​सल्तनत एवं मुगल कालीन न्यायिक संरचना

सल्तनत और मुगल काल की न्यायिक व्यवस्था शरीअत (इस्लामी कानून) से गहराई से प्रभावित थी, किंतु दोनों के बीच प्रशासनिक परिपक्वता, केन्द्रीयकरण की सीमा और संस्थागत ढाँचे में उल्लेखनीय भिन्नता दिखाई देती है।काजी प्रणाली दोनों में ही न्यायिक ढाँचे का प्रमुख आधार थी, जबकि दीवान-ए-अदालत की संस्था मुगलों के अधीन अधिक विकसित रूप में सामने आई और आगे चलकर ब्रिटिशों ने भी इसे अपनाया।

दिल्ली सल्तनत (1206-1526)

  • सुल्तानः न्याय का सर्वोच्च प्रमुख, जो दीवान-ए-मजालिम नामक विशेष शाही न्यायालय में मौलिक व अपील-प्रकरणों की सुनवाई करता था।
  • काजी-उल-कुजातः यह पद मुख्य काजी का था, जिसे सुल्तान नियुक्त करता था। यह न्यायिक विभाग का प्रधान ....
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