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गुड लेबोरेटरी प्रैक्टिस
- 16 Oct 2020
अक्टूबर 2020 में भारतीय अच्छी प्रयोगशाला अभ्यास कार्यक्रम (Indian GLP programme) के योगदान को मान्यता देते हुए, भारत को आर्थिक सहयोग और विकास संगठन (OECD) के ‘गुड लेबोरेटरी प्रैक्टिस’ (Good Laboratory Practice-GLP) के कार्यकारी समूह का 'उपाध्यक्ष' नामित किया गया है।
महत्वपूर्ण तथ्य: गुड लेबोरेटरी प्रैक्टिस (जीएलपी) एक गुणवत्ता प्रणाली है, जो औद्योगिक रसायन, औषधियों (मानव और पशु चिकित्सा), कृषि-रसायन, कॉस्मेटिक उत्पादों, भोजन / योजक, और चिकित्सा उपकरण आदि, जैसे विभिन्न रसायनों पर उत्पन्न सुरक्षा डेटा को सुनिश्चित करने के लिए OECD द्वारा विकसित किया गया है।
- विज्ञान और प्रौद्योगिकी विभाग, भारत सरकार ने 24 अप्रैल, 2002 को राष्ट्रीय जीएलपी अनुपालन निगरानी प्राधिकरण (National GLP Compliance Monitoring Authority- NGCMA) की स्थापना की।
- NGCMA एक राष्ट्रीय संस्था है, जो GLP और OECD परिषद के मानदंडों के अनुसार उपर्युक्त श्रेणियों के नए रसायनों पर सुरक्षा अध्ययन करने के लिए परीक्षण सुविधाओं को GLP प्रमाणन प्रदान करती है। 2004 में NGCMA द्वारा पहला GLP प्रमाणन प्रदान किया गया था।
- 3 मार्च, 2011 को भारत OECD में 'डेटा की पारस्परिक स्वीकृति' (Mutual Acceptance of Data-MAD) का पूर्ण पालनकर्ता बन गया था।
महत्व: रसायनों की गैर-खतरनाक प्रकृति को अध्ययन और डेटा के माध्यम से स्थापित करने की आवश्यकता होती है, और संबंधित देशों के नियामकों द्वारा यह प्रमाणित करने के लिए जांच की जाती है, कि इन रसायनों का उपयोग मानव स्वास्थ्य और पर्यावरण के लिए कोई खतरा पैदा नहीं करता है।
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