​सल्तनत काल की कर-व्यवस्था

दिल्ली सल्तनत (1206–1526 ई.) में कर-व्यवस्था इस्लामी सिद्धांतों और भारतीय परंपराओं का मिश्रण थी। इसका आधार इक़्ता प्रणाली थी, जबकि ख़राज, ज़कात, जजिया आदि कर राज्य कोष में योगदान करते थे।

इक़्ता प्रणाली

  • प्रदान: इक़्ताएँ अमीरों, सैन्य अधिकारियों और सैनिकों को वेतन के बदले दी जाती थीं।
  • राजस्व प्रबंधन: राजस्व से अपना वेतन व सैनिक व्यय घटाकर शेष (फ़वाज़िल) ख़ज़ाने में भेजता।
  • स्थानांतरण: प्रारम्भ में इक़्ताएँ स्थानांतरित होती थीं ताकि स्थानीय शक्ति न बन सके।
  • विकास:
    • इल्तुतमिश ने इसे संस्थागत रूप दिया।
    • अलाउद्दीन खिलजी ने ख़ालसा भूमि बढ़ाकर केंद्रीकरण किया।
    • मुहम्मद तुग़लक़ ने राजस्व और सैनिक प्रबंधन अलग किया।
    • फ़िरोज़ तुगलक ने इक्ता को बड़े पैमाने पर वंशानुगत बना ....
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