​मुग़ल काल की भू-राजस्व प्रणाली

मुग़ल साम्राज्य, विशेषकर अकबर के शासनकाल में, एक परिष्कृत और अपेक्षाकृत मानकीकृत भू-राजस्व प्रणाली विकसित हुई। इसका उद्देश्य विशाल साम्राज्य के प्रशासन और सेना के लिए स्थिर आय सुनिश्चित करना था। इस व्यवस्था का मुख्य आधार ज़ब्त प्रणाली (आइने-दहसाला) थी, जिसने आगे की राजस्व व्यवस्थाओं को गहराई से प्रभावित किया।

ज़ब्त प्रणाली (आइने-दहसाला)

  • प्रारम्भ: 1580 ई. में अकबर ने अपने वित्तमंत्री राजा टोडरमल की सहायता से इसे लागू किया।
  • मुख्य विशेषताएँ:
    • दशवार्षिक आकलन: पिछले दस वर्षों की औसत उपज और औसत मूल्य के आधार पर कर निर्धारित।
    • मानकीकृत मापन: भूमि का सर्वेक्षण और मापन बीघा इकाई में, उपजाऊपन के आधार पर वर्गीकरण।
    • नकद भुगतान: कर नकद ....
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