अल्पसंख्यकों को 1955 में बने कानून से मिलेगी नागरिकता

31 अक्टूबर, 2022 को भारत सरकार द्वारा अफगानिस्तान, बांग्लादेश और पाकिस्तान से आने वाले और वर्तमान में गुजरात के दो जिलों में रह रहे हिंदुओं, सिखों, बौद्ध, जैनियों, पारसियों और ईसाइयों को नागरिकता देने के लिए अधिसूचना भी जारी कर दी गई है।

महत्वपूर्ण तथ्य

  • यह नागरिकता, ‘नागरिकता कानून, 1955’ के तहत दी जाएगी। विवादास्पद ‘नागरिकता संशोधन अधिनियम, 2019’ (सीएए) के बजाय ‘नागरिकता अधिनियम, 1955’ के तहत नागरिकता देने का यह कदम महत्वपूर्ण है।
  • नागरिकता अधिनियम, 1955 की धारा 5, धारा 6 के तहत नागरिकता दी जाएगी। उन्हें नागरिकता नियम, 2009 के प्रावधानों के अनुसार भारत के नागरिक के रूप में पंजीकरण की अनुमति मिलेगी या उन्हें देश के नागरिक का प्रमाण पत्र दिया जाएगा। आवेदन ऑनलाइन जमा करने होंगे, जिनका सत्यापन जिला स्तर पर कलेक्टर द्वारा किया जाएगा।

राष्ट्रीय परिदृश्य