गांधीवादी विचारधारा

गांधीवादी विचारधारा महात्मा गांधी द्वारा अपनाई और विकसित की गई सामाजिक, राजनीतिक, नैतिक और धार्मिक विचारों की प्रणाली है। इसका आरंभ उनके दक्षिण अफ्रीका प्रवास (1893–1914) के दौरान हुआ और यह स्वतंत्रता संग्राम के समय भारत में परिपक्व हुई।

  • गांधी का विचार व्यावहारिक आदर्शवाद (Practical Idealism) पर आधारित था और इसका लक्ष्य था व्यक्ति और समाज दोनों का परिवर्तन सत्य (Satya) और अहिंसा (Ahimsa) के माध्यम से।
  • गांधी पर प्रभाव डालने वाले प्रमुख स्रोत थे: भगवद् गीता, जैन धर्म, बौद्ध धर्म, बाइबल, गोपाल कृष्ण गोखले, टॉलस्टॉय और जॉन रस्किन।
  • टॉलस्टॉय की द किंगडम ऑफ गॉड इज विदिन यू और रस्किन की अनटू दिस ....
क्या आप और अधिक पढ़ना चाहते हैं?
तो सदस्यता ग्रहण करें
इस अंक की सभी सामग्रियों को विस्तार से पढ़ने के लिए खरीदें |

पूर्व सदस्य? लॉग इन करें


वार्षिक सदस्यता लें
सिविल सर्विसेज़ क्रॉनिकल के वार्षिक सदस्य पत्रिका की मासिक सामग्री के साथ-साथ क्रॉनिकल पत्रिका आर्काइव्स पढ़ सकते हैं |
पाठक क्रॉनिकल पत्रिका आर्काइव्स के रूप में सिविल सर्विसेज़ क्रॉनिकल मासिक अंक के विगत 6 माह से पूर्व की सभी सामग्रियों का विषयवार अध्ययन कर सकते हैं |

संबंधित सामग्री

प्रारंभिक विशेष