पारसनाथ में पर्यटन गतिविधियों पर रोक

केंद्रीय पर्यावरण मंत्रालय ने 5 जनवरी, 2023 को झारखण्ड के पारसनाथ में ‘सम्मेद शिखरजी पर्वत क्षेत्र’ में सभी पर्यटन एवं ईको टूरिज्म गतिविधियों पर पाबंदी लगा दी है।

  • केन्द्र सरकार ने पर्यावरण (संरक्षण) अधिनियम, 1986 की धारा 3 के तहत एक निगरानी समिति का गठन किया है।
  • अधिनियम के तहत समिति में जैन समुदाय से दो सदस्य और स्थानीय आदिवासी समुदाय से एक सदस्य को रखा जाएगा, जिससे महत्वपूर्ण हितधारकों द्वारा उचित भागीदारी और निरीक्षण किया जा सकेगा।
  • केंद्र सरकार ने दो अगस्त 2019 को अधिसूचना जारी कर पारसनाथ के एक भाग को इको सेंसेटिव जोन के रूप में घोषित कर दिया था।
  • राज्य सरकार ने 22 फरवरी, 2019 को अधिसूचना जारी कर पारसनाथ को अंतरराष्ट्रीय महत्व का पर्यटन स्थल घोषित कर दिया।

GK फ़ैक्ट

  • पारसनाथ पहाड़ी झारखंड के गिरिडीह जिले में स्थित पहाड़ियों की एकश्रृंखला है। उच्चतम चोटी 1,350 मीटर है। यह जैन के लिए सबसे महत्वपूर्ण तीर्थस्थल केंद्र में से एक है। वे इसे सम्मेद शिखर कहते हैं। 23वें तीर्थंकर के नाम पर पहाड़ी का नाम पारसनाथ रखा गया है।
  • पारसनाथ वन्यजीव अभयारण्य की स्थापना तत्कालीन बिहार राज्य द्वारा 1984 में वन्यजीव संरक्षण कानून, 1972 के प्रावधानों के तहत एवंपर्यावरण (संरक्षण) कानून, 1986 के प्रावधानों के तहत 2019 में संवेदनशील क्षेत्र (ईएसजैड) अधिसूचित किया गया।

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