईएचजी) के वैज्ञानिकों को हाल ही में असम और अरुणाचल प्रदेश की सीमा पर स्थित हिमबस्ती गांव में पूर्वी हिमालय क्षेत्र में भूकंप के भूगर्भीय साक्ष्य मिला है। मुख्य बिंदु यहां भूकंप 6 महीने तक आते रहे, इसके हल्के झटकों की वजह से नदी में इतनी मिट्टी और मलबा जमा हो गया था कि उसकी सतह ऊपर उठ गई। 1667 में आए इस भूकंप को ‘सदिया भूकंप’के नाम से जाना जाता है। इस भूकंप ने सदिया शहर को पूरी तरह से तहस-नहस कर दिया था। महत्व यह खोज पूर्वी हिमालय क्षेत्र में भूंकप की संभावना वाले क्षेत्रों की पहचान करने और

विविध

सॉफ्टवेयर प्लेटफ़ॉर्म- अन्वेषक

भारतीय विज्ञान संस्थान (बेंगलुरू) तथा वेल्लोर इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी के शोधकर्ताओं ने ‘अन्वेषक’ नाम का एक नया सॉफ्रटवेयर प्लेटफॉर्म विकसित किया है। इसकी सहायता से बेहतर ट्रैफिक प्रबंधन किया जा सकता है और सड़क सुरक्षा संवर्धन किया जा सकता है। उपयोगिता इस सॉफ्रटवेयर प्लेटफॉर्म के साथ समायोजित कुछ विशिष्ट ऐप और एल्गोरिदम के माध्यम से शहरों में लगे कैमरों से डेटा प्राप्त किया जा सकता है। प्राप्त डेटा या वीडियो-फीड को ट्रैक और विश्लेषण किया जा सकता है। यह लापता व्यक्तियों की खोज में सहायक हो सकता है। यह किसी अपराधी पर नजर रखने के लिए उपयोगी हो सकते हैं। किसी चोरी हुई वस्तु

संक्षिप्तिकी

सक्षम पोर्टल

सक्षम (श्रमिक शक्ति मंच) यह एक ऐसा डाइनेमिक पोर्टल है, जो देश भर में एमएसएमई क्षेत्र तथा अन्य उद्योगों की जरूरतों और श्रमिकों के कौशल को आपस में जोड़ने का एक साझा मंच प्रदान करता है। पोर्टल में तमिलनाडु, बिहार और महाराष्ट्र आदि की एमएसएमई इकाइयों को सूचीबद्ध किया गया है। मुख्य बिंदुयह अलग-अलग भौगोलिक क्षेत्रों में श्रमिकों को उनके कौशल के हिसाब से उद्योगों में संभावित रोजगार के अवसरों की जानकारी देता है। यह एलगोरिद्म और आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस का इस्तेमाल कर बेहतर तरीके से कार्य करता है। इसमें श्रमिकों के कौशल प्रशिक्षण का विश्लेषण करने की सुविधा भी दी गई है। www.sakshamtifac.org

‘सी वीड’ मिशन

10 फरवरी, 2021 को ‘प्रौद्योगिकी सूचना, पूर्वानुमान एवं मूल्यांकन परिषद् (टाइफैक) ने समुद्री शैवालों (Seaweed) की व्यावसायिक खेती और इसके प्रसंस्करण के लिए ‘सी वीड मिशन’ (Seaweed Mission) का शुभारंभ किया। उद्देश्यः सी वीड की वाणिज्यिक खेती को बढ़ावा देना और इसका मूल्यसंवर्धन करना। मुख्य बिंदु शैवालों की खेती के लिए गुजरात / तमिलनाडु / आंध्र प्रदेश / ओडिशा / कर्नाटक में स्थान प्रस्तावित है। समुद्री शैवाल की बड़े पैमाने पर खेती एवं बीज सामग्री की आपूर्ति के लिए समुद्री शैवाल नर्सरी की स्थापना की जा रही है। औद्योगिक रूप से महत्वपूर्ण शैवालों के एकीकृत उत्पादन के लिए प्रसंस्करण संयंत्र की स्थापना किए जाने का

पीआईबी कॉर्नर

पीआईबी कॉर्नर

विज्ञान विषयक पीएचडी थीसिस बैंक अब एक पोर्टल परः वैज्ञानिक तथा औद्योगिक अनुसंधान परिषद (सीएसआईआर) और वैज्ञानिक एवं नवीकृत अनुसंधान अकादमी (एसीएसआईआर) ने मिलकर ‘विज्ञानग्रन्थ’ नामक पीएचडी शोध पोर्टल की शुरुआत की है। यह पोर्टल विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी से जुड़ी अत्याधुनिक खोजों और नवाचार को प्रोत्साहन एवं समर्थन देने की दिशा में काम करेगा। शोध और अनुसंधान से संबंधित राष्ट्रीय महत्व के मुद्दों को आगे बढ़ाना भी इसकी कार्ययोजना में शामिल है। कुल मिलाकर विज्ञान, प्रौद्योगिकी और गणित (एसटीईएम) से जुड़े शोध एवं विकास को समग्र दृष्टिकोण प्रदान करना ही इसका मूल लक्ष्य है। वैज्ञानिक शोधा एवं विकास के लिए

पर्यावरण एवं जैवविविधता

इन फोकस

कृषि पर जलवायु परिवर्तन का प्रभाव एवं समाधान

हाल ही में ‘जलवायु अनुरूप कृषि पर राष्ट्रीय नवाचार’ (National Innovations in Climate Resilient Agriculture - NICRA) के एक अध्ययन के अनुसार जलवायु परिवर्तन का प्रभाव फसल उत्पादन पर भी पड़ रहा है। भारतीय कृषि पर जलवायु परिवर्तन के प्रभाव पर केंद्रित इस अध्ययन के अनुसार वर्षा और तापमान में परिवर्तन प्रमुख फसलों के उत्पादन में उतार-चढ़ाव का कारण बन रहा है। अध्ययन के प्रमुख बिन्दु अध्ययन के अनुसार जलवायु परिवर्तन के दुष्प्रभावों को देखते हुए कहा जा रहा है कि भारत में वर्षा-सिंचित चावल की पैदावार में वर्ष 2050 तक 2.5 प्रतिशत की गिरावट हो सकती है। जलवायु परिवर्तन के कारण पिछले

संरक्षण

भारत का पहला आर्द्रभूमि संरक्षण और प्रबंधान केन्द्र

2 फरवरी, 2021 को विश्व आर्द्रभूमि दिवस के अवसर पर भारत की आर्द्रभूमियों के संरक्षण, बहाली और प्रबंधन के लिए चेन्नई स्थित नेशनल सेंटर फॉर सस्टेनेबल कोस्टल मैनेजमेंट (NCSCM) में पर्यावरण, वन और जलवायु परिवर्तन मंत्रालय के तहत ‘आर्द्रभूमि संरक्षण एवं प्रबंधन केंद्र’ (Centre for Wetland Conservation and Management - CWCM) की स्थापना की गई। आर्द्रभूमि संरक्षण एवं प्रबंधन केंद्र का महत्त्व आर्द्रभूमि संरक्षण एवं प्रबंधन केंद्र (CWCM) के माध्यम से विशेष शोध आवश्यकताओं और सूचनाओं की कमी का समाधान निकाला जाएगा। साथ ही आर्द्रभूमियों के संरक्षण, प्रबंधन और उचित उपयोग हेतु एकीकृत रणनीतिक दृष्टिकोण को अपनाया जाएगा। यह राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय

वायनाड में इको-सेंसिटिव जोन का विरोध

हाल ही में जारी पर्यावरण मंत्रालय की मसौदा अधिसूचना में वायनाड वन्यजीव अभयारण्य (Wayanad Wildlife Sanctuary– WWS) के आस-पास के क्षेत्र को एक बफर जोन बनाने का प्रस्ताव किया गया है, जिसका वायनाड के लोगों द्वारा विरोध किया जा रहा है। संबंधित बिन्दु वायनाड के आस-पास एक बफर क्षेत्र के संबंध में केरल के मुख्यमंत्री पिनाराई विजयन ने प्रधानमंत्री से पर्यावरण, वन और जलवायु परिवर्तन मंत्रालय (MoEFCC) के हालिया मसौदा अधिसूचना पर वायनाड में लोगों की आशंका को दूर करने की मांग की है। पर्यावरण मंत्रालय द्वारा जारी मसौदा अधिसूचना के अनुसार वायनाड वन्यजीव अभयारण्य के आस-पास 118-59 वर्ग किमी- क्षेत्र को

राष्ट्रीय हाइड्रोजन ऊर्जा मिशन

हाल ही में केंद्रीय बजट में वित्त मंत्री द्वारा वर्ष 2020-21 के लिए औपचारिक रूप से राष्ट्रीय हाइड्रोजन ऊर्जा मिशन (National Hydrogen Energy Mission – NHM) की घोषणा की गई। जिसका उद्देश्य हरित ऊर्जा संसाधनों से हाइड्रोजन उत्पादन करना है। नीति संबंधी प्रमुख प्रावधान बजट 2020-21 में नवीकरणीय ऊर्जा क्षेत्र को बढ़ावा देने के लिए सोलर एनर्जी कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया को 1,000 करोड़ रुपये तथा भारतीय अक्षय ऊर्जा विकास संस्था को 1,500 करोड़ रुपये की अतिरिक्त पूंजी प्रदान करने का प्रस्ताव किया गया है। मिशन में हरित हाइड्रोजन पर विशेष ध्यान दिया जाएगा ताकि हाइड्रोजन ऊर्जा का उपयोग कर हरित अर्थव्यवस्था को

जैव-विविधाता

भारत में गंभीर रूप से संकटग्रस्त- कैराकल

हाल ही में भारत के राष्ट्रीय वन्यजीव बोर्ड (National Board for Wildlife) ने स्याहगोश (caracal) नामक जंगली बिल्ली को गंभीर रूप से संकटग्रस्त (Critically endangered) प्रजातियों की अपनी सूची में सम्मिलित किया है। भारत में गंभीर रूप से लुप्तप्राय प्रजातियों के लिए रिकवरी कार्यक्रम में अब 22 वन्यजीव प्रजातियां सम्मिलित हैं। कैराकल के बारे मेंयह एक मध्यम आकार की जंगली बिल्ली है जो भारत सहित अफ्रीका, मध्य पूर्व, मध्य एशिया और दक्षिण एशिया की मूल प्रजाति है। अफ्रीका में इस बिल्ली की आबादी बढ़ रही है जबकि एशिया में इसकी संख्या घट रही है। विशेषताएंः कैराकल के लंबे पैर, छोटा चेहरा, तिकोने

फिशिंग कैट संरक्षण अभियान

हाल ही में फिशिंग कैट कंजर्वेशन एलायंस (Fishing Cat Conservation Alliance) द्वारा फिशिंग कैट के संरक्षण, जागरूकता और सहयोग को बढ़ाने हेतु एक वैश्विक अभियान की शुरुआत की गई। फिशिंग कैट यह एक प्रकार की जंगली बिल्ली है, जो मुख्य रूप से आर्द्रभूमि और मैन्ग्रोव में पाई जाती है। विशेषताएंः फिशिंग कैट एक उत्कृष्ट तैराक होती है। यह मछली पकड़ने एवं गोता लगाने के लिए भी जानी जाती है। फिशिंग कैट निशाचर (रात में सक्रिय) जीव हैं। मछली के अलावा मेंढक, सांप, पक्षी आदि का भी शिकार करती है। आवासः पश्चिम बंगाल और बांग्लादेश में सुंदरबन, ओडिशा में चिल्का झील और आसपास की आर्द्रभूमि, आंध्र

प्रदूषण

कोयला दहन भारत में उच्च वायु प्रदूषण के लिए उत्तरदायी

हाल ही में अंतरराष्ट्रीय ऊर्जा एजेंसी के स्वच्छ कोयला केंद्र (International Energy Agency's Clean Coal Centre - IEACCC) के एक अध्ययन के अनुसार कोयला दहन भारत में होने वाले अत्यधिक वायु प्रदूषण के लिए उत्तरदायी है। अध्ययन के मुख्य निष्कर्ष अध्ययन के अनुसार भारत में कोयला आधारित थर्मल पावर स्टेशन की मानव निर्मित उत्सर्जन में सबसे अधिक भूमिका है। इसके बाद परिवहन और अन्य औद्योगिक क्षेत्र का स्थान है। कोयला आधारित थर्मल पावर स्टेशन 50 प्रतिशत सल्फर डाइऑक्साइड (SO2), 30 प्रतिशत नाइट्रोजन के ऑक्साइड (NOx), लगभग 20 प्रतिशत पार्टिकुलेट मैटर (PM) का योगदान करते हैं। थर्मल पावर स्टेशनों में नवीनतम कार्बन कैप्चर स्टोरेज तकनीक

जलवायु परिवर्तन

यूएनईपी की मेकिंग पीस विद नेचर रिपोर्ट

संयुक्त राष्ट्र पर्यावरण कार्यक्रम (United Nations Environment Programme - UNEP) द्वारा मेकिंग पीस विद नेचर (Making Peace with Nature) रिपोर्ट जारी की गई, जिसमें कहा गया है कि प्रकृति के साथ सामंजस्य स्थापित करके ही मानव के लिए एक बेहतर कल बनाया जा सकता है। रिपोर्ट से संबंधित महत्त्वपूर्ण बिन्दु एकीकृत दृष्टिकोणः रिपोर्ट इस बात पर प्रकाश डालती है कि जलवायु परिवर्तन, जैव विविधता की हानि और भूमि क्षरण को प्रकृति के साथ जोड़कर एक साथ निपटा जाना चाहिए क्योंकि यह वर्तमान और भविष्य की पीढि़यों के लिये अवांछनीय जोखिम उत्पन्न कर रहे हैं। जलवायु परिवर्तनः इसके कारण आर्कटिक के पिघलने की संभावना

आपदा प्रबंधन

उत्तराखंड में हिमनद झील के टूटने से उत्पन्न बाढ़ त्रसदी

हाल ही में उत्तराखंड के चमोली जिले के जोशीमठ में नंदादेवी हिमनद/ ग्लेशियर का एक हिस्सा टूटने के बाद उत्तराखंड धौली गंगा और अलकनंदा नदियों में अचानक जल का स्तर बढ़ने से फ्लैश फ्रलड (Flash Flood) की स्थिति उत्पन्न हो गई। बाढ़ का कारणवाडिया इंस्टीटड्ढूट ऑफ हिमालयन जियोलॉजी (डब्ल्यूआईएचजी) के वैज्ञानिक दल द्वारा किए अध्ययन में यह प्राथमिक निष्कर्ष निकाला गया कि चमोली में आई बाढ़ का कारण ‘ग्लेशियल लेक आउटबर्स्ट फ्लड’(GLOF) हो सकता है। चमोली में यह स्थिति संभवतः भूस्खलन (ग्लेशियर के साथ) और रौंथी नाले में एक कृत्रिम अस्थायी डैम के टूटने से उत्पन्न हुई है। अध्ययन के अनुसार भू-स्खलन

विविध

एक्सटिंक्शन रिबेलियन

हाल ही में दिल्ली पुलिस ने ग्रेटा थनबर्ग टूलकिट के मामले में पर्यावरण कार्यकर्ता दिशा रवि, निकिता जैकब और शांतनु मुलुक को नामजद किया है, ये सभी एक्सटिंक्सन रेबेलियन (Extinction Rebellion)आंदोलन के स्वयंसेवी/वालंटियर्स हैं। एक्सटिंक्शन रिबेलियन यह वैश्विक आंदोलन विलोपन विद्रोह/एक्सटिंक्शन रिबेलियन ‘एक्सआर (XR)’ के रूप में भी जाना जाता है, जो स्वयं को अहिंसक प्रत्यक्ष कार्रवाई और नागिरक अवज्ञा का उपयोग करके एक विकेन्द्रीकृत, अंतरराष्ट्रीय और राजनीतिक रूप से गैर-पक्षपातपूर्ण आंदोलन के रूप में वर्णित करता है। इसका उद्देश्य सरकारों को जलवायु और पारिस्थितिक आपातकाल पर पूरी तरह से कार्य करने के लिए सहमत करना है। एक्सआर (XR) की शुरुआत जलवायु परिवर्तन पर

संक्षिप्तिकी

करलापट वन्यजीव अभयारण्य में हाथियों की मौत

हाल ही में ओडिशा के करलापट वन्यजीव अभयारण्य (Karlapat Wildlife Sanctuary) में 6 हाथियों की रक्तस्रावी सेप्टीसीमिया (Haemorrhagic septicaemia) से मृत्यु हो गई। रक्तस्रावी सेप्टीसीमिया यह एक संक्रामक जीवाणु रोग (bacterial disease) है जो बैक्टीरिया पेस्टुरेल्ला मल्टीकोडा (Pasteurella multocida) के कारण होता है। इस बीमारी में जानवरों के श्वसन तंत्र और फेफड़े प्रभावित होते हैं, जिससे गंभीर निमोनिया होता है। यह संदूषित जल या मिट्टी के संपर्क में आने वाले जानवरों को संक्रमित करता है। मानव संक्रमण के कोई भी मामले दर्ज नहीं हैं। संचरणः यह बीमारी संक्रमित जानवरों के सीधे संपर्क में आने से या एक दूसरे के बीच बैक्टीरिया के अंतर्ग्रहण या सांस

तेंदुए की जनसंख्या अनुमान हेतु स्पैटियल मार्क-रिसाइट मॉडल

हाल ही में आरण्यक, पैंथेरा और डब्ल्यूडब्ल्यूएफ-इंडिया जैसे तीन संगठनों के वैज्ञानिकों ने एक मॉडल विकसित किया है, जिसे स्पैटियल मार्क-रिसाइट (Spatial Mark Resight-SMR) कहा जाता है। यह तेंदुओं की आबादी का सटीक अनुमान लगाएगा। स्पेसियल मार्क-रेस मॉडल इसके माध्यम से बाघों की तरह ही तेंदुए की पहचान भी उनके रोसेट्स (काले गोलाकार निशान) की मदद से की जा सकती है। प्रत्येक तेंदुए के रोसेट (Rosettes) आकार और आकृति में अद्वितीय हैं, जिससे प्रजातियों को व्यक्तिगत रूप से पहचाना जा सकता है। कई अन्य वन्यजीव प्रजातियों की तरह, तेंदुए भी ‘जीन द्वारा निर्धारित शरीर के रंग भिन्नता’ (फेनोटाइपिक पॉलीमोर्फिज्म) का प्रदर्शन करते

कांडला वनः पारंपरिक जैव विविधता हॉटस्पॉट

कर्नाटक जैव विविधता बोर्ड द्वारा जल्द ही उडुपी जिले के कुंडापुर तालुक में स्थित पंचगंगावली ज्वारनदमुख (Panchagangavali Estuary) के कांडला वनों को पारंपरिक जैव विविधता हॉटस्पॉट के रूप में घोषित करने का प्रस्ताव पारित किया जाएगा। संबंधित बिन्दु ज्वारनदमुख के मुहाने पर स्थित कांडला वन 100 एकड़ क्षेत्र में फैला हुआ है और वन विभाग उसी के संरक्षण के लिए हर संभव प्रयास कर रहा है। जैव विविधता हॉटस्पॉट टैग इसके संरक्षण और सुरक्षा के प्रयासों को बढ़ाएगा। बोर्ड का कहना है कि समुद्री जीवों की सुरक्षा और उपचार के लिए समुद्री बचाव केंद्र स्थापित करने का प्रस्ताव किया जाएगा। कांडला (मैंग्रोव वन)

ऊर्जा एवं सतत विकास

विश्व सतत विकास शिखर सम्मेलन

हाल ही में भारत के प्रधानमंत्री ने विश्व सतत विकास शिखर सम्मेलन 2021 का वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से उद्घाटन किया। शिखर सम्मेलन की थीम थीः “अपने साझा भविष्य को पुनर्परिभाषित करनाः सभी के लिए संरक्षित और सुरक्षित वातावरण” (Redefining our common future: Safe and secure environment for all)। सम्मेलन में भारत का दृष्टिकोण जलवायु न्यायः भारत द्वारा जलवायु परिवर्तन के खिलाफ संघर्ष के लिए जलवायु न्याय पर जोर दिया गया। जलवायु न्याय, ट्रस्टीशिप के दृष्टिकोण से प्रेरित है, जिसमें विकास सबसे गरीब व्यक्ति के कल्याण के साथ आता है। जलवायु न्याय का अर्थ विकासशील देशों को विकसित होने के लिए पर्याप्त

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