​स्वतंत्रता के पश्चात भारतीय नौकरशाही संरचना

स्वतंत्रता के पश्चात भारतीय नौकरशाही, ब्रिटिश कालीन इंडियन सिविल सर्विस (ICS) का अनुक्रम है, लेकिन यह अब एक लोकतांत्रिक और कल्याणकारी राज्य के मॉडल के अनुरूप पुनर्गठित है। यह एक केंद्रित, योग्यता-आधारित प्रणाली है, जिसे "भारत का स्टील फ्रेम" कहा जाता है — यह शब्द सरदार वल्लभभाई पटेल ने दिया था, जो राष्ट्रीय एकता और प्रशासनिक स्थिरता में इसकी महत्वपूर्ण भूमिका को दर्शाता है।

मुख्य घटक और विशेषताएँ

  • अखिल भारतीय सेवाएं

ये सबसे प्रमुख और शक्तिशाली सेवाएं हैं, जिनमें अधिकारियों की भर्ती केंद्र सरकार द्वारा होती है, लेकिन उन्हें विभिन्न राज्य कैडरों में नियुक्त किया जाता है। यह राष्ट्रीय एकता और समग्र दृष्टिकोण ....

क्या आप और अधिक पढ़ना चाहते हैं?
तो सदस्यता ग्रहण करें
इस अंक की सभी सामग्रियों को विस्तार से पढ़ने के लिए खरीदें |

पूर्व सदस्य? लॉग इन करें


वार्षिक सदस्यता लें
सिविल सर्विसेज़ क्रॉनिकल के वार्षिक सदस्य पत्रिका की मासिक सामग्री के साथ-साथ क्रॉनिकल पत्रिका आर्काइव्स पढ़ सकते हैं |
पाठक क्रॉनिकल पत्रिका आर्काइव्स के रूप में सिविल सर्विसेज़ क्रॉनिकल मासिक अंक के विगत 6 माह से पूर्व की सभी सामग्रियों का विषयवार अध्ययन कर सकते हैं |

संबंधित सामग्री

प्रारंभिक विशेष