​शासन उपकरण के रूप में अशोक के शिलालेख

अशोक के शिलालेख शाही अभिलेखों का एक क्रांतिकारी संग्रह थे, जिनका उपयोग सम्राट अशोक ने धम्म (धर्म/न्यायशीलता) की अपनी विशिष्ट शासनदर्शिता को सीधे जनता और मौर्य साम्राज्य के विशाल प्रशासन तक पहुँचाने के लिए किया।

शासन के उपकरण के रूप में शिलालेखों की भूमिका

  • शाही उद्घोषणा: शिलालेख कलिंग युद्ध के पश्चात सम्राट की नई राजनीतिक और नैतिक दृष्टि का सार्वजनिक उद्घोष थे, जिन्होंने युद्ध के शोर (भेरीघोष) की जगह धर्मघोष को प्राथमिकता दी।
  • सुलभता और पहुँच: शिलालेख चट्टानों और पालिश किए हुए रेताशिला स्तंभों पर लिखे गए थे और मुख्य व्यापार मार्गों तथा जनसंकुल क्षेत्रों के पास रणनीतिक रूप से स्थापित किए गए ....
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