अकबर की धार्मिक सहिष्णुता और राजनीतिक रणनीति

अकबर (1556–1605 ई.) को मुगल शासन का सबसे महान शासक माना जाता है, जिन्होंने उदार और समावेशी धार्मिक नीति अपनाई। उनकी धार्मिक दृष्टि का आधार था सर्वशांति और सहिष्णुता (Universal Peace & Tolerance), जिसे उन्होंने सुलह-ए-कुल (Sulh-i-Kul) कहा।

  • यह नीति उदार पंडितों, सूफी और भक्ति परंपराओं, और राजनीतिक आवश्यकताओं से प्रभावित थी।
  • इसका उद्देश्य था भारत के विविध धार्मिक समुदायों में सामंजस्य और सौहार्द स्थापित करना।
  • अकबर की पहल जैसे इबादतखाना की स्थापना और दीन-ए-इलाही का प्रचार, उनके समानता, सम्मान और सांस्कृतिक समन्वय पर आधारित बहुलतावादी साम्राज्य के दृष्टिकोण को प्रदर्शित करती हैं।
      1. अकबर की धार्मिक नीति
      2. अकबर की धार्मिक नीति उनके उदार दृष्टिकोण और ....
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