​स्वतंत्रता संग्राम में महिलाओं की भूमिका

भारत के स्वतंत्रता संग्राम में महिलाओं ने इसे एक जन आंदोलन में परिवर्तित करने में निर्णायक भूमिका निभाई। उन्होंने भारत माता के आदर्श से प्रेरित होकर न केवल राजनीतिक आंदोलनों में भाग लिया, बल्कि सामाजिक जागरूकता का आधार भी तैयार किया।

  • असहयोग आंदोलन (1920–1922) के दौरान महिलाओं ने ब्रिटिश वस्तुओं का बहिष्कार किया, खादी को बढ़ावा दिया, मार्चों में भाग लिया और जेल यात्रा को स्वीकार किया।
  • नमक सत्याग्रह (1930) में सरोजिनी नायडू, कमला नेहरू जैसी नेताओं ने विरोध का नेतृत्व किया, नमक दुकानों पर धारणा दिया और ग्रामीण महिलाओं को संघर्ष में शामिल किया। भारत छोड़ो आंदोलन (1942) में महिलाओं ने ....
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