RBI द्वारा बैंकिंग प्रणाली की अधिाशेष तरलता का अवशोषण

3 जुलाई, 2025 को भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) ने सात-दिवसीय वेरिएबल रेट रिवर्स रेपो (VRRR) नीलामी के माध्यम से बैंकिंग प्रणाली से 1,00,010 करोड़ रुपये निकाले।

  • इस कदम का उद्देश्य बैंकिंग प्रणाली में मौजूद अत्यधिक तरलता को कम करना है।
  • RBI के अनुसार, नीलामी के दौरान उसे 1,70,880 करोड़ रुपये की बोलियाँ प्राप्त हुईं।
  • इसमें से, केंद्रीय बैंक ने 5.47 प्रतिशत की कट-ऑफ दर पर 1,00,010 करोड़ रुपये स्वीकार किए।
  • इस कदम से अधिशेष तरलता में कमी आने की उम्मीद है और इससे अल्पकालिक ओवरनाइट दरों में वृद्धि हो सकती है।

वर्तमान में बैंकिंग प्रणाली में अधिशेष तरलता की स्थिति क्यों है?

  • जनवरी 2025 ....
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