डिजिटल मीडिया आचार संहिता नियम 2021 में संशोधन

28 अक्टूबर, 2022 को प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में सरकार ने खुले, सुरक्षित और भरोसेमंद तथा जवाबदेह इंटरनेट के लिए सूचना प्रौद्योगिकी (मध्यवर्ती दिशा-निर्देश और डिजिटल मीडिया आचार संहिता) नियम 2021 में संशोधन को अधिसूचित किया है।

उद्देश्यः खुले, सुरक्षित और भरोसेमंद तथा जवाबदेह इंटरनेट पर डिजिटल नागरिकों के अधिकारों की रक्षा करना।

  • नियमों में यह भी स्पष्ट किया गया है कि मध्यवर्ती भारतीय संविधान के अनुच्छेद 14, 19 और 21 के अंतर्गत भारतीय नागरिकों को प्रदत्त अधिकारों का सम्मान करें।

नियमों में लागू किए गए प्रमुख परिवर्तन

वर्तमान में मध्यवर्तियों को केवल हानिकारक/गैरकानूनी सामग्री की कुछ श्रेणियों को अपलोड नहीं करने के बारे में उपयोगकर्ताओं को सूचित करना होता है। नया प्रावधान यह सुनिश्चित करेगा कि मध्यवर्ती का दायित्व केवल औपचारिकता भर नहीं रहे।

  • मध्यवर्ती के नियमों और विनियमों के संबंध में प्रभावी सूचना देने के लिए यह महत्वपूर्ण है कि सूचना क्षेत्रीय भारतीय भाषाओं में भी दी जाए।
  • नियम 3(1) (बी)(पप) के आधार को ‘मानहानिकारक’ और ‘अपमानजनक’ शब्दों को हटाकर युक्तिसंगत बनाया गया है। कोई सामग्री मानहानिकारक या अपमानजनक है या नहीं, यह न्यायिक समीक्षा के माध्यम से निर्धारित किया जाएगा।
  • नियम 3(1) (बी) में कुछ सामग्री श्रेणियों को विशेष रूप से गलत सूचना और ऐसी सामग्री, जो विभिन्न धार्मिक/जाति समूहों के बीच हिंसा को उकसा सकती है, से निपटने के लिए अलग ढंग से व्यक्त किया गया है। संशोधन में मध्यवर्तियों को संविधान के तहत उपयोगकर्ताओं को प्रदत्त अधिकारों का सम्मान करने की आवश्यकता बतायी गई है, जिनमें डड्ढू डिलिजेंस, निजता और पारदर्शिता की उचित अपेक्षा किया जाना शामिल है।
  • मध्यवर्तियों की निष्क्रियता या उपयोगकर्ताओं की शिकायतों पर उनके द्वारा लिए गए निर्णयों के खिलाफ अपील करने के लिए शिकायत अपील समिति की स्थापना की जाएगी। हालांकि किसी भी समाधान के लिए उपयोगकर्ताओं को अदालत का दरवाजा खटखटाने का अधिकार होगा।

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