RBI द्वारा सह-ऋण ढांचे पर संशोधित दिशानिर्देश

6 अगस्त, 2025 को भारतीय रिज़र्व बैंक (RBI) ने बैंकों और गैर-बैंकिंग वित्तीय कंपनियों (NBFCs) के मध्य सह-ऋण (Co-lending) व्यवस्था को सुदृढ़ करने के लिए संशोधित दिशानिर्देश जारी किए।

  • नई शर्तें: सह-ऋण व्यवस्था (CLAs) में शामिल सभी विनियमित संस्थाओं (REs) को प्रत्येक ऋण का कम-से-कम 10% हिस्सा अपनी बैलेंस शीट पर बनाए रखना अनिवार्य होगा।
  • यह प्रावधान बैंकों और NBFCs — दोनों पर समान रूप से लागू होगा।
  • उद्देश्य: सह-ऋण ढांचे में पारदर्शिता, जवाबदेही और जोखिम-साझेदारी को मजबूत करना।

प्रमुख दिशानिर्देश

  • RBI ने यह भी अनुमति दी कि ऋण आरंभ करने वाली संस्था इस व्यवस्था के अंतर्गत कुल बकाया ऋण का अधिकतम ....
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