Question : बौद्धा के अनुसार चार आर्य सत्य।
(2007)
Answer : गौतम बुद्ध ने बोधि-प्राप्ति के बाद अपनी शिक्षाओं के सारांश को चार आर्य सत्य के रूप में व्यक्त किया। उनकी ये शिक्षायें व्यावहारिक अधिक हैं, सैद्धान्तिक कम। उल्लेखनीय है कि वे सैद्धान्तिक चिन्तन पर बल न देकर व्यवहारिक चिन्तन को ही आवश्यक एवं मूल्यवान मानते थे। उन्होंने दार्शनिकों तत्वों (आत्मा, ईश्वर, जगत) के विषय में उठाये गये प्रश्नों को अव्याकृत प्रश्नादि कहा और दार्शनिक प्रश्न पूछे जाने पर मौनवृत्ति का सहारा लिया। उन्होंने दार्शनिकों प्रश्नों ....
Question : बौद्ध के प्रतीत्यमुत्पाद पर चर्चा करें।
(2006)
Answer : गौतम बुद्ध ने प्रतीत्यसमुत्पाद को सापेक्ष कारणता का सिद्धांत या आश्रित उत्पत्ति का सिद्धांत स्वीकार किया। गौतम बुद्ध के इस सिद्धांत का परवर्ती बौद्ध मत में भी महत्वपूर्ण स्थान बना रहा। यह बौद्ध धर्म का आधारभूत सिद्धांत है। बौद्ध दर्शन का यह दार्शनिक सिद्धांत गौतम के तृतीय एवं तृतीय आर्य सत्यों में निहित हैं व्युत्पत्ति की दृष्टि से प्रतीत्यसमुत्पाद दो शब्दों के योग से बना है- प्रतीत्य और समुत्पाद। इसमें प्रतीत्य का अर्थ है ऐसा ....