भारत का पहला राष्ट्रीय उत्कृष्टता केंद्र

केंद्रीय पत्तन, पोत परिवहन मंत्री सर्बानंद सोनोवाल ने मुंबई में आयोजित ‘इनमार्को 2022’ में भारत के पहले ‘राष्ट्रीय उत्कृष्टता केंद्र’ (National Center of Excellence) की घोषणा की।

उद्देश्यः भारत में कार्बन उदासीनता और वित्तीय अर्थव्यवस्था (सीई) को बढ़ावा देना तथा पत्तन और पोत परिवहन को ज्यादा से ज्यादा पर्यावरण अनुकूल बनाना है।

महत्वपूर्ण तथ्य

  • यह केंद्र पोत और पोत परिवहन क्षेत्र का समर्थन करने के लिए कई तकनीकी उपायों का उपयोग करेगा तथा वैज्ञानिक अनुसंधान के माध्यम से उद्योग में आने वाली विभिन्न समस्याओं का समाधान करेगा।
  • यह स्थानीय, क्षेत्रीय, राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर समुद्री परिवहन में मूल्यवान शिक्षा, अनुप्रयुक्त अनुसंधान और प्रौद्योगिकी हस्तांतरण भी करेगा।

महत्वपूर्ण आंकड़े

  • भारत अपने सभी प्रमुख बंदरगाहों में बिजली की कुल मांग में नवीकरणीय ऊर्जा की हिस्सेदारी, वर्तमान में 10% से कम है।
  • बंदरगाहों ने 2030 तक प्रति टन कार्गो कार्बन उत्सर्जन में 30% तक कमी लाने का भी लक्ष्य निर्धारित किया है।
  • हरित पोत परिवहन से संबंधित एक पायलट परियोजना का संचालन करने के लिए आईएमओ ग्रीन वॉयज 2050 परियोजना के अंतर्गत भारत का चुनाव पहले देश के रूप में किया गया है।
  • पेरिस समझौते के अंतर्गत 2021-2030 की अवधि के लिए, भारत ने राष्ट्रीय स्तर पर अपना योगदान निर्धारित किया है, जिसमें वर्ष 2030 तक अपने सकल घरेलू उत्पाद की उत्सर्जन गहनता में 33 से 35% तक कमी लाना है।
  • भारत इन लक्ष्यों की प्राप्ति के लिए अग्रसर है और पहले ही कुल स्थापित क्षमता में नवीकरणीय ऊर्जा (आरई) का 24-5% से ज्यादा प्राप्त कर चुका है। वैश्विक स्तर पर, वर्तमान में भारत नवीकरणीय ऊर्जा बिजली क्षमता में चौथे स्थान पर है।
  • पवन ऊर्जा में चौथे स्थान पर है।
  • सौर ऊर्जा क्षमता में 5वें स्थान पर है।

यह केंद्र 5 व्यापक क्षेत्रों पर ध्यान केंद्रित करेगा, जो हैं-

  • नीति, नियामक और अनुसंधान।
  • मानव संसाधन विकास।
  • नेटवर्कः प्रमुख भागीदार और रणनीतिक सहयोगी।
  • अन्वेषणः कार्य का क्षेत्र, परिणाम, परियोजनाएं और संसाधन।
  • संलग्नः कार्य का क्षेत्र, परिणाम, परियोजनाएं और संसाधन।

राष्ट्रीय परिदृश्य